अमरावती

11 माह में चोरी व सेंधमारी के मामले बढे, अंतरराज्यिय चोर भी पकडे गए

ग्रामीण पुलिस ने कई मामलों का किया सफलता के साथ पर्दाफाश

अमरावती/दि.8– इन दिनों जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी व सेंधमारी की वारदाते बडे पैमाने पर घटित हो रही है. साथ ही वाहन चोरी और कृषि साहित्य सहित खेतों से अनाव चुराने की घटनाएं भी सामने आयी है. जिसके चलते इन सभी घटनाओं पर अंकुश लगाए रखने और चोरों को पकडने की बडी जिम्मेदारी ग्रामीण पुलिस पर आ गई है. जिले में कुल 1923 राजस्व गांव है. जिसमें से 1566 आबाद गांव व 358 उजाड गांव है. जिले मेें कुल 841 ग्रामपंचायते है. जिनमें से 438 स्वतंत्र व 403 गट ग्रामपंचायते है. इन सभी गांवों में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने हेतु ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय अंतर्गत 31 पुलिस थाने कार्यरत है.

बता दें कि, इन दिनों तहसील, नगर पंचायत व नगर पालिका वाले शहरों का विस्तार काफी तेजी से हो रहा है. जिसके चलते पुलिस पर काम का बोझ काफी अधिक बढ गया है और कार्रवाई करने में काफी चुनौतियों का सामना भी करना पड रहा है. हालांकि इसके बावजूद भी ग्रामीण पुलिस का डिटेक्शन रेड काफी बेहतरीन है.

* जिले में 9 माह दौरान 770 चोरियां
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जनवरी से सितंबर माह के दौरान चोरी के 770 मामले सामने आये. वहीं 113 घरों में सेंधमारी की गई. इसके अलावा राहजनी के 16 व डकेती के 2 मामले भी जिले में दर्ज हुए है. साथ ही 2 मामलों में डाके का प्रयास हुआ था. इन सभी घटनाओं को देखते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रिकालीन गश्त को बढाए जाने की जरुरत है.

* मामले सुलझने का प्रमाण मर्यादित
जिले में जनवरी से सितंबर माह की कालावधि के दौरान चोरी, सेंधमारी, राहजनी, डाका व डाके का प्रयास से संबंधित कुल 900 मामले दर्ज किए गए. जिसमें से कुछ चुनिंदा मामलों का ही पर्दाफाश करने में पुलिस को सफलता मिली है.

* क्या है पुलिस के दिक्कते?
ग्रामीण क्षेत्र के एक पुलिस थाने में कई गांवों का समावेश होता है और हर गांव एक दूसरे से एक-दो किमी की दूरी पर होता है. साथ ही पुलिस थाना क्षेत्र में शामिल कई गांव तो पुलिस थाने से 20 से 25 किमी की दूरी पर रहते है. जिसके चलते सभी ग्रामीण क्षेत्रों में गश्त लगाने को लेकर कई तरह की दिक्कते सामने आती है.

* ऑनलाइन जालसाजी के मामले भी बढे, 65 अपराध दर्ज
इन दिनों साइबर जालसाजी के मामले में लगातार बढ रहे है. लॉटरी, टास्क फ्रॉड, वर्क फ्राम होम, क्यूआर कोड व पार्ट टाइम जॉब के नाम पर लोगों के साथ ऑनलाइन जालसाजी की जा रही है. वर्ष 2022 में साइबर जालसाजी के 112 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं जारी वर्ष में अब तक ऐसे 65 मामले दर्ज किए जा चुके है. जिसके चलते साइबर जनजागृति की जरुरत निर्माण हुई है.

* तीवसा में सुवर्णकार की हत्या के साथ चोरी भी
विगत 27 नवंबर को तिवसा में सुवर्ण व्यवसायी संजय मांडले की निर्ममतापूर्वक हत्या की गई थी. साथ ही हत्यारे ने उनके घर से करीब 74 लाख 68 हजार रुपए मूल्य का सामान चूराया था. ऐसी शिकायत तिवसा पुलिस में दर्ज कराई गई थी. इस घटना को लेकर पूरे जिले में हडकंप मचा था. हालांकि ग्रामीण पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा ने महज 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करते हुए मामले का पर्दाफाश किया था और चोरी का माल भी बरामद किया गया था.

* जनवरी से सितंबर माह के दौरान जिले के 31 पुलिस थानों में चोरी के 770, सेंधमारी के 113, राहजनी 16 व डाके के 2 मामलों के साथ ही डाके का प्रयास को लेकर 2 मामले दर्ज किए गए, ऐसे सभी मामलों की सघनता के साथ जांच चल रही है. वहीं ऐसी घटनाओं को नियंत्रण रखने हेतु संबंधित पुलिस थानों सहित स्थानीय अपराध शाखा के विविध पथकों की गश्त 24 बाय 7 शुरु रहती है.
– किरण वानखडे,
पुलिस निरीक्षक,
स्थानीय अपराध शाखा

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