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काटकुंभ के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में तमाम गडबडियां

प्रदीप मुंडे ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि. 12- कुपोषण तथा माता व बालमृत्यु की समस्याओं से जुझते आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की स्वास्थ समस्याओं को हल करने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा बडे पैमाने पर पैसा खर्च किया जाता है और तमाम तरह की योजनाएं भी चलाई जाती है. परंतु चिखलदरा तहसील अंतर्गत काटकुंभ के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र द्वारा विगत दो वर्षों से गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों की स्वास्थ जांच हेतु कोई कैम्प आयोजित नहीं किया गया है. बल्कि कैम्प आयोजित करने की झूठी जानकारी पेश करते हुए बिना कैम्प लिए ही इससे संबंधित बिलों का भुगतान किया जा रहा है. इसके अलावा भी काटकुंभ के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में तमाम तरह की गडबडियां चल रही है, इस तरह की शिकायत राष्ट्रीय बजरंग दल के काटकुंभ अध्यक्ष प्रदीप मुंडे द्वारा मुख्यमंत्री व स्वास्थ मंत्री के नाम जिलाधीश को सौंपे गए ज्ञापन में की गई है.
इस ज्ञापन में कहा गया है कि, इस क्षेत्र में बिजली की समस्या रहने के चलते सरकार ने इस क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों को जनरेटर उपलब्ध कराए हैं. परंतु काटकुंभ व हतरु सर्कल के जनरेटर बंद पडे है. जिसके बावजूद जनरेटर का दो वर्षों से प्रयोग किए बिना दुरुस्ती व डीजल के खर्च के तौर पर वहां के डॉक्टरों द्वारा दो लाख रुपए का बिल निकाला गया. इसके अलावा इस प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के डॉक्टर व कर्मचारी हमेशा ही गैरहाजिर भी रहते है. इसकी वजह से क्षेत्र के आदिवासी नागरिकों सहित गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को स्वास्थ संबंधि विभिन्न समस्याओं का सामना करना पडता है. ऐसे में इस पूरे मामले की जांच करते हुए काटकुंभ प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के डॉक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए अन्यथा काटकुंभ गांव वासियों द्वारा जिलाधीश कार्यालय पर मोर्चा निकाला जाएगा.

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