दुपहिया के लिए भी होती है पीयूसी
अमरावती/दि.29 – एक निश्चित कालावधी के बाद सभी तरह के वाहनोें के लिए पीयूसी (पोल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट करना अनिवार्य रहता है. अक्सर यातायात पुलिस व आरटीओ द्वारा चारपहिया वाहनों की पीयूसी जांची जाती है. जिसके चलते चारपहिया वाहनों का पीयूसी प्रमाणपत्र हमेशा ही बनाया जाता है. किंतु दुपहिया वाहनों की पीयूसी को अमूमन जांचा या देखा ही नहीं जाता. जिसकी वजह से दुपहिया वाहनों की पीयूसी बनायी ही नहीं जाती. हालांकि जिस समय वाहन को किसी अन्य के नाम पर ट्रान्सफर करना होता है, तब जरूर दुपहिया वाहनों की पीयूसी बनायी जाती है.
कितना खर्च होता है पीयूसी में
– विविध वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र हेतु आनेवाला खर्च अलग-अलग है. पेट्रोल व सीएनजी पर चलनेवाले दुपहिया व तिपहिया वाहनों के लिए प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रूपये होता है.
– चार पहिया वाहनों का पीयूसी प्रमाणपत्र बनाने हेतु 80 रूपये का शुल्क लगता है. वही डीजल वाहनों की प्रदूषण जांच हेतु 100 रूपये का शुल्क अदा करना पडता है.
जांच क्यों नहीं होती?
अक्सर देखा गया है कि, आरटीओ व यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा चारपहिया व तिपहिया वाहनों की जांच करते समय तो अन्य दस्तावेजोें के साथ-साथ पीयूसी सर्टिफिकेट को भी अनिवार्य तौर पर देखा जाता है, लेकिन दुपहिया वाहनों की जांच के समय ऐसा अमूमन नहीं होता. ऐसे में सबसे बडा सवाल यही है कि, आखिर दुपहिया वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र को संबंधितों द्वारा क्यों नहीं देखा जाता.
पीयूसी नहीं रहने पर हो सकता है दंड
बता दें कि, पीयूसी नहीं रहनेवाले वाहनों पर यातायात पुलिस व आरटीओ द्वारा दंड भी लगाया जाता है. जिसके तहत यातायात पुलिस द्वारा पहली बार बिना पीयूसी पकडे जाने पर 500 रूपये व दुसरी बार पकडे जाने पर 1 हजार 500 रूपये का दंड लगाया जाता है.