अमरावतीमहाराष्ट्र

शहर में 336 मोबाईल टॉवर का जाल

मनपा के रिकॉर्ड पर 75 वैध

अमरावती/दि.1– मुंबई के घाटकोपर में विशाल होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मृत्यु होने के बाद संपूर्ण राज्य के होर्डिंग का स्ट्रक्चरल ऑडीट, स्टेबिलिटी रिपोर्ट और अनुमति बाबत का सर्वेक्षण मनपा द्वारा शुरु हुआ. इसी पैटर्न पर शहर की उंची इमारतो पर मोबाईल टॉवर का प्रश्न भी गरमाया हुआ है. विशेष यानी शहर में 336 मोबाईल टॉवर रहते अधिकृत तौर पर अमरावती मनपा के एडीटीपी के रिकॉर्ड पर केवल 75 टॉवर दर्ज है.

एक ही इमारत पर 3-4 मोबाईल टॉवर खडे किए जाने पर यह इमारत सचमुच इतना वजन संभाल सकती है क्या, इस बाबत का ऑडीट करना आवश्यक हो गया है. एक ही इमारत पर तीन से अधिक टॉवर खडे किए जाने से होर्डिंग की तरह मोबाईल टॉवर भी गिरकर जीवित और वित्तिय हानी होने पर इसका जिम्मेदार कौन, ऐसा सवाल शहरवासियों ने उपस्थित किया है. विशेष यानी अमरावती मनपा में 250 से अधिक मोबाईल टॉवर अवैध रहते इसकी कोई भी अधिकृत आंकडेवारी मनपा के एडीटीपी विभाग के पास नहीं है. इस संख्या के लिए जोन के अभियंता की तरफ उंगली दिखाई जा रही है. मोबाईल, इंटरनेट नेटवर्कींग का इस्तेमाल तेजी से बढा है. इस कारण नागरिको को सेवा देने के लिए विविध कंपनियों की तरफ से नागरिको की बस्ती में अनेक इमारतो पर अवैध मोबाईल टॉवर खडे किए गए है. इस ओर मनपा की अनदेखी है.

* सर्वेक्षण की आवश्यकता
नगर रचना विभाग के पास केवल 75 मोबाईल टॉवर दर्ज है. अवैध टॉवर की तरफ मनपा की अनदेखी है. विख्यात कंपनियों के मोबाईल टॉवर पर कार्रवाई नहीं की जाती. मनपा के रिकॉर्ड पर अधिकृत रहे मोबाईल टॉवर टैक्स के अधिन लाए गए है. लेकिन अवैध मोबाईल टॉवर खडे कर कंपनियों द्वारा करोडो का व्यवसाय किया जाता रहते स्टैबिलिटी व स्ट्रक्चरल ऑडीट की तरफ जानबुझकर अनदेखी की जा रही है.

* नागरिको की जान से खिलवाड
ग्राहको को सेवा देने के नाम पर नियमो को नजरअंदाज कर शहर की घनी बस्ती में करोडो का मुनाफा कमानेवाली मोबाईल कंपनियां अवैध रुप से कहीं भी और कैसे भी टॉवर खडे कर रही है. भारी शुल्क, कागजपत्र, स्ट्रक्चरल ऑडीट प्रमाणपत्र व अन्य खर्च से बचने का यह तरीका है.

* शहर में 75 मोबाईल टॉवर वैध
शहर में 75 मोबाईल टॉवर वैध है. नियमानुसार व कागजपत्र की पूर्तता के बाद ही उसे मनपा के एडीटीपी विभाग की तरफ से अनुमति दी गई है. अवैध मोबाईल टॉवर की संख्या जोन कार्यालय के पास हो सकती है.
– घनश्याम वाघाडे
सहायक संचालक, नगर रचना विभाग.

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