शिक्षक बैंक में सत्ताधारी व विपक्ष के बीच जमकर चल रहा टकराव
5 संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 4 जन. की विशेष सभा में होगा फैसला
अमरावती /दि.26– स्थानीय जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक में विगत कुछ समय से सत्ताधारी एवं विपक्षी संचालकों के बीच चल रहा मतभेद अब खुलकर सामने आने लगा है. वहीं अब सत्ताधारी दल ने विपक्ष के 5 संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की जोरदार तैयारियां शुरु कर दी है. जिसके लिए आगामी 4 जनवरी को विशेष सभा भी बुलाई गई है. इसमें भी खास बात यह है कि, विभागीय सहनिबंधक की ओर से इस सभा का पत्र बैंक को प्राप्त हो चुका है. ऐसे में अब इन संचालकों के संदर्भ में बैंक की ओर से क्या फैसला लिया जाता है, इसकी ओर बैंक के सदस्यों का ध्यान लगा हुआ है.
बता दें कि, जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक के 16 सत्ताधारी संचालकों ने 21 मार्च 2023 को विभागीय निबंधक कार्यालय के पास आवेदन करते हुए विरोधी गुट के संचालक प्रभाकर झोड, संजय नागे, मंगेश खेरडे, मनोज चोरपगार व गौरव काले के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने की अनुमति मांगी थी. जिसके लिए विशेष सभा बुलाये जाने की मांग की गई थी. जिसे खारिज कर दिये जाने के बाद बैंक के अध्यक्ष गोकुलदास राउत ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी और हाईकोर्ट ने 9 नवंबर 2023 को आदेश जारी करते हुए संचालकों की मांग पर निर्णय लेने का आदेश उपनिबंधक के नाम जारी किया था. जिसके चलते विभागीय सहनिबंधक विनायक कहालेकर ने 16 संचालकों की ओर से की गई विशेष सभा की मांग को मंजूर करते हुए 4 जनवरी को यह विशेष सभा बुलाये जाने के संदर्भ में पत्र जारी किया. जिसके चलते इसी सभा में 5 विरोधी संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. जिसके पारित हो जाने की भी अभी से उम्मीद जताई जा रही है. जिसे लेकर बैंक के सूचना फलक पर नोटीस लगाई जा चुकी है. साथ ही पांचों विरोधी संचालकों को भी इस संदर्भ में नोटीस दी जा चुकी है, ऐसी जानकारी है.
* सत्ताधारी दल व विपक्ष में लंबे समय से चल रहा मतभेद
21 सदस्यीय संचालक मंडल रहने वाली जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक ने कुछ विषयों के संदर्भ में विरोधी भूमिका अपनाई है. जिसके चलते सत्ताधारी दल व विरोधी संचालकों में लंबे समय से मतभेद चल रहे है. जिसका परिणाम संचालक मंडल की बैठक में दिखाई देता है. यहीं वजह है कि, सत्ताधारी दल ने पांचों विरोधी संचालकों के खिलाफ सीधे अपात्रता की कार्रवाई तक प्रस्ताव को पहुंचा दिया और अब आगामी 4 जनवरी को होने वाली विशेष सभा में उन पांचों संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा जाएगा. जिस पर क्या निर्णय होता है. इसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.