अमरावती

प्रधानमंत्री आवास योजना के मार्ग में जगह बनी बाधा

29 हजार घरकुलों की मंजूरी प्रलंबित

अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत अमरावती जिले में तकरीबन 29 हजार 788 घरकुलों का काम केवल लाभार्थियों के पास जगह न रहने के कारण प्रलंबित रहने की सच्चाई सामने आयी है. अब इसके लिए जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, उपसरपंचों को पुढाकार लेना पडेगा.
प्रधानमंत्री आवास योजना में प्राथमिकता से बेघर लाभार्थियों को घरकुल का लाभ देेने बाबत की सरकार की नीति है. इस योजना अंतर्गत सभी को घरकुल का लाभ मिलना चाहिए, इसके लिए 19 नवंबर 2020 में राज्य में महाआवास अभियान अमल में लाया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 2016-17 से 20-21 तक कुल 93 हजार 192 घरकुल निर्माणा का उद्देश्य रखा गया था. उनमें से 63 हजार 404 घरकुल लाभार्थियों को मंजूरी दी गई. जगह न रहने वाले लाभार्थियों के लिए पंडित दिनदयाल उपाध्याय जगह खरीदी योजना अंतर्गत जगह खरीदी कर देना, अतिक्रमण नियम के अनुसार कर देना, जगह न रहने वाले लाभार्थी को खुला भूखंड उपलब्ध कर देना तथा ई व एफ वर्ग शासकीय जमीन से जगह उपलब्ध कर दी जा रही है. बावजूद इसके अभी भी जिले के पूरे 29 हजार 788 लाभार्थियों के घरकुलों को मंजूरी नहीं मिल पायी. अधिकांश मामले में लाभार्थियों के पास घरकुल बांधकाम के लिए जगह न रहने के बात दिखाई देती है.
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2016-17 से 2018-19 इन तीन वर्ष में 34 हजार घरकुल का उद्देश्य दिया गया था. उसमें दो वर्ष की समयावधि में 10 हजार से ज्यादा घरकुल पूर्ण करने में सफलता हासिल कर अमरावती जिले मेंं राज्य में दूसरा नंबर हासिल किया था. किंतु अब घरकुल के लिए जगह न मिलने से घरकुल के मार्ग में बडी बाधा निर्माण हुई है. सरकार व्दारा ग्रामीण घरकुल योजना अंतर्गत सर्वसाधारण क्षेत्र के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए, पहाडी व नक्सलग्रस्त क्षेत्र के लिए 1 लाख 30 हजार रुपए आर्थिक मदत दी जाती है, इसके अलावा मनरेगा अंतर्गत 90 दिनों की अकुशल मजदूरी 18 हजार रुपए तथा स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए अनुदान इस तरह कुल डेढ लाख व 1 लाख 60 हजार रुपए आर्थिक मदत घरकुल बांधकाम के लिए दी जाती है. इसमें कम से कम 269 चौरस फीट का घर बांधना अपेक्षित है. अनेक लाभार्थी पात्र रहते हुए भी उन्हें केवल जगह के अभाव में घरकुल बांधते नहीं आता, यह एक समस्या सामने आयी है. इन लाभार्थियों को जगह उपलब्ध कर देने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पुढाकार लिया तो मदत हो सकती है. जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, उपसरपंच व ग्रामपंचायत सदस्यों की भूमिका काफी महत्व की है. इन जनप्रतिनिधियों ने अब इस काम में पुढाकार लेना चाहिए, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की जा रही है.

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