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रेल सुविधाएं और बढाने की आवश्यकता, उद्योगों की भी आस

अमरावती के लोगों को बजट से अनेकानेक अपेक्षाएं

अमरावती/दि.20- देश के आम बजट की प्रस्तुति अगले मंगलवार 23 जुलाई को होने जा रही है. ऐसे में अमरावती मंडल को शहर और जिले के नामवर एवं प्रतिष्ठित उद्यमियों, व्यापारियों, प्रोफेशनल्स ने बजट को लेकर अपनी अपेक्षाएं व्यक्त की है. अनेकानेक ने अमरावती मंडल से सीधे संपर्क कर आकांक्षाएं व्यक्त की. अनेक ने कहा कि रेलवे की सुविधा बढनी चाहिए. यहां से पुणे, तिरूपति, मुंबई, नागपुर, नाशिक, कोल्हापुर ट्रेने हो गई है. दिल्ली, हैदराबाद के लिए भी ट्रेन की मांग लोग वित्त मंत्री और रेलवे से कर रहे हैं. उसी प्रकार उद्यमियों ने अमरावती में अधिक पोषक वातावरण की आकांक्षा व्यक्त करते हुए यहां के घोषित पीएम मित्र एक्सटाइल पार्क के शीघ्र साकार होने की कामना की है. संतरा एवं कपास पर आधारित बडे प्रकल्प की आशा भी अनेक ने व्यक्त की. सनदी लेखापाल अर्थात सीए लोगों से चर्चा करने पर उन्होंने कतिपय टैक्स रेट को लेकर मांग रखी. व्यापारियों में सभी प्रकार के टैक्स भुगतान को सरल से सरल बनाने की वर्षो से चली आ रही अपेक्षा को दोहराया.

* बढाएं ट्रेन की फेरियां, दिल्ली गाडी भी हो
रेल यात्री सुविधाएं बढाने पर सदैव जोर देनेवाले पुरूषोत्तम राठी ने पुन: आशा व्यक्त की कि रेल बजट में अमरावती के लिए ट्रेन घोषित हो सकती है. उन्होंने बडनेरा स्टेशन के अमृत योजना मेें कायापलट के कार्य की तरह अब अमरावती स्टेशन पर भी सुविधाएं बढाने की अपेक्षा व्यक्त की. राठी ने कहा कि जबलपुर, नाशिक, पुणे, मुंबई अनेक स्थानों के लिए अमरावती से सीधी रेल सेवा शुरू है. एक दिल्ली गाडी भी बजट में मिल जाए तो बेहतर होगा. उन्होंने पुणे- हावडा दूरंतों के स्टॉपेज की भी अपेक्षा जताई है. अमरावती से वैष्णो देवी अर्थात कटरा ट्रेन की मांग करते हुए राठी ने जयपुर गाडी शुरू किए जाने पर भरपूर ट्रैफिक मिलने का दावा किया है. उन्होंने आशा जताई कि निर्मला सीतारामन वरिष्ठ नागरिकों को दिलासा देते हुए कोरोना महामारी से पहले शुरू रियायत की भी घोषणा कर सकती है. वरिष्ठ नागरिक इसकी अपेक्षा रेलवे से दो तीन वर्षो से लगातार कर रहे हैं.

* बढनी चाहिए किसानों की रियायतें
सीए संदीप सुराना ने बजट को लेकर अनेक अपेक्षाएं व्यक्त की है. सीए सुराना बजट की सटीक समीक्षा के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन 23 जुलाई को पूर्ण बजट प्रस्तुत करनेवाली है. हमारी सरकार से अपेक्षा है कि अब कोई भी लोक लुभावन घोषणा करने से बचना चाहिए. बल्कि सांसद और विधायकों के वेतन तथा सुविधाओं पर खर्च कम किया जाना चाहिए. किसानों को दी जाती रियायतें बढनी चाहिए. वे हमारे देश के अन्नदाता है. वित्त मंत्री महोदया से जीएसटी को लेकर भी काफी अपेक्षाएं है. सेवा देनेवाले जीएसटी रजिस्ट्रेशन बंधनकारक रहने की मर्यादा 20 लाख से बढाकर 40 लाख करने की अपेक्षा सीए सुराना ने व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आयकर से संबंधित कम्लायन्स का बोझ कम करना चाहिए.

* जीएसटी का ढांचा सुधार बढायेगा कलेक्शन
अमरावती महानगर चेंबर के पदाधिकारी अतुल कलमकर ने बजट को लेकर अपेक्षा जताई कि वरिष्ठ नागरिक को करों में राहत मिलनी चाहिए. भारत में 60 वर्ष की आयु पश्चात वरिष्ठ नागरिक माना जाता है. अत: ऐसे लोगों को आयकर में रियायत देना आवश्यक है. कलमकर ने कहा कि जीएसटी के ढांचे में सुधार की बडी जरूरत है. सिस्टम में सुधार का सरकार को ही फायदा होगा. उसका कर संकलन निश्चित ही बढेगा. जीतने अधिक सुधार होंगे. उतने अधिक व्यापारी जीएसटी परिधि में आयेंगे, पंजीयन करायेगे और सरकार को टैक्स अदा करेंगे. कलमकर ने कहा कि कई मदों पर जीएसटी रेट 18 प्रतिशत है. उसे 16 प्रतिशत करना आवश्यक है.

* मध्यम वर्ग के लिए आयकर राहत की बडी उम्मीद
जिला नेत्र तज्ञ संगठन के अध्यक्ष और प्रसिध्द आय सर्जन डॉ. नवीन सोनी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को नरेंद्र मोदी 3.0 प्रशासन का पहला व्यापक केंद्रीय बजट पेश करने के लिए तैयार हैं। क्योंकि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना चाहता है और हम सब इसकी उम्मीद भी करते है. हाल ही में हमारे बजट में बुनियादी ढांचे और रक्षा पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया गया था और मुझे लगता है कि यह आगे भी जारी रहेगा, क्योंकि इससे समग्र रूप से अच्छा विकास हुआ है और हम एशिया और दुनिया में भी अग्रणी आर्थिक देश बनने की राह पर हैं. लेकिन मैं मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए कुछ आयकर राहत, रोजमर्रा की आवश्यक चीजों पर जीएसटी राहत की भी उम्मीद करता हूं. मैं कृषि और स्वास्थ्य देखभाल पर भी सरकार का ध्यान केंद्रित होते देखना चाहूंगा. इन दोनों क्षेत्रों के लिए बजट में बढ़ोतरी समय की मांग है. हरित विकास, नवीकरणीय ऊर्जा और छोटे मध्यम उद्योगों की दिशा में बजट के संदर्भ में कुछ पहल पर भी विचार किया जाना चाहिए। शेयर बाजार शुल्क जैसे एसटीसीजी, एलटीसीजी, स्टॉक और अन्य डेरिवेटिव में लेनदेन पर करों पर भी विचार किया जाना चाहिए और कुछ कटौती की जानी चाहिए जिससे न केवल निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी और इससे मजबूत आर्थिक विकास की दिशा में हमारे कदम बढ़ेंगे.् कुल मिलाकर मुझे हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्रजी मोदी के कुशल नेतृत्व में एक देश के रूप में हमारी वृद्धि और विकास के संदर्भ में एक अच्छी बजट नीति की उम्मीद है.


* वेतन भोगी वर्ग को आयकर में राहत की अपेक्षा
वाणिज्य प्राध्यापक डॉ. सोनल चांडक ने कहा कि भारत सरकार के आगामी बजट (जुलाई 2024) को लेकर कई तरह की उम्मीदें हैं. कुछ प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं:
1. कर में कटौती: वेतनभोगी वर्ग को इनकम टैक्स में राहत (जो की लंबे अरसे से अपेक्षित है पर मिली नही) मिलना चाहिए ये उम्मीद है। साथ ही धारा 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ने से टैक्स की बचत में मदद मिल सकती है. साथ ही कर दाता के पैसे का सही विनियोग सरकार करेगी यह भी अपेक्षा है. 2. सरकार द्वारा पैसे की बंदर बाट बंद की जाना जरूरी है और रोजगार क्षम पायाभूत खर्चे किए जाने चाहिये. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर सरकार का फोकस होना चाहिए. कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की घोषणा होनी चाहिए. स्कीम्स तो है परंतु मनरेगा जैसे क्षेत्र में सही मॉनिटरिंग की जरूरत है वरना करदाता का पैसा बरबाद है. 3. कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा नई तकनीक द्वारा की जानेवाली खेती पर सब्सिडी बजट बढ़ाना चाहिए. किसान सेवा केंद्र द्वारा किसानों के लिए एक्सपोर्ट शिक्षा नीति बनाई जानी चाहिए. 4. किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कुछ नई योजनाओं का ऐलान भी किया जाना चाहिए. 5. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जा सकता है. अभी शिक्षा क्षेत्र में रोजगार बंद है. उसे शुरू कर शिक्षा के घटते स्तर के सुधार के प्रयास करने चाहिए.

* कैपेक्स टारगेट बढाएं सरकार
सीए आयुष राजेश खत्री ने कहा कि सरकार को कैपेक्स टारगेट बढाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब अर्थव्यवस्था में एक रूपया कैपिटल एक्सपेंडीचर के तौर पर होता है तो इकनॉमी 4-5 रूपए बढती है. इसे इकनॉमिक्स में मल्टीप्लॉयर इफेक्ट कहते हैं. पिछले 10 वर्षो में मोदी सरकार ने कैपिटल एक्सपेंंडीचर पर काफी ध्यान दिया है. फरवरी के अंतरिम बजट में भी सरकार ने 11 लाख करोड रूपए का कैपिटल एक्सपेंडीचर प्लॉन किया है. मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए सरकार के लिए यह थोडा मुश्किल लग रहा है. वित्त मंत्री सीतारामन बेहतरीन बजट प्रस्तुत करेगी, ऐसी अपेक्षा है.

मुफ्तखोरी बंद होने की अपेक्षा, पूंजी बाजार पर कडी निगरानी
प्रसिध्द तेल व्यवसायी और भूविकासक उमेश चांडक ने कहा कि बजट को लेकर सबसे बडी अपेक्षा अब यही है कि टीसीएस, टीडीएस, व्यवसाय कर जैसे टैक्स रद्द हो जाने चाहिए. इस बजट में वित्त मंत्री महोदया इस बात का ऐलान कर पूरे देश को प्रसन्न कर सकती है. चांडक ने कहा कि मुफ्त की चीजे बांटने की नीति देश हित में नहीं. यह लोगों को निकम्मा बना देती है. टैक्स भुगतान और व्यापार, व्यवसाय करने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए. जितनी जटिलता कम होगी, सरकार का टैक्स कलेक्शन उतना ही बढेगा. अमरावती का जीएसटी कार्यालय नागपुर भेज दिया गया है. इससे व्यापारियों को नाहक नागपुर का चक्कर लगाना पडेगा. बुलढाणा से नागपुर जाकर जीएसटी का मामला सेटल करना व्यापारियों के लिए दिक्कतभरा है. अमरावती जैसे केन्द्र में जीएसटी कार्यालय बना रहना चाहिए. चांडक ने कहा कि शुक्रवार को ही मायक्रो सॉफ्ट के सॉफ्टवेयर बिगाड के कारण दुनिया में हडकंप मचा. भारत अन्य देशों की तुलना में काफी हद तक अप्रभावित रहा. देश में वैज्ञानिकों को अपनी रिसर्च हेतु प्रोत्साहन देने उसका बजट बढाया जाना चाहिए. देश का सॉफ्टवेयर रहा तो वह बडा अच्छा रहेगा, सभी के हित में रहेगा. चांडक ने पूंजी बाजार पर सेबी की अत्यंत कडी निगरानी की अपेक्षा वित्त मंत्री से व्यक्त की है. चांडक का कहना है कि लोगों का पैसा निवेश होता है. हिडनबर्ग जैसी कंपनियां अफवाह फैलाती है या मार्केट को मैनीपुलेट करती है, घाटा आम निवेशक का होता है. इसलिए सेबी की अत्यंत कडी नजर और कार्रवाई बेहद आवश्यक है.

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