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लक्ष्मी की मूर्ति, बहीखाते और मिठाईयों के लिए बाजार में बेतहाशा भीड

लक्ष्मीपूजन के दिन चोपडा पूजन का व्यवसायियों में महत्व

* शहर के सभी मुख्य मार्गो पर नमकीन व मिठाईयों के स्टॉल
अमरावती/दि. 31 – दीपावली का पर्व खुशियों का पर्व रहता है. लक्ष्मीपूजन के दिन सभी छोटे-बडे व्यवसायी बही खाते यानी चोपडा पूजन करते है. शहर में दीपावली निमित्त लक्ष्मी की मूर्ति, बही खाते और मिठाई खरीददारी के लिए बाजार में भारी भीड सुबह से उमडी हुई है.
इस वर्ष दीपावली पर्व की तिथि निमित्त संभ्रम रहने से लोग 31 अक्तूबर और 1 नवंबर ऐसे दो दिन दीपावली का त्यौहार मना रहे है. अनेक लोग गुरुवार 31 अक्तूबर को अपने घर और दुकानों में लक्ष्मीपूजन कर रहे है. वहीं अनेक लोग कैलेंडर के मुताबिक शुक्रवार 1 नवंबर को दीपावली मनाने वाले है. दीपावली पर्व पर घर-घर में लक्ष्मी पूजन होता है. साथ ही व्यवसायी लक्ष्मीपूजन के साथ बही खाते यानी चोपडा पूजन भी करते है. दीपावली निमित्त शहर के सभी प्रमुख मार्गो पर लक्ष्मीजी की मूर्ति के स्टॉल लगे हुए है. शहर में करीबन एक हजार स्टॉल विभिन्न मार्गो पर लगते है. लक्ष्मी की मूर्तियां शहर के कुंभारवाडा से लेकर बडनेरा, चांदुर बाजार, अंजनगांव आदि तहसीलों से भी अमरावती में बिक्री लिए लाई जाती है. इस वर्ष 151 रुपए से लेकर 500 से 700 रुपए तक शाडू की मिट्टी और पीओपी की मूर्तियां बाजार में मिल रही है. यह व्यवसाय 10 से 15 दिन का रहता है. लेकिन घर-घर में लक्ष्मीपूजन होता है और सभी लोग लक्ष्मी की मूर्ति ले जाते है. विलास नगर के मूर्तिकार पंजाबराव लोणारे ने बताया कि, शहर में करीबन एक हजार लक्ष्मी मूर्ति बिक्री के स्टॉल लगते है. प्रत्येक दुकानदार 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक दुकान में माल रखता है. इस कारण यह व्यवसाय करोडों का है. लक्ष्मी की मूर्ति की तैयारी गणेशोत्सव के समय से ही शुरु हो जाती है. दीपावली तक यह व्यवसाय रहता है. बची हुई मूर्तियों को वापस रख दिया जाता है. इस वर्ष शाडू मिट्टी की मूर्ति 400 से 800 रुपए तक बिक्री हुई है, ऐसा भी पंजाबराव लोणारे ने बताया.

* मिठाईयों का व्यवसाय धनतेरस से भाईदूज तक
शहर के चित्रा चौक स्थित रामजी मिठाई के संचालक नितिन दामजीभाई आडतिया ने अमरावती मंडल को बताया कि, इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में मिठाई और नमकीन में घी और तेल के भाव बढने से बढोतरी हुई है. शहर में दीपावली निमित्त बडे व्यवसायी से लेकर छोटे व्यवसायी तक सभी लोग नवरात्रौत्सव का समापन होते ही तैयारी में जुट जाते है. इस वर्ष भले ही महंगाई की मार रही फिर भी नागरिकों में दीपावली पर्व निमित्त भारी उत्साह है. पिछले कुछ वर्ष से शहर में दीपावली निमित्त नमकीन और मिठाईयों के शहर के विभिन्न मार्गो पर 500 से 700 स्टॉल लग रहे है. वहीं लेबर चार्ज भी बढ गया है. ऐसे में शहर में कुछ स्थानों पर नकली खवा भी आने से प्रमुख व्यवसायियों के व्यापार में कमी आती है. फिर भी व्यापार समाधानकारक है. नितिन आडतिया ने यह भी बताया कि, मलाई पेढा 400 से 440 रुपए किलो और खारा माल 320 रुपए प्रति किलो बिक्री किया जा रहा है. साथ ही खवा मिठाई, बंगाली मिठाई और काजू ड्राईफूड की मिठाई की मांग भी काफी है. खवा मिठाई 400 से 500 रुपए और काजू ड्राईफूड मिठाई 900 से 2 हजार रुपए किलो में मिल रही है. दिवाली निमित्त मिठाई व नमकीन का व्यवसाय शहर में टनों से होता है.

* बही खातों की बिक्री तीन दिन की
प्रभात चौक स्थित शाहीन स्टेशनरी के संचालक ताहेर फकरुद्दीन और उनके बेटे अलकमर ताहेर बहीवाला ने बताया कि, दीपावली निमित्त बही खातों की बिक्री धनतेरस से दीपावली तक रहती है. इस वर्ष 15 प्रतिशत भाव में बढोतरी हुई है. बही खाते, कैश बुक, लेजर बुक, लक्ष्मी के नोटबुक, लक्ष्मी के रजिस्टर, तारीख का गट्टा और चोपडा पूजन के लिए लगनेवाली स्टेशनरी आदि की इस बार समाधानकरक बिक्री है. दीपावली निमित्त तीन दिन चलनेवाले बही खातों का यह व्यवसाय अमरावती शहर सहित संपूर्ण जिले में करोडों का होता है. बाजार की हर दुकानों में इसकी जोरदार बिक्री है.

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