अमरावतीमहाराष्ट्र

बीटी के ‘उस’ बीज की इस बार भी किल्लत

कृषि विभाग ने सभी बीजों को बताया एक समान

* विशिष्ट वाण वाले बीजों के लिए नहीं अडने का किया आवाहन
अमरावती/दि.23– सभी बीजों के गुणधर्म व उत्पादकता एक समान होती है, जिसके चलते किसानों ने बीटी कपास के विशिष्ट वाण वाले बीजों का आग्रह नहीं करना चाहिए. साथ ही बीज खरीदते समय एमआरपी से अधिक रकम भी नहीं देनी चाहिए और बीज खरीदी की पक्की रसीदद भी लेनी चाहिए. इसके अलावा बीज उपलब्ध रहने के बावजूद यहीं कोई विक्रेता बीज देने में आना-कानी कर रहा है, तो नजदीकी कृषि कार्यालय में उसकी शिकायत देनी चाहिए, ऐसा आवाहन कृषि विभाग द्वारा किया गया है.

बता दें कि, इस समय किसान बुआईपूर्ण कामों में व्यस्त है तथा जिले में कुछ ही स्थानों पर सीजनपूर्व कपास की बुआई होने की संभावना है. परंतु आसपडोस स्थित जिलों के कुछ परिसरों में सीजनपूर्व बुआई होने के चलते विशिष्ट वाण वाले बीजों की मांग बढ गई है. जिसके धीरे धीरे अमरावती जिले में भी तेज होने की पूरी संभावना है. पिछले सीजन में भी कुछ ऐसा ही मामला हुआ था. इस आशय की जानकारी देते हुए कृषि उपसंचालक उज्वल आगरकर ने बताया कि, हकीकत में सभी बीटी बीजों के गुणधर्म और उत्पादकता एक समान ही होते है.

* 2.50 लाख पैकेटों की मांग, 25 हजार मिले
किसानों द्वारा विशिष्ट वाण वाले बीटी बीजों की मांग की जाती है. जिसे ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने इस वाण के ढाई लाख पैकेटों की मांग कंपनी के पास दर्ज कराई थी. परंतु कंपनी द्वारा केवल 25 हजार पैकेट ही उपलब्ध कराने की जानकारी दी गई. ऐसे में इस किल्लत को पूरा करने की चुनौती कृषि विभाग के सामने है. वहीं जून माह में मानसून की पहली बारिश होते ही बाजार में बीजों की खरीददारी के लिए भीड जमकर बढेगी.

* तो विक्रेता का लाईसेंस होगा रद्द
किसान द्वारा मांगे गये बीज का स्टॉक उपलब्ध रहने के बावजूद ही यदि विक्रेता द्वारा बीज देने में आना-कानी की जाती है, तो ऐसे बीज विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही एमआरपी से अधिक दाम पर बीजों की विक्री करने अथवा पक्की रसीद नहीं देने को ेलेकर किसानों की ओर से कृषि विभाग के पास शिकायत मिलने पर जांच पश्चात कार्रवाई करते हुए संबंधित विक्रेता का लाईसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाती है.

कपास के बीजों का भरपूर स्टॉक उपलब्ध है. सभी बीजों के गुणधर्म व उत्पादकता एकसमान है. ऐसे में किसानों ने किसी विशिष्ट वाण के बीजों की मांगों पर नहीं अडना चाहिए. साथ ही कपास की बुआई हेतु गडबडी भी नहीं करना चाहिए. बीज रहने के बावजूद यदि कोई विक्रेता बीज देने में आना-कानी करता है, एमआरपी से अधिक दाम लेता है और बीज खरीदी की पक्की रसीद भी नहीं देता है, तो ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ किसानों ने कृषि विभाग के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए.
– उज्वल आगरकर,
कृषि उपसंचालक

 

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