अमरावतीमहाराष्ट्र

वहां संगठन तथा एकता दोनों में मजबूती होती है

जिस धार्मिक परिसर में भजन व भोजन दोनों होते हैं

* जैन श्रावक संघ अध्यक्ष किशोर तातेड का प्रतिपादन
* जैन श्रावक संघ के भोजनालय व आतिथ्य परिसर का उद्घाटन
अमरावती/दि.10 – जिस धार्मिक परिसर में भजन तथा भोजन दोनों होते वहां संगठन तथा एकता में मजबूती होती है. इसलिए ऐसे आयोजन में सहभाग लेना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन श्री वर्धमान जैन श्रावक संघ अध्यक्ष किशोर तातेड ने व्यक्त किया. वे रविवार को श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ के नवनिर्मित भोजनालय तथा आतिथ्य परिसर के उद्घाटन के अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में बोल रहे थे.
किशोर तातेड ने आगे कहा कि, भजन तथा भोजन की एक व्यवस्था होना समूह का परिचायक है. उन्होंने इस मौके पर जैन धर्म की महत्ता विषद करते हुए कहा कि, कई समाज तथा धार्मिक संगठन शुल्क लेकर संस्कार शिविर चलाती है. जबकि जैन साधू-साध्वी के प्रवचनों में ही सच्चे संस्कार दिए जाते है. कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि नागपुर के उपजिलाधिकारी निर्भय जैन ने कहा कि, समाज की धार्मिक तथा सामाजिक गतिविधियां संगठन के माध्यम से ही चलती है. इस क्रम में श्रावक संघ की ओर से जो भोजनशाला बनाई गई है, वह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है. उन्होंने कहा कि, इस भोजनशाला की माध्यम से सामाजिक एकता का एक नया आयाम जुडेगा. साथ ही आतिथ्य परिसर के एक साथ होने से सामूहिक एकता, अतिथियों के सत्कार का भी अवसर मिलेगा. इस आयोजन के माध्यम से एक साथ दो महान कार्य हुए है.
इस अवसर पर विशेष रुप से आमंत्रित पूर्व न्यायाधीश विजय आचलिया ने कहा कि, आज अपनी जन्मभूमि पर भावभिना सत्कार पाकर मैं अभिभूत हो गया हूं. इस सम्मान के लिए मैं समाज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि, अपनी जन्मभूमि में अपने समाज के विशिष्ट जनों के बीच सम्मानित होने का आनंद ही कुछ और होता है. इस भव्य उद्घाटन समारोह का साक्षी बनने पर मैं सभी अतिथियों तथा श्रावक संघ के प्रति आभार मानता हूं. कार्यक्रम के दौरान श्री स्थानकवासी जैन श्रावक संघ (भगवान महावीर चौक, बडनेरा रोड) के अध्यक्ष अमृत मुथा ने अपने प्रास्ताविक भाषण में संघ की 100 वर्ष की गौरवशाली परंपरा पर प्रकाश डाला. उन्होंने संघ के पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल में उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यो का उल्लेख करते हुए समाज की प्रगति, धार्मिक गतिविधियां एवं आचार्यों के चातुर्मास की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने यह भी बताया कि, स्थानक भवन के लिए दिया गया आर्थिक सहयोग के कारण संघ ने उल्लेखनीय प्रगति की है. मुथा ने वर्तमान समय में भोजनशाला के निर्माण को समाज की एक बहुत बडी उपलब्धी बताया. इस अवसर पर उन्होंने संघ की उपलब्धि के लिए स्थायी फंड की योजना की भी घोषणा की. इस फंड के माध्यम से भविष्य में संघ की ओर से संचालित की जानेवाली योजनाओं को और अधिक मजबूती के साथ क्रियान्वित किया जाएगा. अरुण प्रभा महाराज तथा मोक्षरत्न महाराज के प्रवचनों के साथ शुरु हुए इस आयोजन में समाजबंधुओं ने बडी संख्या में हिस्सा लिया. महाराजजी के प्रवचन के बाद समाज के लोगों की ओर से महाराजजी का स्वागत किया गया तथा मंगल पाठ के पश्चात उद्घाटन हुआ. उद्घाटन के पश्चात उपस्थित अतिथियों के हाथों वृक्षारोपण किया गया. वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान समाज के लोगों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया.
कार्यक्रम के दौरान लाभार्थी परिवारों की ओर से अभय कोटेचा ने अपने संबोधन में कहा कि, समाज ने हमें भोजनशाला निर्माण करने का जो अवसर दिया है, वह हमारे लिए सौभाग्य की बात है और मेरे लिए परम सौभाग्य का विषय है कि जो मैं तथा मेरा परिवार इस आयोजन का हिस्सा बना. उत्साह तथा हर्षोल्लास के वातावरण में आयोजित इस कार्यक्रम में संघ के पूर्व अध्यक्ष को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया. इस दौरान पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल में किए गए कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में जिन पूर्व अध्यक्षों के प्रति संघ की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की गई और उनका सम्मान किया गया उनमें सुभाष भंडारी, महेंद्र गांधी, प्रकाशचंद्र कोठारी तथा प्रकाशचंद्र लुनावत का समावेश था.
कार्यक्रम को सफल बनाने संघ अध्यक्ष अमृत मुथा, उपाध्यक्ष डॉ. चंदू सोजतिया, अनिल कोठारी, प्रकाश बैद, धर्मेंद्र मुनोत, सुदर्शन चोरडिया, गिरीश मरलेचा, पन्नालाल ओस्तवाल, अभय कोटेचा, शिव सकलेचा, रमेश साबद्रा, भारत खजांची, नरेश कंठलिया, अशोक खाबिया, संजय चोपडा, सुरेश मुणोत, महेंद्र गुगलिया, सुरेश साबद्रा, विनोद सामरा, नवीन चोरडिया, महेश कोठारी, हरीश लाठिया, अनिल सुराणा, सुनील गोलेच्छा, गिरीश बोथरा, मनीष सावला, सुरेश चोपडा ने अथक प्रयास किए.

Back to top button