अमरावतीमहाराष्ट्र

राष्ट्रसंत की भूमि में धार्मिक विडंबन को जगह नहीं

विधायक सुलभा खोडके का प्रतिपादन

* ग्राम जयंती उत्सव में हुई शामिल
अमरावती/दि.11– अमरावती जिला राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कर्मयोगी संत गाडगे बाबा व शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख की कर्मभूमी है. इन सभी महान विभूतियों ने अमरावती जिले को मानवता व विश्वकल्याण का विचार दिया है और उनके विचारों से ही अमरावती जिले का निर्माण हुआ है. जिसके चलते हम सभी के मन में इन महान विभूतियों के विचार व संस्कार है. परंतु आज के नये युग में नई पीढी इसे भूलती जा रही है. यहीं वजह है कि, आधुनिकता के नाम पर धर्म का विडंबन होता दिखाई दे रहा है. जिसमें सर्वसामान्य जनता अटक जाती है. परंतु हमें यह ध्यान रखना होगा कि, यह राष्ट्रसंत की भूमि है. जहां पर धार्मिक विडंबन के लिए किसी भी तरह का स्थान नहीं है. इस आशय का प्रतिपादन विधायक सुलभा खोडके द्वारा किया गया.

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के 115 वें जयंती उत्सव का औचित्य साधते हुए राधा नगर परिसर में संत गुरुदेव सेवा ट्रस्ट द्वारा ग्राम जयंती उत्सव का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर विधायक सुलभा खोडके अपने विचार व्यक्त कर रही थी. इस समय मंच पर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. सतीश तराल, पूर्व मंत्री सुरेंद्र भुयार, अभा गुरुदेव सेवा मंडल की अध्यक्षा पुष्पा बोंडे, संत गाडगे बाबा अभ्यासन केंद्र के समन्वयक डॉ. दिलीप काले, समाजभूषण हभप भरत महाराज रेले, कीर्तनकार हभप नारायणराव पडोले महाराज तथा डॉ. मनोज विष्णुरकर आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर सभी गणमान्यों ने अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रसंत के विचारों को प्रासंगिक बताया.

इस कार्यक्रम में रामदास गायकवाड, ज्ञानेश्वर वानखडे, शंकरराव वसू, श्रीधर डहाके, मधुकर केचे, संजय तायवाडे, बालासाहब महल्ले, मनोहरराव पोहोकार, प्रमोद महल्ले, योगेश सवाई, डॉ. श्रीधर जावरकर, रामदास सदार, रामकृष्ण धारपवार, बालासाहब झोड, घोडस्कर महाराज, मेहरे, दत्ता पाचूरकर, वसंतराव सुले, रवींद्र रायपुरे, महादेवराव तायवाडे, एकनाथ महल्ले, श्रीराम खाकले आदि उपस्थित थे.

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