अमरावती

परीक्षा में दिमाग चल रहा है, मगर हाथ नहीं

आधे घंटे के अतिरिक्त समय से मिल रही राहत

अमरावती/दि.23– कोविड संक्रमण के खतरे की वजह से जहां विगत वर्ष पूरे सालभर पढाई-लिखाई ऑनलाईन चलती रही, वहीं जारी शैक्षणिक सत्र में भी सितंबर माह तक ऑनलाईन कक्षाओं का दौर चला और अक्तूबर माह से पहले की तरह प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू हुई, लेकिन विगत डेढ वर्ष तक चली ऑनलाईन कक्षाओं की वजह से बच्चों के लिखने की आदत काफी हद तक छूट गई. जिससे उनके लिखने की रफ्तार भी कम हो गई. ऐसे में राज्य सरकार ने कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र हल करने हेतु आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया है. जिसका फायदा विद्यार्थियोें को पूरा प्रश्नपत्र हल करने में हो रहा है.
बता दें कि, इस वर्ष बोर्ड परीक्षाएं पहले की तरह ऑफलाईन ली जा रही है. इस बात के मद्देनजर कई शालाओं ने अपने विद्यार्थियों को लिखने की प्रैक्टिस करवाने के लिए टेस्ट परीक्षाएं ली थी. इसके तहत छमाही परीक्षा में कई विद्यार्थी अपना पेपर पूरा हल नहीं कर पाये थे और विद्यार्थियों का कहना रहा कि, उन्हें सभी प्रश्नों के जवाब पता थे. किंतु उनके लिखने की रफ्तार कम हो गई है, क्योंकि लिखते समय उनके हाथ ही नहीं चल रहे. ऐसे में सरकार ने बोर्ड परीक्षा के दौरान विद्यार्थियोें को प्रश्नपत्र हल करने हेतु आधे घंटे का अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया. जिसका विद्यार्थियों को निश्चित तौर पर फायदा हो रहा है. अब परीक्षा के वक्त भरपूर समय रहने के चलते सभी विद्यार्थी पूरा विचार करते हुए प्रश्नों को हल कर रहे है. साथ ही प्रश्नपत्र को पूरी तरह हल करने के बाद अपनी उत्तरपुस्तिकाओं को जमा करने से पहले जांच भी सकते है. जिससे वे काफी हद तक समाधानी भी है.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन काल के दौरान जब शालाएं पूरी तरह से बंद थी तथा ऑनलाईन पढाई का दौर चल रहा था, तब बेहद गिने-चुने बच्चों ने ही अपनी लिखने की प्रैक्टिस को जारी रखा. जिन्हें इस समय भी प्रश्नपत्र हल करने में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड रहा. वहीं जिन बच्चों ने लिखने से दूरी बना ली थी और जो केवल मोबाईल व लैपटॉप तक ही सीमित हो गये थे, उनकी लिखने की आदत काफी हद तक छूट गई. जिससे उनके लिखने की रफ्तार भी काफी घट गई.

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