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जिले की 8 में से 7 सीटों पर भाजपा में बगावत

धामणगांव के अलावा सभी सीटों पर बागियों ने उठाया सिर

* अब भी नामांकन वापसी में दो दिनों का समय बाकी
* पार्टी द्वारा बागियों को मनाने व समझाने का दौर तेज
अमरावती/दि.2 – आगामी 20 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव हेतु जिले के 8 निर्वाचन क्षेत्रों में से धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्रों को छोडकर शेष सभी 7 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा को बगावत का सामना करना पड रहा है. क्योंकि अपनी टिकट कटने की वजह से नाराज पार्टीजनों द्वारा बगावत का झंडा बुलंद किया जा रहा है. ऐसे में चूंकि अब नामांकन वापसी का समय समाप्त होने में दो दिनों का समय शेष है. जिसे ध्यान में रखते हुए पार्टी द्वारा अपने बागी उम्मीदवारों को समझा-बुझाकर नामांकन वापिस लेने हेतु मनाया जा रहा है. जिसके चलते उम्मीद है कि, कम से कम 4 सीटों पर बागियों द्वारा अपनी उम्मीदवारी पीछे ले ली जाएगी. वहीं 3 सीटों पर महायुति प्रत्याशियों को भाजपा पदाधिकारियों की बगावत का सामना करना ही पडेगा.
बता दें कि, अमरावती जिले के अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता व पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से शहर भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी तुषार भारतीय तथा दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक रमेश बुंदिले द्वारा काफी पहले से चुनाव लडने की तैयारियां की जा रही थी. लेकिन यह तीनों ही सीटें महायुति के तहत भाजपा द्वारा अपने सहयोगी दलों के लिए छोड दिये गये. ऐसे में इन तीनों नेताओं ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में बगावत का झंडा बुलंद करते हुए महायुति प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लडने की घोषणा की तथा बाकायदा अपने नामांकन भी दाखिल किये. बता दें कि, महायुति द्वारा अमरावती सीट से अजीत पवार गुट वाली राकांपा की विधायक सुलभा खोडके, बडनेरा सीट से निर्दलीय विधायक रवि राणा तथा दर्यापुर सीट से शिंदे गुट के नेता व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल को प्रत्याशी घोषित किया है. जिनके खिलाफ तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में क्रमश: जगदीश गुप्ता, तुषार भारतीय व रमेश बुंदिले द्वारा अपनी दावेदारी घोषित की गई है.
वहीं दूसरी ओर भाजपा द्वारा तिवसा से राजेश वानखडे, मोर्शी-वरुड से उमेश यावलकर, अचलपुर से प्रवीण तायडे व मेलघाट से पूर्व विधायक केवलराम काले को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम चरण में अपना प्रत्याशी घोषित किया गया. इन चारों निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के अन्य कुछ पदाधिकारी भी खुद को टिकट मिलने हेतु प्रयासरत थे और ऐसे कुछ पदाधिकारियों द्वारा अपना टिकट कटते ही पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दायर कर दिया गया. जिसके तहत तिवसा से रविराज देशमुख व अचलपुर से एड. प्रमोदसिंह गडरेल द्वारा अपने नामांकन दायर किये गये. साथ ही मोर्शी-वरुड क्षेत्र से अब तक महायुति समर्थक रहे निर्दली य विधायक देवेंद्र भुयार व मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल ने अपनी दावेदारी पेश की है. साथ ही साथ इन दोनों सीटों पर कुछ भाजपा पदाधिकारियों ने भी निर्दलीय प्रत्याशियों के तौर पर अपने नामांकन दायर कर रखे है. इन सबके साथ ही पूरे जिले में केवल धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र ही एकमात्र ऐसी सीट है जहां पर भाजपा प्रत्याशी प्रताप अडसड के खिलाफ भाजपा में कोई बगावत नहीं हुई है.
बता दें कि, आगामी सोमवार 4 नवंबर को नामांकन वापसी का अंतिम दिन है. ऐसे में अब नामांकन वापसी हेतु केवल दो दिनों का ही समय शेष है. जिसके चलते भाजपा द्वारा अपने सभी बागियों को मनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत इस बार की पूरी कोशिश की जा ही है कि, भाजपा एवं महायुति प्रत्याशियों के खिलाफ भाजपा पदाधिकारियों द्वारा दायर नामांकनों को सोमवार तक वापिस लिया जा सके. इस संदर्भ में भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया गया कि, अमरावती व बडनेरा सहित दर्यापुर में हुई बगावत को रोक पाना तो शायद थोडा मुश्किल रहेगा. क्योंकि इन तीनों सीटों पर महायुति प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन दायर करने वाले दावेदारों द्वारा विगत लंबे समय से चुनाव लडने की तैयारी की जा रही थी और उनके द्वारा इन तीनों सीटों को भाजपा के कब्जे में रखे जाने की मांग भी की जा रही थी. साथ ही जब इन तीनों सीटों को महायुति के तहत अन्य घटक दलों के हिस्से में छोडा गया. तब इन तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टीजनों द्वारा महायुति प्रत्याशी के खिलाफ अपने नामांकन दायर किये गये. वहीं जिसमें से अमरावती से जगदीश गुप्ता व बडनेरा से तुषार भारतीय द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दायर किये गये. वहीं दर्यापुर से पूर्व भाजपा विधायक रमेश बुंदिले ने पार्टी छोडकर युवा स्वाभिमान पार्टी में जाते हुए अपने नामांकन पेश किया. जिनके द्वारा अब कदम पीछे लिया जाना काफी हद तक मुश्किल दिखाई दे रहा है. वहीं तिवसा, अचलपुर, मोर्शी व मेलघाट क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी का नाम घोषित होने के बाद हुई बगावत को शांत करने के पूरे प्रयास किये जा रहे है. जिसके तहत खुद को टिकट मिलने से नाराज होकर नामांकन दायर करने वाले पार्टी पदाधिकारियों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके चलते पूरी उम्मीद है कि, इन 4 सीटों पर भाजपा में हुई बगावत को खारिज किया जा सकेगा.

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