न्या. भूषण गवई के सीजेआय बनने की अमरावती में अभी से खुशी
13 मई से सीजेआय के तौर पर शुरु होगा न्या. गवई का कार्यकाल

* 14 मई को राष्ट्रपति भवन में दिलाई जाएगी पद की शपथ
* अमरावती के करीब 100 वकील शामिल होंगे समारोह में
* शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अमरावती में होगा भव्य नागरी सत्कार
अमरावती/दि. 6 – मुलत: अमरावती से वास्ता रखनेवाले सुप्रीय कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण गवई आगामी 13 मई से देश के प्रमुख न्यायमूर्ति के तौर पर अपना कार्यकाल शुरु करने जा रहे है. जिसके लिए उन्हें 14 मई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर पद व गोपनियता की शपथ दिलाई जाएगी. यह अमरावती शहर सहित जिले के लिए बेहद गौरव एवं सम्मानवाल पल रहेगा. जिसके लिए अमरावती में अभी से खुशी का माहौल देखा जा रहा है. साथ ही अमरावती के सपूत न्या. भूषण गवई की इस सफलता व उपलब्धि का जश्न मनाने की तैयारियां भी अभी से ही शुरु हो गई है.
उल्लेखनीय है कि, रिपाइं नेता, पूर्व सांसद व पूर्व राज्यपाल रा. सू. उर्फ दादासाहेब गवई एवं प्रा. डॉ. कमलताई गवई की संतान के तौर पर अमरावती में जन्मे न्या. भूषण गवई की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा अमरावती में ही हुई थी तथा मुंबई से विधि स्नातक की पदवी प्राप्त करने के उपरांत कुछ समय तक मुंबई में प्रैक्टिस करने के बाद न्या. भूषण गवई ने अमरावती जिला व सत्र न्यायालय में भी प्रैक्टिस की थी. जिसके चलते अमरावती में न्या. भूषण गवई का अच्छा-खासा मित्र परिवार है. साथ ही सन 1990 के आसपास नागपुर जाकर एड. राजा एस. भोसले के साथ प्रैक्टिश शुरु करते हुए नागपुर को ही अपनी कर्मभूमि बना लेनेवाले न्या. भूषण गवई का आगे चलकर हमेशा ही अमरावती में रहनेवाले अपने मित्रों से सतत संपर्क बना रहा और उनका कई मौकों पर अमरावती आना-जाना भी चलता रहा. यह सिलसिला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बनने के बाद भी न्या. भूषण गवई ने जारी रखा. जिसके चलते न्या. भूषण गवई को मिलने जा रहे सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायमूर्ति पद की खुशी अमरावती में रहनेवाले उनके सभी मित्रों में देखी जा रही है.
कभी अमरावती जिला व सत्र न्यायालय में न्या. भूषण गवई के समकालिन रहे वरिष्ठ विधिज्ञ एड. अशोक जैन ने उनसे जुडी यादों को ताजा करते हुए बताया कि, सन 1985 में मुंबई से विधि स्नातक की पदवी प्राप्त करने के बाद न्या. भूषण गवई ने कुछ समय तक मुंबई में ही प्रैक्टिस की थी और सन 1989-90 के दौरान वे अमरावती वापिस आकर यहां वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रकाश उर्फ पी. एन. राठी के मार्गदर्शन में प्रैक्टिस करने लगे थे. उस समय एड. राठी ने ही न्या. भूषण गवई की काबिलियत को देखते हुए उन्हें अमरावती में समय व्यतीत करने की बजाए नागपुर हाईकोर्ट जाकर प्रैक्टिस करने की सलाह दी थी. जिसके बाद न्या. भूषण गवई ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश व एड. राजाभाऊ भोसले के साथ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करनी शुरु की तथा अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर वे अगले ही दो वर्ष के भीतर निजी प्रैक्टिस छोडकर हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रुप में काम करने लगे. सहायक, अतिरिक्त व मुख्य सरकारी अभियोक्ता के तौर पर करीब 10-11 वर्ष तक काम करने के उपरांत न्या. भूषण गवई को मुंबई उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के तौर पर नियुक्ति मिली तथा उन्होंने वर्ष 2019 तक मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में बतौर न्यायमूर्ति के तौर पर काम किया. जिसके उपरांत 24 मई 2019 को न्या. भूषण गवई का चयन देश की सर्वोच्च अदालत के न्यायमूर्ति के तौर पर हुआ था और अब वे आगामी 13 मई को अपनी योग्यता व वरिष्ठता के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति नियुक्त होने जा रहे है, यह निश्चित रुप से अमरावती शहर व जिले के विधि क्षेत्र सहित सभी लोगों के लिए गौरववाली बात है.
एड. अशोक जैन के मुताबिक आगामी 14 मई को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में न्या. भूषण गवई का प्रमुख न्यायमूर्ति के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह होगा. जिसमें न्या. भूषण गवई के साथ सीधे संपर्क में रहनेवाले अमरावती बार असो. के करीब 100 वकील शामिल होंगे. जिसके लिए अभी से तैयारियां व नियोजन कर दिए गए है और जल्द ही तमाम तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जाएगा. साथ ही साथ न्या. भूषण गवई के प्रमुख न्यायमूर्ति नियुक्त होने के उपरांत अमरावती जिला बार असो. द्वारा उन्हें अमरावती आमंत्रित करते हुए उनका भव्य नागरी सत्कार भी किया जाएगा. इसके लिए भी बार असो. में आवश्यक विचारविमर्श शुरु हो चुका है. हालांकि फिलहाल सभी तैयारियां अपने प्राथमिक स्वरुप में है. जिन्हें मार्च माह के अंत तक मुक्कमल कर लिया जाएगा.
* अमरावती के हिस्से में दूसरी बार सर्वोच्च पद का सम्मान
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले मुलत: अमरावती से वास्ता रखनेवाली कांग्रेस नेत्री, पूर्व सांसद व पूर्व राज्यपाल प्रतिभाताई पाटिल देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुकी हैं. साथ ही पूर्व महामहिम प्रतिभाताई पाटिल ने देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति होने का कीर्तिमान भी रचा था. जिसके चलते अमरावती का नाम पूरे देश में परिचित हुआ था. वहीं अब अमरावती के सपूत न्या. भूषण गवई देश की न्यायिक व विधि व्यवस्था में सर्वोच्च रहनेवाले प्रमुख न्यायमूर्ति के पद पर आसिन होने जा रहे है. जिसके चलते अमरावती जिले के हिस्से में एक बार फिर सर्वोच्च पद का बहुमान मिलने जा रहा है.
सबसे उल्लेखनीय यह भी है कि, पूर्व महामहिम प्रतिभाताई पाटिल तथा न्या. भूषण गवई के परिवार विगत कई वर्षों से कांग्रेस नगर परिसर में एक-दूसरे के पडोसी है और दोनों परिवारों के बीच बेहद निकट व घनिष्ट संबंध भी है.
* 6 माह 10 दिन का रहेगा कार्यकाल!
सूत्रों के मुताबिक 13 मई 2025 को देश के 54 वें मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर शपथ लेने के बाद न्या. भूषण गवई इस पद पर 23 नवंबर 2025 तक कार्यरत रहेंगे यानी बतौर सीजेआय उनका कार्यकाल 6 माह 10 दिन का रहेगा. ऐसे में अब सभी की निगाहें न्या. भूषण गवई की सीजेआय पद पर होनेवाली संभावित नियुक्ति ओर लगी हुई है.