परीक्षा कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं
विद्यार्थियों को शरबत पिलाये, लेकिन परीक्षा गर्मी में ही लेने के निर्देश

अमरावती/दि.29– राज्य में हर तरफ पारा बढ़ रहा है. गर्मी की तीव्रता को देखते हुए राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा जारी परिपत्र में छात्रों के स्वास्थ्य और बढ़ते तापमान से बचाव के लिए कुछ प्रावधान किये गये हैं. इसके मुताबिक विद्यालय पोषण योजना के तहत छात्रों को छाछ और शरबत दिया जाये, स्कूलों को सुबह के सत्र में आयोजित किया जाना चाहिए, लू से बचाव के उपाय किए जाने जैसे कई प्रावधान किए गए हैं.
लेकिन आपदा प्रबंधन समिति के इस निर्देश के बावजूद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद पुणे ने कक्षा पहली से नौवीं तक के परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया है. विद्यार्थियों को शरबत, छाछ अथवा ओआरएस दिया जाये, लेकिन परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में चिलचिलाती धूप में लें, इस बात पर राज्य शिक्षा विभाग अडा हुआ है. एक तरफ जहां गर्मी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी और मार्च महीने में पूरी की जाती हैं. लेकिन दूसरी ओर अप्रैल के आखिरी सप्ताह में चिलचिलाती धूप में पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों की परीक्षा आयोजित करने को शिक्षा विभाग की असंवेदनशीलता का उदाहरण बताकर इसकी आलोचना की जा रही है.
* बढते तापमान को देखते हुए बदलाव जरुरी
अप्रैल के अंतिम सप्ताह में बढ़ रहा तापमान, शाला में भौतिक सुविधाओं का अभाव, विद्यार्थियों की आयु और स्वास्थ्य आदि बातों को एससीईआरटी को परीक्षा कार्यक्रम तय करते समय ध्यान में रखना चाहिए था. आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश पर एससीईआरटी को संज्ञान लेते हुए स्कूल परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव करना चाहिए.
– राजेश सावरकर,
प्रांत प्रचार प्रमुख,
महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति.