अमरावतीमहाराष्ट्र

मौजूदा दौर में आधुनिक शिक्षा पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है: मौलाना नदीम सिद्दीकी

जमीयत-ए-उलमा हिंद का जिल्हास्तरीय सम्मेलन संपन्न

अमरावती/दि.12– शहर के लालखडी स्थित बाबा फंक्शन हॉल मे जमीयत-ए-उलमा हिन्दी का जिल्हास्तरीय सम्मलेन संपन्न हुआ. जमीयत-ए-उलमा हिन्दी के प्रदेशाध्यक्ष हाफिज नदीम सिद्दिकी की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में वक्फ जायदाद, संविधान की रक्षा करने, विद्यालयों की रक्षा करने, धार्मिक एवं आधुनिक शिक्षा पर ध्यान देने पर चर्चा की गई. साथ ही संगठन के महत्व और प्रभावशीलता को हर मुस्लिम तक पहुंचाने पर विचार-विमर्श किया गया.
सम्मेलन में जिले की सभी इकाइयों के सदस्यों और पदाधिकारि और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. अपने अध्यक्षीय भाषण में मौलाना हाफ़िज़ मुहम्मद नदीम सिद्दीकी ने कहा कि धार्मिक शिक्षा के साथ साथ आधुनिक शिक्षा समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अच्छे समाज के निर्माण के लिए शिक्षा जरूरी है. उन्होंने जमीयत ए उलेमा के इतिहास और सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद अब क्या सेवा कर रही है? वर्तमान समय की चुनौतियाँ क्या हैं, उनका सामना कैसे किया जाए, देश में मुसलमानों को समान अधिकार दिया जाए. मुसलमानों को निराशा से बाहर निकालकर कमजोरों के अधिकारों और अन्य धार्मिक कल्याण के लिए संघर्ष किया जाए. ताकि देश के संविधान ने जो सभी को मूल अधिकार दिए हैं उसका पालन हो, और देश मे एकता व अखंडता का विकास हो, जबकि जमीयत-ए-उलमा हिंद के विदर्भ के महासचिव मौलाना मुफ्ती मुहम्मद रोशन शाह कासमी ने मदरसों और स्कूलों के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि आज मदरसों और स्कूलों की सख्त ज़रूरत है. उन्होंने संबोधित करते हुए यह भी कहा कि जमीयत-ए-उलमा हिंद के बुजुर्गों के बलिदान की कद्र करनी चाहिए और जमीयत को एक एक शहर, हर कस्बे, और हर गांव तक पहुंचने और मजबूत और सक्रिय बनाने की जरूरत है. सम्मेलन की शुरुआत हाफिज मोहम्मद ज़ैद ने कुरान की तिलावत से की, नात ए रसूल हाफिज परवेज ने पढ़ी. वही मौलाना हिसामुद्दीन नांदगांव ने सम्मेलन के उद्देश्य उपस्थित लोगों के सामने रखें. सम्मेलन का संचालन जमीयत-ए-उलमा हिंद के जिला सचिव मौलाना तौसीफ कासमी ने किया. वही जमीयत-ए-उलमा हिंद के जिला अध्यक्ष मौलवी रेहान ने आए हुए सभी मान्यवारों का आभार व्यक्त किया. सम्मेलन को सफल बनाने में जमीयत-ए-उलमा हिन्द के शहर मौलाना अब्दुल्ला मेमन, मौलवी फ़िरोज़, मौलाना मोहसिन नदवी मुहम्मद चाचा हाफ़िज़ इरफ़ान अबू बक्र मास्टर ज़ाकिर, हाफ़िज़ उमैर, मौलवी शरीफ़, असगर अली, हाफ़िज़ रिज़वान, हाफ़िज़ अहफ़ाज़, हाफ़िज़ हम्माद, मौलवी अतहर, मुफ़्ती सोहेल, हाफ़िज़ इरफ़ान, तनवीर भाई, हाफिज रूहुल अमीन, मुहम्मद दानिश, मुहम्मद आकिब, मौलाना सुलेमान, हाफिज अमीन, मौलाना मुजम्मिल, कलंदर भाई, मिर्जा जाहिद बेग, बाबादीन भाई, मनवर बेग, हाजी मुख्तार साहब नसीम खान, वसीम भाई, जावेद भाई, सलीम भाई, इरफान भाई व अन्य लोगों ने अथक प्रयास किए.

 

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