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जिला बैंक में अध्यक्ष की कुर्सी को अब 2 वर्ष तक खतरा नहीें

अमरावती में अगले 2 साल तक बच्चू कडू ही बने रहेंगे अध्यक्ष

* महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम में हुआ बेहद अहम संशोधन
अमरावती/दि.16- इससे पहले महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम 1960 में किये गये प्रावधानों के मुताबिक किसी भी सहकारी संस्था के अध्यक्ष के खिलाफ उसके निर्वाचन के पश्चात 6 माह बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता था. ऐसे में अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति की कुर्सी 6 माह बाद ही डगमगाने लगती थी और इस आपसी रस्साकशीं की वजह से संबंधित सहकारी संस्था का कामकाज व प्रदर्शन प्रभावित होता था. इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के सहकार पणन व वस्त्रोद्योग विभाग ने इस अधिनियम में काफी हद तक बदलाव व संशोधन करते हुए इसे महाराष्ट्र सहकारी संस्था (संशोधित) अध्यादेश 2024 के तौर पर मान्यता दी है. साथ ही धारा 73 (1) (ड) की उपधारा 2 (1961) में 6 माह की अवधि को बदलकर 2 वर्ष कर दिया गया है. जिसका सीधा मतलब है कि, अब अध्यक्ष निर्वाचित होने वाले व्यक्ति के खिलाफ उसकी निर्वाचन तिथि के बाद अगले 2 वर्ष तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा. यानि किसी भी सहकारी संस्था का अध्यक्ष निर्वाचित होने वाले व्यक्ति की कुर्सी कम से कम 2 साल के लिए सुरक्षित रहेगी.
उल्लेखनीय है कि, जिले के सहकार क्षेत्र में सबसे बडी सरकारी बैंक रहने वाली जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद पर कुछ माह पूर्व विधायक बच्चू कडू ने जीत हासिल की थी. परंतु जिला बैंक में विधायक बच्चू कडू का गुट अल्पमत में है. ऐसे में कयास लगाये जा रहे थे कि, विपक्षी गुट द्वारा 6 माह की अवधि पूरी होने की प्रतिक्षा की जा रही है, ताकि उसके बाद बैंक के अध्यक्ष विधायक बच्चू कडू के पास अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे बहुमत के अधार पर पारित कराया जा सके और विधायक बच्चू कडू को अध्यक्ष पद से हटाया जा सके. परंतु जिला बैंक के विपक्षी संचालकों के इस मंसूबे पर अब पानी फिर गया है. क्योंकि राज्य सरकार के सहकार विभाग ने सहकार अधिनियम में एक बडा फेरबदल करते हुए 6 माह की अवधि को बढाकर दो साल कर दिया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विधायक बच्चू कडूके अध्यक्ष पद की कुर्सी को अगले 2 साल तक अब कोई खतरा नहीं है.

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