अमरावती

सुपर कोविड अस्पताल में बढने लगी चोरियां

बडे पैमाने पर सामने आ रहीं शिकायतें

  • मरीजों व मृतकों के साहित्य हो रहे गायब

अमरावती प्रतिनिधि/दि.६ – कोरोना संक्रमित मरीजों पर इलाज करनेवाले सुपर स्पेशालीटी के कोविड हॉस्पिटल में इन दिनों बडे पैमाने पर चोरियां होने लगी है. विगत दिनों यहां पर एक कोरोना संक्रमित मरीज का मोबाईल, सोने की अंगूठी और कुछ नकद रकम चुरा लिये गये. इससे पहले भी यहां पर ऐसी अनेक घटनाएं घटित हो चुकी है और कई मामलों में तो कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के बाद उसके साथ भरती होते वक्त दिया गया साजो-सामान वापिस नहीं मिल पाया. ऐसे में इन दिनों सुपर कोविड अस्पताल में चोरी होने की घटनाओं को लेकर बडे पैमाने पर शिकायतें सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक सुपर स्पेशालीटी के कोविड अस्पताल में विगत १२ सितंबर को इलाज हेतु भरती कराये गये मरीज की गुरूवार ३ अक्तूबर को मौत हो गयी. कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद दवाखाने में भरती होते समय उसके पास उसका मोबाईल रहने के साथ ही हाथ में सोने की अंगूठी और पैन्ट की जेब में १५०० रूपये नकद थे. इस मरीज की मौत के बाद गुरूवार को उसका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए हिन्दू स्मशान भुमि की गैस शव दाहिनी में लाया गया. इससे पूर्व मृतक के साथ रहनेवाला साजो-सामान उसके परिजनों को दिया गया, लेकिन इसमें मोबाईल, सोने की अंगूठी व नकद रकम का समावेश नहीं था. इस बारे में पूछताछ करने पर बताया गया कि, मरीज के पास ऐसा कोई सामान था ही नहीं. जिसके चलते अब संबंधित परिजनों द्वारा इस मामले की रिपोर्ट पुलिस में देने की तैयारी की जा रही है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, सुपर स्पेशालीटी के कोविड अस्पताल में इससे पहले भी चोरी के मामले घटित हुए है. जिसमें से अधिकांश मामलों में कोरोना संक्रमण की वजह से मृत होनेवाले मरीजों का सामान चुराया गया है. ऐसे समय संबंधित परिजनों की मानसिकता बेहद अलग होती है और वे दु:ख व शोक में डूबे रहते है. जिसके चलते उनका इन सब बातों पर ध्यान नहीं जाता. संभवत: इस बात का कुछ लोगों द्वारा गलत फायदा उठाया जा रहा है.

  • मना करने पर भी ऐसी वस्तुएं क्यों देते हैं?

इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉ. रवि भूषण ने बताया कि, अस्पताल की ओर से बार-बार यह बताया जाता है कि, कोरोना संक्रमित मरीजों को भरती करते समय उनके साथ मोबाईल व आभूषण जैसी महंगी वस्तुएं या नकद रकम न दी जाये, क्योकि इन सब बातों की मरीज को कोई जरूरत नहीं रहती. अस्पताल में इस आशय का फलक भी लगाया गया है, लेकिन इसके बावजूद मरीजों के परिजनों द्वारा इन निर्देशों की अनदेखी की जाती है. इस अस्पताल में अनेकों मरीज भरती है. जिनकी सेवा में सभी डॉक्टर व कर्मचारी पूरी तरह से व्यस्त है. ऐसे में हम कहां-कहां और कितना ध्यान दें, यह भी सबसे बडी समस्या है.

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