अमरावती

तुम्हारे पंखों में भी है जान, तुम भी छू सकती हो आसमान

सीपी डॉ. आरती सिंह ने जारी की महिला सुरक्षा की दशसूत्री

अमरावती/दि.1 – इन दिनों महिलाओं व युवतियों की सुरक्षा का मसला राज्य सहित समूचे देश में जबर्दस्त गूंज रहा है और महिलाओं के खिलाफ होनेवाले अत्याचार के मामलों का आलेख लगातार बढ रहा है. जिस पर नियंत्रण पाने हेतु पुलिस द्वारा चौबीसों घंटे काम किया जा रहा है. लेकिन सर्वाधिक जरूरी है कि, महिलाओं ने भी निडर होना चाहिए और पूरी निर्भिकता के साथ संकट का सामना करने की तैयारी करनी चाहिए. इस बात को ध्यान में रखते हुए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने ‘महिला सुरक्षा की दशसुत्री’ नामक एक पॉकेट बुक जारी की है और अमरावतीवासियों के समक्ष सोशल पुलिसिंग का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है. शहर पुलिस आयुक्तालय के इतिहास में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है.

महिलाओं हार मत मानो

इस पुस्तिका में कहा गया है कि, अपनी सुरक्षा के लिए पेपर स्प्रे का प्रयोग करे. स्वसंरक्षण के लिए प्रशिक्षण लें. किसी भी आपात स्थिति या संकट का सामना करने हेतु अपराधियों की आंखों में फेंकने के लिए शहद, रेती व डिओडंट का प्रयोग करे. साथ ही अपने पास मिरची की पुडियां भी रखी जा सकती है. हम कुछ नहीं कर सकते, यह समझकर कतई हार न माने. खतरा महसूस होने पर सुनसान स्थान को पार कर जल्द से जल्द भीडभाडवाले स्थान की ओर जाये.

गर्भलिंग परीक्षण करना कानूनी रूप से अपराध

गर्भलिंग परीक्षण तकनीक का प्रयोग करना पूरी तरह से गैरकानूनी है. जिसे लेकर अपराध भी दर्ज हो सकता है. इस पुस्तिका में इस कानून का उल्लंघन करने पर किस तरह की कार्रवाई व सजा हो सकती है, इसे लेकर विस्तृत जानकारी देने के साथ ही आवाहन किया गया है कि, लडकियों की जन्म से पहले अथवा जन्म के बाद हत्या न की जाये.

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महिलाओं द्वारा सतर्क रहने, आत्मविश्वास तथा निर्भिकता के साथ संकट का सामना करने, वक्त की नजाकत को समझते हुए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. ऐसे में उन्हें सहायता व मार्गदर्शन प्रदान करनेवाले बातों व उपायों को समावेश इस पुस्तिका के जरिये देने का प्रयास किया गया है.
– डॉ. आरती सिंह
पुलिस आयुक्त, अमरावती शहर

महिला सुरक्षा की दशसूत्री

1. संकट को पहचानें – कुछ ऐसी बातें होती है, जो यदि एकसाथ घटित होनी शुरू हो जाये, तो निश्चित तौर पर कोई संकट आनेवाला है, यह ध्यान रखे.
2. घर में सुरक्षा – आप तक कोई भी इतनी आसानी से भी न पहुंच पाये. ऐसे में खुद को किसी का भी शिकार होने से बचाना चाहिए.
3. व्यवहार हो आत्मविश्वासपूर्ण – अपने व्यवहार से कहीं पर भी खुद को असुरक्षित न दिखाये और आप किसी का निशाना भी बन सकते है. ऐसा अपने व्यवहार से प्रतित न होने दें.
4. आसपास पूरा ध्यान रखें – अपने आसपास के लोगोें और उनके व्यवहार को लेकर सजग रहे. साथ ही यदि कुछ अलग घटित हो रहा है, तो समय रहते सतर्क हो जाये.
5. संकट के समय घबराये नहीं – कोई भी खतरा महसूस होते ही या तो उसका सामना करने की या फिर वहां से निकल जाने की तैयारी करें, लेकिन घबराये बिल्कुल भी नहीं.
6. मजबूती जरूरी – अपने व्यवहार से अपनी कमजोरी न झलकने दें, बल्कि अपने शब्दों और अपने हावभाव से अपनी मजबूती का प्रदर्शन करें.
7. भागो, जोर से भागो – यदि संकट का सामना करना संभव नहीं है, तो जितनी जोर से दौड सकते हो, उतनी जोर से दौडो और तुरंत भागकर भीडभाडवाले स्थान पर पहुंचों.
8. लोगोें का ध्यान दिलाओ – संकट में फंसते ही उसका सामना अकेले करने की बजाय आसपास के लोगों का ध्यान उस ओर दिलाओ और लोगों से मदद मांगो.
9. निर्भिक रहो व दिखो – अपराधी को कोई भी मौका मत मिलने दो. निर्भिक रहो और दिखो, तो किसी की भी आप पर हमला या अत्याचार करने की हिम्मत नहीं होगी.
10. हमेशा तैयारी में रहो – संकट के समय अपने आसपास उपलब्ध सभी उपायों का अपने बचाव के लिए प्रयोग करो.

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