फिजुल खर्च से बचने के लिए इज्तेमाई निकाह की जरुरत- मौलवी महेमुद
यंग कुरेशी बक्कर कसाब बिरादरी का आयोजन
15 जोडों का हुआ इज्तेमाई निकाह
अमरावती/दि.13– इस दौर में सिर्फ दिखावे के लिए शादियों में लोगों व्दारा काफी फिजुल खर्च किया जाता है. जिससे बचने के लिए इज्तेमाई शादियों की हर समाज व बिरादरी को जरुरत है. कई गरीब परिवार ऐसे होते है जो अपनी बेटे-बेटियों का निकाह पर खर्च नहीं कर सकते है. उनके लिए इस तरह के कार्यक्रम काफी फायदेमंद साबित होते है. जिस तरह से हम अपने रिश्तेदारों की शादियों की तारीख और पसंद-नापंसद याद रखते है. उसी तरह हमें चाहिए की अपने बच्चों की खुशी का भी ध्यान दें. किसी भी मामले को कोर्ट कचहरी तक न जाने दे. आपसी मेल-मिलाप में सभी मामलों को निपटाए. कुछ इसी तरह के बात मौलवी महेमुद (इमाम व खतीब इतवारा बाजार मस्जिद) ने कहें. वे वलगांव रोड स्थित ताज पैलेज में यंग कुरैश बक्कर कसाब बिरादरी व्दारा आयोजित इज्तेमाई निकाह के मौके पर उपस्थितों का मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे.
स्थानीय वलगांव रोड स्थित ताज पैलेस में बुधवार 13 दिसंबर को यंग कुरैश बक्कर कसाब बिरादरी व्दारा सामुहिक शादियों का आयोजन किया गया. इस आयोजन के चलते अमरावती जिले सहित मुंबई, अकोला, बुलढाना, नागपुर, गोंदिया, कामठी तथा दुर्ग (छत्तीसगढ), सुरत (गुजरात) जैसे शहरों व राज्यों से आए 15 जोडो का निकाह संपन्न हुआ. निकाह मौलवी अब्दुल्ला ने पढाया व निकाह के वकिल मो. अफसर तथा गवाह शकील अहेमद मास्टर, मोहसीन बाबु बने. आयोजन को सफल बनाने के लिए हाजी जफर, हाजी एजाज, अकील अहमद उर्फ कालु, अ. फईम, मुजफ्फर अहेमद, हाजी अय्युब, मतीन चौधरी, अमीन चौधरी सहित यंग कुरैश बक्कर कसाब बिरादरी के अन्य सदस्यों ने किया.
दहेज प्रथा का किया विरोध
इन दिनों सभी समाज में दहेज प्रथा काफी बढ रही है. जिसका विरोध करते हुए व फिजुल खर्च से बचने के लिए निकाह पश्चात सिर्फ घरेलु उपयोगी सामान ही आयोजन समिती की ओर से दुल्हा-दुल्हन को भेंट स्वरुप दिए गए.
जनवरी में अकोला में आयोजन
कार्यक्रम के दौरान समाज बंधुओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि इसी तरह का आयोजन जनवरी माह के दुसरे सप्ताह में अकोला शहर में बक्कार कसाब कुरैश बिरादरी की ओर से आयोजित की जा रही है. जिसमें शादी योग्य लडके-लडकियों के परिवार के लोगों से आयोजकों से संपर्क करने का आवाहन किया गया.
भोजन व रहने की व्यवस्था
इस भव्य आयोजन के चलते स्थानीय वलगांव रोड स्थित ताज पैलेस में निकाह पढाया गया. वही बाहर राज्य व शहरों से आने वाले लोगों के लिए रॉयल पैलेस, ताज पैलेस व अल फजर पैलेस में रुकने की व्यवस्था की गई. साथ ही निकाह में आने वाले दुल्हा-दुल्हन के परिवार के 50-50 सदस्यों के भोजन,चाय-नाश्ता की व्यवस्था भी की गई.