अमरावतीमुख्य समाचार

स्वाभिमान से जीने के लिए कोई काम में शर्म नहीं

पति और बेटे के निधन के बाद चंदा वर्मा करती है लोगों के घरेलू काम

अमरावती/ दि. 8- पति और इकलौते बेटे के निधन के बाद न डगमगाते हुए चंदा रूपचंद वर्मा (50) नामक महिला स्वाभिमान से अपनी जिंदगी गुजर-बसर करने के लिए एक होटल संचालक के घर पर घर की साफ सफाई के साथ सभी घरेलू काम करती है और अपना पेट भरती है.
शहर के वल्लभनगर निवासी चंदा रूपचंद वर्मा (50) नामक महिला के पति रूपचंद वर्मा का 13 वर्ष पूर्व किसी सडक हादसे में निधन हो गया. उनके पति होटल के कारागीर थे. उसे मयूर नामक इकलौता बेटा था उसका भी 4 माह पूर्व निधन हो गया. बेटा भी कोई काम नहीं करता था. इस कारण पति के निधन के बाद चंदा को ही मजबूरन घर से बाहर काम के लिए निकलना पडा. पति के निधन के बाद बेटा उस समय केवल 11 वर्ष का रहने से उसके पालन पोषण की थी जिम्मेदारी चंदा पर थी. तब उसने हमालपुरा में रहनेवाले तथा होटल संचालक संजु कुशवाह के घर पर साफ सफाई और बर्तन, कपडे धोने के काम की शुरूआत की. सुबह से 10 बजे से शाम तक काम करने के बाद वह घर लौटती थी. मजदूरी कर अपने बेटे को बडा करने के बाद उसे आशा थी कि उसका इकलौता बेटा बुढापे में उसका सहारा रहेगा. लेकिन काल को यह मंजूर नहीं था. चार माह पूर्व नवंबर माह में उसका निधन हो गया. पति और इकलौता बेटा खोने के बाद चंदा ने जिंदगी से हार न मानते हुए स्वाभिमान से जीने के लिए अपना काम शुरू रखा. घर का काम निपटाकर वह सुबह 10 बजे ही अपने मालिक के घर काम करने चली जाती है. चंदा का कहना है कि उसके मालिक का परिवार भी उसका काफी ध्यान रखता है. मालिक के घर का काम निपटने के बाद वह कभी-कभी उनकी होटल पर भी कुछ समय के लिए चली जाती है. निराधार महिला को सरकार की तरफ से प्रति माह 35 किलो अनाज मिलता है. इसके लिए राशन कार्ड की आवश्यकता रहती है. वह राशन कार्ड चंदा के पास नहीं है. उसका प्रयास है कि वह उसे मिल जाए.

 

Related Articles

Back to top button