अमरावतीमहाराष्ट्र

श्री रामचरित मानस के हर खंड के श्रवण का अलग-अलग लाभ

शास्त्री ईश्वरचंद्र व्यास का विवेचन

* भक्तिधाम में कथा का आयोजन
अमरावती/दि.17-श्री जलाराम सत्संग मंडल की ओर से स्थानीय बडनेरा रोड स्थित भक्तिधाम में सुंदरकांड कथा का आयोजन किया गया. जिसमें गुजरात के जुनागंज से पधारे शास्त्री ईश्वरचंद्र व्यास ने कथा के पहले दिन श्री रामचरित मानस के सातों खंड का महत्व बयां करते हुए कहा की हर खंड के श्रवण से अलग-अलग लाभ मिलता है. शास्त्री ईश्वरचंद व्यास ने कहा कि, कलयुग के दोषों का निवारण श्री रामचरित मानस करता है.
शहर में संभवतः प्रथम ही सुंदरकांड कथा का आयोजन किया गया. कथा की मंदिर से जलाराम शुरुआत भक्तिधाम मंदिर सत्संग मंडल अध्यक्ष दिलीपभाई पोपट व अन्य पदाधिकारियों ने सिर पर पोथी लेकर उमीया सभागृह में पहुंचे, यहां दिलीप भाई पोपट ने सपत्नीक पोथी का पूजन कर शास्त्री जी से अशिर्वाद लिया. पश्चात कथा आरंभ हुई. शास्त्री जी ने अपने संबोधन में कहा कि, रामकथा सुनने व सुनानेवाला राम बन जाता है, कथा का हृदय में वास होना चाहिए. शास्त्री ईश्वरचंद्र व्यास ने रामचरित मानस के सातों खंड का ब्यौरा रखते हुए कहा की बालकांड कथा श्रवण से दोष मिटता है. अयोध्याकांड कथा श्रवण से वासना दूर होती है, प्रेम निर्माण होता है. अयोध्याकांड की महीमा अपरम पार है. अरण्यकांड श्रवण से भोग मिटता है और योग मिलता है. किष्कींधाकांड कथा सुनने से आलस्य दूर होता है. सेवा की भावना बढती है. उन्होंने कहा कि, सेवा भजन का ही एक प्रकार है. सुंदरकांड श्रवण से मां प्रसन्न होती है. सुंदरकांड में हनुमानजी की भूमिका साधक के रूप में वर्णित की गई है. सुंदरकांड से मन को शांति मिलती है. मनका कांड श्रवण से मोह मिटता है और ज्ञान प्राप्त होता है. उत्तरकांड को महत्वपूर्ण बताते हुए शास्त्री जी ने कहा कि, इसके श्रवण से शंकाओ का निराकरण होता है, शरणागती मिलती है.
कथा के दौरान दिलीपभाई पोपट, हसमुखभाई कारिया, हर्षदभाई उपाध्याय, अनिलभाई पंड्या, दिलीपभाई ठकराल (नागपुर), महेंद्रभाई पोपट (अकोला), अमृतभाई पटेल, नितीनभाई गणात्रा, सुरेशभाई माखेचा, रमणीकभाई उनडकाड, दिनेशभाई लाहोटी, राजुभाई आडतिया, भीकुभाई तन्ना, लालचंदभाई गुप्ता, केतनभाई पलान, लालुभाई तन्ना, राजेशभाई पोपट, हंसाबेन पोपट, वैशालीबेन पंड्या, पूजाबेन गणात्रा, रश्मीबेन रायचुरा, सरलाबेन तन्ना सहित बडी संख्या में श्रध्दालु उपस्थित थे.
* दो चरणों में कथा
श्री जलाराम सत्संग मंडल की ओर से आयोजित सुंदरकांड कथा में हरीहरात्मक चरित्रसार शास्त्री ईश्वरचंद्र व्यास ने बताया रोजाना दोपहर 3.30 से शाम 6.30 व रात 8.30 से 11.30 बजे तक इस प्रकार दो चरणों में कथा होगी, जिसकी पूर्णाहुती 20 मार्च को की जायेगी. शाम 6.30 के कथा बाद प्रसाद का वितरण भी किया गया.

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