फिर लॉकडाउन की स्थिति से पर्यटन नगरी में भय का वातावरण
मेलघाट के गरीब आदिवासी नागरिकों पर बेरोजगारी का कहर
चिखलदरा/दि.11 – मेलघाट की गरीब आदिवासी जनता सभी पिछले लॉकडाउन से जैसे-तैसे उबर ही रही थी कि जिलाधिकारी के आदेश ने फिर इन गरीबों की मुश्किलें बढा दी है. बीते दो साल से पर्यटन नगरी विदर्भ के छोटे कश्मीर में हर साल की तरह इस साल पर्यटक की काफी कमी महसूस हुई है. हर साल हाउसफुल चलने वाली पर्यटन नगरी चिखलदरा में इस बार अस्थाई होटल और साथ ही छोटे-छोटे चाट भंडार पर काफी हद तक बेरोजगारी का खतरा मंडरा चुका है. लॉकडाउन की जानकारी मिलते ही नागरिकों में भय का माहौल नजर आ रहा है. अचानक दिए गए इस आदेश से कई परिवारों पर अभी से भूखमरी के काले बादल मंडरा रहे हैं.
नागरिकों का कहना है कि, टूटे-फूटे विकास के चलते पहले ही चिखलदरा वासियों का बुरा हाल है. इस बार भी अगर कडक आदेश के चलते लॉकडाउन बरकरार रहा, तो हालात बद से बत्तर नजर आएंगे. लॉकडाउन को लेकर सिर्फ आम जनता को ही कडाई से पालन करने को कहा जाता है. मिलों दूर अप-डाउन करने वाले कर्मचारियों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाती, ऐसा सवाल नागरिक कर रहे है. पर्यटन नगरी को पूर्ण रुप से बंद किया गया तो प्रशासन को अप-डाउन करने वाले सभी कर्मचारियों पर मुख्यालय में रहने की सख्ती की जाए, ताकि कोरोना महामारी से पर्यटन नगरी को भी सुरक्षित रखा जा सके.