अमरावतीविदर्भ

फिर बाघ ने किया दो भैसों का शिकार

धारणी तहसील के भादूबल्डा ग्राम की घटना

* क्षेत्र के नागरिकों में दहशत का वातावरण
धारणी /दि.11- मेलघाट के धारणी तहसील में पट्टेदार बाघ का आतंक जारी है. दादरा, हीराबंबई और शिवाझिरी में आतंक मचाने के बाद पट्टेदार बाघ ने रविवार को सुबह धारणी से 45 किमी दूरी पर स्थित भादूबल्डा गांव में दो भैसों का शिकार किया. इस घटना से आसपास के गांव में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है.
भादूबल्डा गांव में दो भैसों का शिकार किए जाने की घटना प्रकाश में आने के बाद पट्टेदार बाघ बिबामल से भादूबल्डा मार्ग पर स्थित जंगल में रहने का संदेह है. वन्य प्राणी और मनुष्य के बीच कोई संघर्ष न होने के लिए वनपरिक्षेत्र अधिकारी शुभांगी डेहनकर डेरा डाले हुए है. जगह-जगह ट्रैप कैमरे और लोहें के पिंजरे लगाए हुए है. बाघ के फुटमार्क खोजकर लोकेशन का पता लगाया जा रहा है. मेलघाट के अनेक गांव ऐसे है जहां अभी भी बिजली नहीं है. जिसमें भादूबल्डा का समावेश है. यह गांव व्याघ्र प्रकल्प में नहीं आता, इसके बावजूद वहां बिजली नहीं है. गांव में सडक का भी पता नहीं है. यह गांव जलापूर्ति योजना से भी वंचित है. केवल एक शिक्षक के माध्यम से गांव में शाला शुरु है. धारणाी पंचायत समिती अंतर्गत आने वाले भादूबल्डा गांव में कोई सरकारी योजना भी नहीं पहुंचती. पटवारी, ग्रामसेवक, कृषिसेवक समेत अनेक अधिकारियों ने इस गांव को अब तक नहीं देखा है. इसी गांव में अब पट्टेदार बाघ का आतंक है. बाघ की दहशत के चलते गांव में बिजली नहीं रहने से रात के अंधरे में ग्रामवासी दहशत में रह रहे हैं. दो भैसों का शिकार होने से सहायक वनसंरक्षक राजेश महल्ले ने क्षेत्र में गश्त शुरु की है. भादूबल्डा से बिबामल गांव की दूरी 8 किमी है. गांव के निकट स्थित बामडी नदी पार कर बाघ बिबामल पहुंचने की संभावना हैं. भादूबल्डा ने इस बाघ ने प्रतापसिंग अहिरीया और विनोदसिंग अहिरीया की भैसों का शिकार किया है. इस गांव के नागरिकों को घने जंगल में डेढ किमी दूरी पर पेयजल के लिए जाना पडता है. लेकिन अब क्षेत्र में बाघ का संचार रहने से ग्रामवासियों में दहशत व्याप्त है.

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