अमरावती की राजनीति में बडे उथल-पुथल की संभावना

भाजपा के कई पूर्व पार्षद अब राकांपा की राह पर

* मनपा चुनाव में भाजपा से पत्ता कट होने का डर सता रहा
* 20 पूर्व पार्षदों की टिकट कट सकती है निष्क्रिय रहने के नाम पर
अमरावती/दि.24 – इस समय स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव को लेकर अच्छी-खासी राजनीतिक गहमा-गहमी शुरु हो गई है और गत रोज ही राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सातारा में यह घोषणा की है कि, आगामी सितंबर व अक्तूबर माह के दौरान महाराष्ट्र में सभी महानगर पालिकाओं के चुनाव करवाए जाएंगे. जाहीर तौर पर इसमें अमरावती महानगर पालिका का भी समावेश रहेगा. ऐसे में अब अमरावती महानगर पालिका के प्रस्तावित चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों में सरगर्मीयां तेज हो गई है. जिनमें भाजपा फिलहाल सबसे आगे दिखाई दे रही है. पता चला है कि, भाजपा के नवनियुक्त शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे तथा भाजपा नेत्री व पूर्व सांसद नवनीत राणा ने अभी से ही मनपा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वॉर्ड एवं प्रभागनिहाय समीक्षा बैठकों का दौर शुरु कर दिया है. साथ ही पिछली बार चुनाव जीतनेवाले पार्षदों में से किन-किन पार्षदों को दुबारा मौका देना है और किन पूर्व पार्षदों की टिकट काटनी है, इसकी लिस्ट भी लगभग फाईनल कर ली गई है. ऐसे में अपना टिकट कटने के संभावित खतरे को देखते हुए भाजपा के कई पूर्व पार्षद अभी से ही अजीत पवार गुट वाली राकांपा की राह पर दिखाई दे रहे है. ऐसी जानकारी बेहद विश्वसनीय सूत्रों के जरिए पता चली है. यदि ऐसा होता है तो इसे अमरावती शहर की राजनीति में एक बडी उथल-पुथल कहा जा सकता है.
बता दें कि, मनपा का पिछला चुनाव वर्ष 2017 में हुआ था. तब भाजपा ने तत्कालीन पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटिल के नेतृत्व में रिकॉर्ड 45 सीटें जीतकर मनपा की सत्ता एकतरफा व स्पष्ट बहुमत के साथ हासिल की थी. लेकिन अब अमरावती शहर में राजनीतिक स्थितियां पूरी तरह से बदल गई है. प्रवीण पोटे पाटिल अब न तो मंत्री है और न ही विधायक. साथ ही इस दौरान उन्हें मिला भाजपा शहराध्यक्ष पद का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है और अब भाजपा शहराध्यक्ष पद पर डॉ. नितिन धांडे की नियुक्ति हुई है. जो पूर्व सांसद नवनीत राणा के गुट से बताए जाते है और नवनियुक्त शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे द्वारा पूर्व सांसद नवनीत राणा के नेतृत्व में ही अपने पदाधिकारियों की वॉर्ड व प्रभागनिहाय बैठकों का दौर शुरु किया गया है. जिसके तहत पिछली बार चुनाव जीतनेवाले पार्टी के 45 पार्षदों सहित बेहद मामूली अंतर से चुनाव में पराजित होनेवाले पार्टी प्रत्याशियों की जांच-पडताल की जा रही है. इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि, इनमें से कितने लोगों ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव के समय किसके पक्ष में काम किया था.
उल्लेखनीय है कि, डॉ. नितिन धांडे के शहराध्यक्ष नियुक्त होते ही पूर्व सांसद नवनीत राणा ने भाजपा द्वारा अपने दम पर मनपा का चुनाव लडने एवं इस बार मनपा में लगभग 50 पार्षद चुनकर लाने की घोषणा की है. चूंकि इस समय केंद्र सहित राज्य में भाजपा की सत्ता है. जिसके चलते स्थानीय स्वायत्त निकायों विशेषकर महानगर पालिका के चुनाव में भाजपा के लिए स्थिति बेहद अनुकूल मानी जा रही है. जिसकी वजह से भाजपा के पास टिकट पाने की इच्छा रखनेवाले इच्छुकों की सबसे अधिक भीड है और प्रत्येक वॉर्ड व प्रभाग में भाजपा की टिकट हेतु ‘एक अनार, सौ बीमार’ वाली स्थिति है. ऐसे में पार्टी के शहराध्यक्ष व स्थानीय नेतृत्व द्वारा टिकट के दावेदारों का चयन करने के लिए कुछ ज्यादा ही ‘बारिक छन्नी’ लगाई जा रही है. जिसके चलते पिछली बार भाजपा की टिकट पर पार्षद निर्वाचित होनेवाले कई पूर्व पार्षदों का इस बार पत्ता कट सकता है.
ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि, पिछली बार मनपा के चुनाव में भाजपा की टिकट पर विजयी रहे 35 पार्षदों में से अधिकांश पार्षद अलग-अलग गुटों में बटे हुए है और कुछ पार्षदों ने तो तत्कालीन भाजपा विधायक डॉ. सुनील देशमुख द्वारा वर्ष 2020 में एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम लेने के बाद भाजपा पार्षद रहते हुए ही अपना पाला बदल लिया था. साथ ही विगत विधानसभा चुनाव के समय कुछ भाजपा पार्षद अमरावती व बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के बागी प्रत्याशी रहनेवाले जगदीश गुप्ता व तुषार भारतीय के साथ भी खडे दिखाई दिए थे. ऐसे में अब भाजपा के नवनियुक्त शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे व भाजपा नेत्री नवनीत राणा द्वारा यह पता लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है कि, पूर्व पार्षदो में से कौनसा व्यक्ति इस समय किसके गुट में है. इस पडताल के आधार पर ही उन लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है. जो मनपा के आगामी चुनाव में भाजपा के संभावित प्रत्याशी हो सकते है.
अंदरुनी सूत्रों से मिली जानकारी से पता चलता है कि, वर्ष 2017 में चुने गए 45 पार्षदों में से लगभग 20 पूर्व पार्षदों का इस बार पत्ता कटना करीब-करीब तय है. जिसमें से कुछ पूर्व पार्षद तो एक से अधिक बार मनपा में चुनकर आए थे और उनका अपने वॉर्ड व प्रभाग में अच्छा-खासा अस्तित्व भी है. सूत्र बताते है कि, यदि ऐसे पार्षदों का ऐन समय पर पत्ता कटता है तो वे अजीत पवार गुट वाली राकांपा में भी जा सकते है और घडी चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड सकते है. ऐसे में यह तो लगभग तय हो चुका है कि, वर्ष 2017 में भाजपा की टिकट पर चुने गए सभी पूर्व पार्षदों इस बार टिकट नहीं मिलना है. बल्कि इसमें से कई पार्षदों को पार्टी स्तर पर निष्क्रिय बताते हुए उनकी बजाए किसी अन्य सक्रिय पदाधिकारी को पार्टी का टिकट दिया जाएगा. चूंकि, इस समय केंद्र व राज्य में भाजपा की सत्ता रहने के चलते भाजपा के लिए स्थिति बेहद अनुकूल है. जिसके चलते भाजपा की टिकट मिलना ही चुनावी जीत की गारंटी माना जा रहा है. इसकी वजह से भाजपा के पास टिकट के दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है और यही वजह है कि, भाजपा के स्थानीय नेताओं द्वारा संभावित प्रत्याशियों का चयन करने हेतु ‘छन्नी’ को कुछ ज्यादा ही बारिक किया जा रहा है.                                                             * अमरावती मंडल के पास है टिकट कटनेवालों के नामों की सूची
शहर व जिले सहित संभाग की राजनीति पर हमेशा ही अपनी पहली नजर रखनेवाले दैनिक अमरावती मंडल की नजर से इस समय अमरावती शहर भाजपा में चल रही गतिविधियां छुटी नहीं है और मनपा चुनाव के लिहाज से भाजपा में चल रही तैयारियों की पूरी जानकारी निकालते समय दैनिक अमरावती मंडल को यह पता चला कि, पिछली बार भाजपा की टिकट पर चुने गए 45 पार्षदों में से इस बार 20 पूर्व पार्षदों का टिकट कट सकता है. साथ ही साथ दैनिक अमरावती मंडल के हाथ वह लिस्ट भी लगी है, जिसमें टिकट कटनेवाले पूर्व पार्षदों के नामों का समावेश है.

Back to top button