अमरावती

संभाग में 1.92 लाख हेक्टेअर वन जमीन की चोरी!

रिकॉर्ड हुआ अभिलेख से गायब, 22 साल से चल रही टालमटोल

* शिक्षा संस्थाओं व सामाजिक संगठनों के नाम पर बांटी गई खैरात
अमरावती /दि.12- अमरावती राजस्व विभाग अंतर्गत अमरावती, अकोला, बुलढाणा व यवतमाल जिलों की 1.92 लाख हेक्टेअर वन जमीन, वन अभिलेख से गायब हो गई है. किंतु इसके बावजूद भी वर्ष 2001 से 2023 के दौरान विगत 22 वर्षों में एक भी मुख्य वन संरक्षक व उप वन संरक्षक ने उक्त वन जमीन को वापिस प्राप्त करने के लिए कोई पहल नहीं की. जिसके चलते वन विभाग के कामकाज पर सवालिया निशान लगता नजर आ रहा.
पूर्व विभागीय वन अधिकारी हेमंत छाजेड द्बारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार के नाम 2 अगस्त 2023 को भेजी गई शिकायत के अनुसार अभिलेख से वन जमीन को अलग करने हेतु अमरावती के तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक तस्लिम अहमद तथा यवतमाल के वन संरक्षक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन वन जमीनों के गायब हो जाने को लेकर भाजपा व शिवसेना सहित अन्य विधायकों ने राज्य विधान मंडल में सन 2009 व 2013 के दौरान तारांकित प्रश्न उपस्थित करते हुए राज्य सरकार से जवाब पूछा था. राजस्व विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा संस्थाओं तथा नेताओं की सामाजिक संस्थाओं को विभिन्न प्रयोग के नाम पर अवैध तरीके से वन जमीन वितरीत किए जाने की बात सामने आयी है. परंतु इसके बावजूद इस मामले में वन भंग सहित फौजदारी कानून के नियमों व संहिता के प्रावधानों के अनुसार अधिनस्थ उपवन संरक्षक, विभागीय वन अधिकारी, सहायक वन संरक्षक तथा वन क्षेत्रपाल पर किसी भी तरह की कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है. इसके अलावा डांगे से रेड्डी तक सभी वन सचिवों, मांगलुरकर से गोवेकर तक सभी सहसचिवों, ज्वालाप्रसाद से राव तक सभी मुख्य वन संरक्षकों, मजुमदार से कल्याणकुमार तक सभी उपार प्रधान मुख्य वन संरक्षकों ने वन जमीनों के गायब होने के मामले की अनदेखी की है. इसके अलावा वन सांख्यिकी एवं सहायक वन सांख्यिकी के अमरावती व यवतमाल स्थित कार्यालयों में अपनी वार्षिक प्रशासनीक रिपोर्ट व कार्यक्रम अंदाज पत्रक में वन जमीनों को लेकर दिशाभूल करने वाली जानकारी देकर संविधानबाह्य एवं संगठित अपराधिक कृत्य किया है, ऐसा भी छाझड ने अपनी शिकायत में कहा है.
* अमरावती विभाग में वन जमीनें अभिलेख भी गायब हो जाने को लेकर अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है. परंतु किस वर्ष वन जमीनें गायब हुई, इसे लेकर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जाएगी.
– कल्याण कुमार,
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संवर्धन), नागपुर.

* जिला निहाय गायब वन जमीने
अमरावती – 67 हजार 500 हेक्टेअर
यवतमाल – 70 हजार हेक्टेअर
बुलढाणा – 40 हजार 750 हेक्टेअर
अकोला – 6 हजार 698 हेक्टेअर

* 2 वर्ष में ही बदल गई रिपोर्ट
केंद्र सरकार की वर्ष 1999 की वार्षिक राज्य वन रिपोर्ट में अमरावती विभाग ने 63 लाख हेक्टेअर वन जमीन की जानकारी दर्ज थी. परंतु वर्ष 2001 की वार्षिक रिपोर्ट में 61 लाख हेक्टेअर वन जमीन की जानकारी दर्ज है. जिसे देखकर स्पष्ट समझमें आता है. केेवल 2 वर्ष में ही 2 लाख हेक्टेअर वन जमीन सरकारी दस्तावेजों से गायब हो गई है.

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