दस महीनों से इर्विन में दवाईयों की आपूर्ति ही नहीं
मधुमेह, सर्दी, खासी सहित अन्य बीमारियों की 80% दवाओं की किल्लत
अमरावती/दि.14– जिला सामान्य अस्पताल (इर्विन) में आने वाले मरीजों के लिए 2022-23 में लगने वाली सभी दवाईयों की मांग शासन से की गई है. मात्र दस महीने बीत जाने के बावजूद अस्पताल को दवाईयां प्राप्त नहीं हुई है. जिले में हर महीने 6 से 7 करोड़ की औषधि लगती है. इस किल्लत को पूरा ककरने के लिए स्थानीय स्तर पर सेस फंड से दो करोर रुपए की दवाईयां अब तक अस्पताल प्रशासन ने खरीदी है. लेकिन अब वह भी खत्म होने की कगार पर है. इर्विन में अब औषधि उपलब्ध नहीं रहने से कई बार बाहर से लाना पड़ता है. जिसके चलते समय और पैसे दोनों खर्च होने के कारण मरीजों सहित उनके साथ आने वाले रिश्तेदारों को भी परेशानी सहन करनी पड़ रही है.
इर्विन में करीबन 350 मरीज भर्ती होकर, हर रोज सैकड़ों मरीज बाह्यरुग्ण विभाग में जांच के लिए आते हैं. लेकिन इन मरीजों को लगने वाली दवाईयां ही अस्पताल में नहीं है. शासकीय रुग्णालय में रक्तदाब, मधुमेद, सर्दी, खांसी सहित अन्य बीमारियों की करीबन 80 प्रतिशत दवाईयों की किल्लत निर्माण हुई है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली कैल्शियम एवं फॉलिक एचि की गोलियों की भी किल्लत निर्माण हुई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाओं की मांग की गई. लेकिन अब तक दवाईयां नहीं मिली है. जिले में विगत 10 महीने से शासन द्वारा अस्पताल को दवाईयों की आपूर्ति नहीं की गई. इर्विन अस्पताल के दवा भंडार से ही जिले के सभी शासकीय रुग्णालयों को दवाईयों की आपूर्ति की जाती है. लेकिन शासन की ओर से आपूर्ति नहीं किये जाने से अस्पताल प्रशासन को काफी कसरत करनी पड़ रही है. कभी-कभी तो मरीजों के रोष का भी सामना करना पड़ता है.
* इन औषधियों की किल्लत
एंटीबायोटिक, पेनकिलर, एन्टी एलर्जी, रक्तदाब, मधुमेह, मिर्गी, सर्दी, खांसी, बुखार, शस्त्रक्रिया के बाद लगने वाले प्रति जैविक, मानसिक मरीजों की दवाईयों की मांग बड़े पैमाने पर होती है. लेकिन फिलहाल अस्पताल में इन दवाईयों की किल्लत है.
शासन की ओर से दवाईयां अब तक अस्पताल को प्राप्त नहीं हुई है. अब तक अस्पताल प्रशासन ने चरणबद्ध तरीके से दो करोर रुपए की दवाईयां स्थानीय स्तर पर खरीदी है. वहीं शासन की ओर से मिलने वाली दवाईयों के लिए प्रयास जारी है.
– डॉ. दिलीप सौंदले, जिला शल्य चिकित्सक, इर्विन