शहर में केवल 55 स्टैंड, 7 हजार ऑटो रिक्शा कहां खडे करना?
अमरावती में पार्किंग की समस्या भीषण
* भीडभाड वाले स्थल ऑटो रिक्शा चालकों का डेरा
अमरावती /दि.27– शहर की चरमराई यातायात व्यवस्था यह गंभीर समस्या है. जिसमें ऑटो रिक्शा की भीड सिरदर्द साबित हो रही है. सही मायने में अमरावती में अधिकृत केवल 55 ऑटो रिक्शा स्टैंड है. लेकिन 7 हजार ऑटो रिक्शा कहां और कैसे खडे करना यह भीषण प्रश्न ऑटो रिक्शा चालकों के सामने है.
वर्तमान में दो घर छोडकर दुपहिया और चारपहिया वाहन दिखाई देते है. ऐसा रहा, तो भी गरीब और सामान्य परिवार के लिए ऑटो रिक्शा यातायात का प्रमुख साधन है. आबादी बढने के साथ वाहनों की संख्या भी बढी है. गत दो वर्ष पूर्व अमरावती शहर में केवल 5 हजार ऑटो रिक्शा थे. लेकिन अब यह संख्या 7 हजार हो गई है. सडकों पर ऑटो रिक्शा की भीड अनेकों के लिए सिरदर्द साबित होती रही, तो भी मनपा प्रशासन द्वारा नई मांग के मुताबिक 90 ऑटो रिक्शा स्टैंड निर्मित नहीं किये गये है. अधिकृत ऑटो रिक्शा स्टैंड न रहने से चालकों को ऑटो रिक्शा कही भी खडे करना पडता है.
* रोजगार मिलना कठिन
निजी वाहन, बस के साथ अनेक वाहनों की भीड बढ गई है. हर किसी के पास दुपहिया वाहन है. इस कारण ऑटो रिक्शा चालकों को रोजगारि मलना कठिन हो गया है. नौकरी की कमी रहने से अनेक शिक्षित युवक ऑटो रिक्शा चलाकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं.
* शहर में केवल 55 ऑटो रिक्शा स्टैंड
अमरावती मनपा परिक्षेत्र में 7 हजार ऑटो रिक्शा रहने के बावजूद केवल 55 ऑटो रिक्शा स्टैंड हैं. ऑटो संगठना की तरफ से नये 90 स्थानों पर ऑटो रिक्शा स्टैंड की मांग की गई है.
* रिक्शा की संख्या 7 हजार
अमरावती शहर में ऑटो रिक्शा संख्या 7 हजार से अधिक है. इसमें ई ऑटो रिक्शा भी शामिल हो गये है. ऐसे में महिलाओं के लिए पिंक रिक्शा भी शासन की तरफ से वितरीत किये जा रहे है. इस कारण ऑटो रिक्शा की संख्या बढने वाली है.
* 25 साल से ऑटो रिक्शा पर ही सबकुछ निर्भर
पिछले 25 साल से ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता हूं. पूरा जीवन ऑटो रिक्शा के स्टेयरिंग पर ही रहा है. अब दूसरा कोई भी काम नहीं होता. पहले जैसा रोजगार नहीं है.
– अब्दूल अशफाक,
ऑटो रिक्शा चालक.
* प्रयास किये जाते है
ऑटो रिक्शा चालकों को भी आरटीओ की नियमावली लागू है. चालक संगठना के पदाधिकारियों की बैठकें भी ली जाती है. उनकी मांग के मुताबिक लोकनिर्माण विभाग, जिलाधिकारी अथवा मनपा प्रशासन के पास प्रयास किये जाते है.
– प्रशांत देशमुख,
एआरटीओ, अमरावती.