अमरावतीमहाराष्ट्र

मां समान कोई जीवनदाता नहीं – प. पू. स्वामी फलहारी महाराज

आचार्य स्वामी जितेन्द्रनाथ महाराज की मातोश्री पुण्यमूर्ति कुसुम लोमटे (माई) की चौदहवीं निमित्त धार्मिक अनुष्ठान में सैकडों की उपस्थिति

अमरावती/दि.28– मनुष्य जीवन में मां केवल जन्मदाता ही नहीं होती, बल्कि वह उसके लिए पहली गुरू भी होती है. उसके ममता के आंचल तले बच्चा धीरे धीरे बडा होता है. जीवन में आनेवाले सुख- दुख का सामना करने की शक्ति उसे मां के आत्मबल से प्राप्त होती है. मनुष्य के लिए ईश्वर के प्रति आस्था के बाद प्रत्यक्ष मनुष्य रूपी मां के बिना दूसरा कोई आसरा नहीं है. उसकी छाया, आश्रय, सुरक्षा दूसरा कोई भी प्रदान नहीं कर सकता, वह ऐसी जीवनदाता है. जो केवल देना जानती है, लेना नहीं . इसलिए मां का ऋण कोई भी मनुष्य मरते दम तक नहीं चुका सकता. यह भावोद्बार नासिक निवासी प. पू. स्वामी फलहारी महाराज ने व्यक्त किए.
स्थानीय फरशी स्टॉप स्थित नरहरी महाराज मंदिर समीपस्थ निवासस्थान आचार्य स्वामी जितेन्द्रनाथ महाराज की माताजी पुण्यमूर्ति कुसुम लोमटे (भाई) का 12 अप्रैल को देहावसान हुआ था. उनके चौदहवी कार्यक्रम निमित्त लोमटे परिवार द्बारा धार्मिक अनुष्ठान का रविवार को आयोजन किया गया
इस अवसर पर प. पू. अंनजगासुर्जी मठ के पीठाधीश्वर जितेन्द्रनाथ महाराज (गुरूजी), नागपुर के के राजे मुधोजी भोसले, नासिक के. प.पू. स्वामी फलहारी महाराज, प.पू. राजेश्वर माउली सरकार, प.पू. सचिन देव महाराज, प. पू. वासुदेवानंद गिरी महाराज, गुमान सिंग डामोर, सांसद रतलाम, विहिंप के गोविंद शेडे, हिवरा आश्रम के अशोक पाध्ये, सूरज डामोरे, ज्ञानेश्वर महाराज पातशे, श्यामबाबा निचत, प्रतिदिन अखबार व वृत्तकेसरी के संस्थापक संपादक नानक आहुजा, जनमाध्यम े संपादक प्रदीप देशपांडे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. प.पू. जितेन्द्रनाथ महाराज को भगवान, धर्म और राष्ट्र क लिए समर्पित किया. ऐसा पुत्र देनेवाली मां धन्य थी. इन शब्दों में श्रध्दासुमन अर्पित किए.
नागपर से पधारे राजे मुधोजी भोसले ने कहा कि, अंजनगांव सुर्जी के देवनाथ मठ की गद्दी पर महाराज विराजित हुए. देवनाथ मठ की विरासत को आगे बढानेवाला संत उस मां की गोद से हमें प्राप्त हुआ है. यह सनातन धर्मियों के लिए गौरव की बात है. इस धार्मिक समारोह शुरूआत गंगा पूजन से की गई. पश्चात संकीर्तन व रूद्राभिषेक किया गया. समारोह में उपस्थित अन्य मान्यवरों ने पुण्यमूर्ति कुसुम लोमटे (माई) के प्रति शब्द सुमनों द्बारा श्रध्दांजलि अर्पित की गई.
कार्यक्रम की शुरूआत में प. पू. जितेन्द्रनाथ महाराज व लोमटे परिवार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्रीद्बय एकनाथ शिंदो व अजीत पवार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सरसंघसंचालक मोहन भागवत व अन्य मान्यवरों के प्राप्त सांत्वना संदेश का पठन किया गया. इस अवसर पर विश्वमांगल्य सभा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नलिनी हावरे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धरिणीबेन शुक्ल, राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख मेंढे, जनप्रतिनिधि परिवार संपर्क संयोजिका अनुराधा यादव, जनजाति कल्याण विभाग संगठन मंत्री मंजुषा लोडे, विश्वमांगल्य मेडिकल मिशन संयोजिका संगरा चुंबलकर, विश्वमांगल्य मेडिकल मिशन संयोजिका संगरा चुंबलकर, विश्वमांगल्य सभा राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री पूजा देशमुख समेत मातृशक्ति, प.पू् गुरूजी के श्रीनाथ सखावृंद, अनुयायी पूरे राज्य में बडी संख्या में उपस्थित थे. भावपूर्ण धार्मिक समारोह का महाप्रसादी के साथ समापन किया गया.

 

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