अमरावती/दि.25 – यह साल खेती और किसानों के लिए लाभदायी होगा, ऐसी स्थिति नहीं दिख रही है. पहले सोयाबीन व कपास ने किसानों को दगा दिया. सोयाबीन व कपास से नुकसान होने से किसानों की सारी उम्मीद तुअर फसल पर थी. मगर पिछले हफ्ते में बढी ठिठुरनभरी ठंड से तुअर भी पिली होकर अचानक से सूखने लगी है, ऐसी स्थिति गणोरी, परलाम, खल्लार, शिवणी, बहाद्दपुर, उत्तमसरा, कवठा बहाले, गणोजादेवी, कानफोडी, निंभा, दाढीेपेढी आदि गांवों के किसानों के खेती में दिखाई दे रही है.
तुअर फसल यह अच्छा उत्पादन देने वाली फसल मानी जाती है, इस फसल को खर्चा भी कम आता है, इसलिए सोयाबीन, कपास ने किसानों को दगा देने के बाद भी किसानों की सारी उम्मीद तुअर फसल पर ही टिकी थी. किसानों को लग रहा था कि सोयाबीन व कपास से नुकसान होने से भी तुअर से वह नुकसान भरपाई कर पायेंगे. मगर अब तुअर बीज भरने की स्थिति में रहते वक्त ही अचानक तुअर पिली पडकर सूखने लगी है. इससे तुअर का नुकसान तो होगा ही, लेकिन किसान की उम्मीद को भी ठेच पहुंचेगी. चिंता की बात यह है कि बीते तीन से चार दिन से परिसर की फसल पर संकट गहरा रहा है, लेकिन कृषि विभाग व तलाठी इस परिस्थिति से बेखबर है. तलाठियों का कार्य है कि फसल की स्थिति पर ध्यान रखना, साप्ताहिक मौसम व फसल की स्थिति का रिपोर्ट तहसीलदार को देना, इस रिपोर्ट की प्रत मंडल निरीक्षक को देना आदि जिम्मेदारी रहने के बावजूद भी संबंधित यंत्रणा आंख मुंदकर बैठी है, यह संशोधन का विषय है.
तुअर फसल का पंचनामा शासन को रिपोर्ट पेश करें
बीेते तीन से चार दिन से गणोरी व आसपास के गांव के किसानों व्दारा शिकायतें आ रही है कि तुअर की फली भरने की स्थिति में रहते वक्त ही अचानक से तुअर पिली पडकर सूखने लगी है. कृषि विभाग ने इस ओर ध्यान देकर किसानों के मेढ पर जाकर तुअर फसल का पंचनामा कर हो रहे नुकसान का रिपोर्ट शासन की ओर भेजना चाहिए.
– अमोल पाटिल भारसाकले,
अध्यक्ष राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस,
तहसील भातकुली