* दिव्यांगों को गोद में उठाकर ले जाना पडता है बस तक
* गंभीर समस्या पर आभा मंडल प्रशासन नहीं है गंभीर
अमरावती/ दि. 10- अमरावती शहर पांच जिलो का विभाग है. एसटी बस की सेवा लेने के लिए रोजाना हजारों लोग अमरावती बस डेपो पहुंचते है. जिसमें महिला, पुरूष, बच्चे, वृध्द और दिव्यांगों का भी समावेश है. इतना बडा बस डेपो होने के बाद भी बस डेपों में दिव्यांगों के लिए कोई ट्रैक नहीं बनाया गया. यहां दिव्यांगों के लिए विलचेअर की भी व्यवस्था नहीं है. दिव्यांगों को एसटी बस से सफर कराना हो तो उसे पहले गोद में उठाकर एसटी बस तक लाकर बस में चढाना पडता है. इतनी गंभीर समस्या को लेकर कब तक एसटी महामंडल प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दिया. ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला नजारा देखने को मिला.
आज सुबह के वक्त एसटी बस से सफर करने के लिए एक युवक उसकी दिव्यांग वृध्द मां को लेकर अमरावती के एसटी बस डेपो पहुंचा. परंतु यहां किसी तरह का दिव्यांगों के लिए कोई ट्रैक नहीं होने और किसी भी तरह की दिव्यांगों के विलचेअर उपलब्ध न होने के कारण इतनी भीड के बीच वह युवक उसकी मां को गोद में लेकर कडी मेहनत के साथ एसटी बस तक पहुंचा. इतनी भीड के बीच काफी तकलीफ के बाद उसकी मां को गोद में ही लेकर एसटी बस में चढा. यह नजारा उपस्थित अच्छे अच्छों के पसीने छुडाने वाला था. जबकि नियमानुसार रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर दिव्यांग व वृध्द व्यक्तियों के लिए ट्रैक और विलचेअर उपलब्ध कराना जरूरी है. मगर 5 जिलों के विभाग के मुख्यालय स्थित भव्य एसटी बस डेपों में इस सुविधा का अभाव है. अब तक इस दिशा में किसी भी महामंडल के वरिष्ठ अधिकारी ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी.
* अकोला-यवतमाल- वाशिम के लिए बस नहीं
अमरावती एसटी डेपो प्रसिध्द है. गांवखेडे के लोग यहां एसटी बस की सेवा लेने के लिए आते है. परंतु मुख्य एसटी बस डिपो से अकोला-यवतमाल-वाशिम के लिए एसटी बस उपलब्ध नहीं है. इस मार्ग पर सफर करना हो तो बाहर से आनेवाले को पहले मुख्य एसटी डिपो पर उतरना होगा. फिर यहा से ऑटो पकडकर राजापेठ डिपो तक जाना पडता है. तब उस मार्ग की बस मिलती है. परंतु बाहर से आनेवाले कई लोग शहर से अनजान होते है. जिसके कारण उन्हें मुख्य एसटी डिपो से राजापेठ का सफर तय करना कठिन होता है. इस दौरान उन्हें भारी आर्थिक लूट का भी सामना करना पडता है. इस वजह से मुख्य बस स्टैंड से भी उस मार्ग की एसटी बस शुरू की जाए, ऐसी मांग यात्रियों द्बारा की जारही है.