राज्य में 2 मुख्यमंत्री व 5 उपमुख्यमंत्री होने चाहिए
विधायक बच्चू कडू ने अपनी ही सरकार पर कसा तंज
मुंबई /दि.7- राज्य में दो मुख्यमंत्री रहने के चलते इस बार कार्तिक यात्रा में श्रीक्षेत्र पंढरपुर स्थित विठ्ठल मंदिर में होने वाली सरकारी पूजा दो डिप्टी सीएम में से कौन करेंगा तथा इस शासकीय पूजा का बहुमान देवेंद्र फडणवीस या अजित पवार में से किसे मिलेगा. इसका निर्णय न्याय व विधि विभाग द्बारा किया जाएगा. इसे लेकर प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू ने अपनी ही सरकार पर जोरदार तंज कसा है. विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने भगवान श्री विठ्ठल की सरकारी पूजा हेतु जाना चाहिए. दो-दो उपमुख्यमंत्री अपनी पूजा करने के लिए आ रहे है, यह देखकर भगवान को भी काफी आनंद होगा. इसके अलावा विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, उनके मुताबिक राज्य में पांच उपमुख्यमंत्री होने चाहिए और पांचों उपमुख्यमंत्रियों ने भगवान विठ्ठल की शासकीय पूजा हेतु जाना चाहिए. क्योंकि हिंदू धर्म में पांच के आंकडे को विशेष महत्व है.
इसके अलावा विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, इन पांच उपमुख्यमंत्रियों के साथ ही राज्य में दो मुख्यमंत्री भी होने चाहिए. जिसके तहत एक मुख्यमंत्री को सार्वजनिक कामों का जिम्मा सौंपा जाना चाहिए, वहीं दूसरे मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत कामों की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. इससे राज्य में कामकाज भी सुचारु रुप से चलेगा और अकेले मुख्यमंत्री पर काम का बोझ भी नहीं पडेगा.
* सभी दलों को भाजपा में विलिन किया जाए
राकांपा में बगावत करते हुए शिंदे-फडणवीस के साथ सत्ता में शामिल हुए अजित पवार जल्द ही मुख्यमंत्री बनेंगे. ऐसी चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में चल रही है. जिसे लेकर डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए कहा था कि, जिस समय सही मौका आएंगा, तो अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा तथा अजित पवार जब भी मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे, हम उन्हें पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाएंगे. इस बयान पर भी तंज कसते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, सभी राजनीतिक दलों का भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया जाना चाहिए. इससे राज्य में सभी दलों की मिली-जुली सरकार चलाने में काफी आसानी भी होगी.
* सबकुछ फडणवीस ही तय करेंगे क्या?
विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, एक ओर तो भाजपा द्बारा राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लडने की बात कहीं जाती है. वहीं दूसरी ओर देवेंद्र फडणवीस द्बारा अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कहीं जाती है. यह सब समझ से बाहर है और संभ्रम पैदा करने वाली स्थिति है. क्योंकि जिसके नेतृत्व चुनाव लडा जाता है, उसी को मुख्यमंत्री भी बनाया जाता है. परंतु यहां सबकुछ उलटा-पुलटा चल रहा है. कुल मिलाकर स्थिति यह है कि, किसके नेतृत्व में चुनाव लडा जाएगा और किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. यह सबकुछ शायद देवेंद्र फडणवीस ही तय करेंगे. ऐसे में बेहतर रहेगा कि, सभी राजनीतिक दलों का भाजपा में विलय करते हुए फडणवीस को ही निर्विवाद नेतृत्व घोषित कर दिया जाए.