जिले में चहूंओर विकास ही विकास!
45 दिनों में 7 विधायकों ने 12990 करोड के कामों का भूमिपूजन किया
* कही अधिकांश भूमिपूजन चुनावी शगूफा तो नहीं?
* चुनाव के समय ही क्यों आते है हजारों करोड रुपयों के विकास काम?
* अगर कोई विधायक हारा, तो वे विकास काम क्या वाकई पूरे होंगे?
अमरावती/दि.14 – आगामी 26 नवंबर को राज्य विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. जिसके चलते 26 नवंबर से पहले राज्य में विधानसभा के चुनाव कराने की निर्वाचन आयोग द्वारा तैयारियां विगत लंबे समय से करनी शुरु कर दी गई थी. ऐसे में आगामी चुनाव के साथ ही आचार संहिता लागू होन की संभावना को देखते हुए जिले के सभी मौजूदा विधायकों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मंजूर कराये गये हजारों करोड रुपयों की लागत वाले विकास कामों के भूमिपूजन व लोकार्पण का एक तरह से ‘सपाटा’ ही लगा दिया है. जिसके चलते जिले में रोजाना ही कही न कही किसी न किसी बडी परियोजना व प्रकल्प सहित कई छोटे-बडे विकास कामों के भूमिपूजन व लोकार्पण हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. इसके तहत अमरावती जिले में विगत 45 दिन के दौरान ही 7 विधायकों द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में करीब 12,900 करोड रुपयों की लागत वोल विकास कामों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया गया. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, इस समय जिले में चारों ओर विकास ही विकास हो रहा है और राज्य सरकार की ओर से अमरावती जिले को 12-13 हजार करोड रुपयों की विकास निधि भी प्राप्त हो गई है. जिसके जरिए अब जल्द ही अमरावती जिले का चेहरा मोहरा भी बदल जाएगा. लेकिन इसके साथ ही यह सवाल भी उपस्थित किया जा सकता है कि, जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत 5 वर्षों के दौरान जिले के विकास हेतु जितनी निधि नहीं लायी जा सकती, उतनी निधि के विकास कामों को अब एक साथ ऐन चुनावी मुहाने पर मंजूरी कैसे मिली और क्या वाकई इन विकास कामों के लिए जिला प्रशासन को इतने बडे पैमाने पर निधि प्राप्त भी हो गई है. सवाल तो यह भी उपस्थित किया जा सकता है कि, कही विधानसभा चुनाव के समय अधिक से अधिक मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने हेतु यह मौजूदा प्रतिनिधियों व उनसे संबंधित राजनीतिक दलों का कोई चुनावी शगूफा तो नहीं और सवाल यह भी पूछा जा सकता है कि, इन विकास कामों को ऐन चुनाव से पहले मंजूरी दिलाने वाला विधायक यदि आगामी चुनाव में पराजीत हो जाता है और उसके स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति विधायक निर्वाचित होता है, तो क्या तब भी आज मौजूदा सरकार द्वारा दी गई मंजूरी व निधि कायम रहेंगे और क्यों तब भी इन विकास कामों को पूरा किया जाएगा. यदि ऐसा होता है, तो ठीक और यदि ऐसा नहीं होता है, तो माना जा सकता है कि, यह मतदाताओं को बरगलाने के लिए किया गया चुनावी स्टंट था.
बता दें कि, विगत सप्ताह से भी यह संभावना जतायी जाने लगी थी कि, जारी सप्ताह के प्रारंभ में ही विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता को लागू किया जा सकता है. जिसके चलते अमरावती जिले के सभी मौजूदा 7 विधायकों द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र हेतु मंजूर कराये गये विकास कामों के भूमिपूजन व लोकार्पण के कार्यक्रमों का आयोजन करना शुुरु किया गया. जिसके तहत सभी विधायकों ने अपनी-अपनी पार्टियों के बडे-बडे नेताओं को बुलाकर भूमिपूजन की कूदाल मारने व लोकार्पण के फलक का अनावरण करने जैसे कामों के जरिए एक तरह से अपने चुनाव प्रचार का नारीयल भी फोड दिया. जिसके तहत अमरावती जिले के आठों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विगत 45 दिनों के दौरान रिकॉर्ड 12,900 करोड रुपयों के विकास कामों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया गया. यह भी अमरावती शहर सहित जिले के लिहाज से एक ऐतिहातिक बात रही.
बता दें कि, विधानसभा के चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले विगत 45 दिनों के दौरान अमरावती निर्वाचन क्षेत्र की कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके ने राकांपा नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के हाथों करीब 1750 करोड रुपए की निधि से किये जाने वाले विविध विकास कामों का भूमिपूजन करवाया. वहीं अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र से प्रहार पार्टी के विधायक रहने वाले बच्चू कडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र हेतु 2 हजार करोड रुपयों की निधि को मंजूरी दिलाते हुए इस निधि के जरिए किये जाने वाले विविध विकास कामों का इसी दौरान भूमिपूजन किया. इसके साथ ही तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की कांग्रेस विधायक एड. यशोमति ठाकुर ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में 300 करोड रुपए की निधि से किये जाने वाले विविध विकास कामों का भूमिपूजन करवाया. वहीं दो-तीन दिन पूर्व ही आदिवासी बहुल मेलघाट विधानसभा क्षेत्र में विधायक राजकुमार पटेल द्वारा शिंदे गुट के नेता व राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत के हाथों करीब 1 हजार करोड रुपए की निधि से किये जाने वाले विकासकामों का भूमिपूजन व लोकार्पण करवाया गया. साथ ही साथ धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रताप अडसड ने आचार संहिता लगने से ठीक एक दिन पहले 3 हजार करोड रुपए की लागत से किये जाने वाले विविध विकास कामों का भूमिपूजन व लोकार्पण संपन्न करवाया. इसके अलावा बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र में करीब 500 करोड रुपए की निधि से किये जाने वाले विविध विकासकामों का भूमिपूजन इसी दौरान किया गया. इन सबके साथ ही मोर्शी-वरुड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भुयार ने विगत 1 सितंबर 2024 को अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाते हुए मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्र हेतु 4 हजार 372 करोड रुपयों की निधि मंजूर करने हेतु राज्य सरकार के प्रति आभार ज्ञापित किया था. जिसे लेकर सवाल उपस्थित किया जा रहा है कि, क्या मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्र में 4 हजार 372 करोड रुपए के विकासकाम हो गये है, या फिर विगत 1 सितंबर को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के हाथों मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्र में 4 हजार 372 करोड रुपए के विकास कामों का भूमिपूजन व लोकार्पण हुआ था.
उपरोक्त तमाम आंकडों तथा विकास कामों के भूमिपूजन व लोकार्पण से संबंधित खबरों को देखते हुए बडे आश्चर्य के साथ पूछा जा सकता है कि, पूरे 5 वर्ष का कार्यकाल प्राप्त रहने वाले विधायकों द्वारा आखिर ऐन अगले ुुचुनाव के मुहाने पर ही इतने बडे पैमाने पर विकास कामों हेतु निधि कैसे मंजूर कराई जाती है. सवाल यह भी पूछा जा सकता है कि, विधायकों द्वारा अपना कार्यकाल जारी रहने के दौरान ही अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न विकास कामों हेतु निधि मंजूर कराते हुए उन विकास कामों को अपने कार्यकाल दौरान ही पूरा क्यों नहीं करा लिया जाता और इसके लिए अगला कार्यकाल मिलने का मौका क्यों देखा जाता है. साथ ही सवाल यह भी उपस्थित होता है कि, यदि मौजूदा विधायकों को आगामी चुनाव में हार का सामना करना पडा और वे दोबारा विधायक निर्वाचित नहीं हुए. साथ ही यदि राज्य में सत्ता परिवर्तन भी हो गया, तो ऐन चुनावी मुहाने पर मंजूर की गई निधि तथा भूमिपूजन किये गये कामों का भविष्य क्या होगा. क्या उस स्थिति में ऐसे काम कभी पूरे हो पाएंगे, या फिर निधि के यह तमाम बडे-बडे आंकडे व विकास कामों के भूमिपूजन व लोकार्पण के दावे महज चुनावी शगूफा ही बनकर रह जाएंगे.
* सांसद बनने के बाद भी वानखडे ने दर्यापुर को दिलाये 75 करोड
बता दें कि, विगत अप्रैल-मई माह में हुए लोकसभा चुनाव में दर्यापुर से विधायक रहने वाले बलवंत वानखडे ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी और बलवंत वानखडे के सांसद निर्वाचित हो जाने के चलते पिछले 6 माह से दर्यापुर का विधायक पद रिक्त पडा हुआ है. लेकिन इसके बावजूद सांसद बलवंत वानखडे ने अपने पुराने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हेतु अपने कार्यकाल दौरान मंजूर कराई गई करीब 75 करोड रुपयों की निधि से किये जाने वाले विकास कामों का भूमिपूजन हाल फिलहाल के दौरान किया.
निर्वाचन क्षेत्र विधायक कितनी निधि के विकास कामों का भूमिपूजन
अमरावती सुलभा खोडके 1,750 करोड रुपए
अचलपुर बच्चू कडू 2,000 करोड रुपए
तिवसा एड. यशोमति ठाकुर 300 करोड रुपए
मेलघाट राजकुमार पटेल 1,000 करोड रुपए
धामणगांव रेल्वे प्रताप अडसड 3,000 करोड रुपए
बडनेरा रवि राणा 500 करोड रुपए
मोर्शी-वरुड देवेंद्र भुयार 4,372 करोड रुपए
दर्यापुर बलवंत वानखडे 75 करोड रुपए