अमरावती

दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले की हो उच्चस्तरीय जांच

प्रहार के रोशन देशमुख ने की सीएम ठाकरे से मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३० – महाराष्ट्र वन विभाग की कर्तव्यदक्ष महिला वन अधिकारी दीपाली चव्हाण को मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में कार्यरत रहते समय उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार द्वारा बार-बार आर्थिक और मानसिक तौर पर प्रताडित किया जा रहा था. साथ ही इस संदर्भ में की गई शिकायत पर वरिष्ठों द्वारा समय रहते कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिसकी वजह से तंग आकर आरएफओ दीपाली चव्हाण ने अपने सरकारी आवास पर खुद पर अपनी सरकारी रिवॉल्वर से गोली चलाकर आत्महत्या कर ली. जिसके बारे में पूरी जानकारी तीन अलग-अलग सुसाईड नोट के जरिये सामने आयी है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करने के साथ ही इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत सेवा से निष्कासित किया जाये. ऐसी मांग प्रहार जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारी रोशन देशमुख द्वारा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को भेजे गये पत्र में की है.
इस पत्र में कहा गया कि, गर्भवति रहने के बावजूद उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार ने दीपाली चव्हाण के साथ अपनी अमानवीयता व संवेदनहिनता का परिचय दिया. जिसकी वजह से दीपाली चव्हाण का गर्भपात हो गया था. इसके बावजूद विनोद शिवकुमार ने दीपाली चव्हाण को लगातार प्रताडित करना जारी रखा था और विगत चार माह से उन्हें वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा था. ऐसे में आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हुए दीपाली चव्हाण भीतर ही भीतर बुरी तरह से टूट गयी थी. जिसके चलते उसने आत्महत्या करने का निर्णय लिया. ऐसे में इस मामले को लेकर नामजद किये जाने के साथ ही हिरासत में लिये गये विनोद शिवकुमार को तुरंत सरकारी सेवा से निष्कासित किया जाना चाहिए. साथ ही साथ अपर वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी को भी सहआरोपी बनाते हुए तत्काल गिरफ्तार कर पद से निलंबित किया जाना चाहिए. इसके अलावा इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए, ताकि ऐसे अन्य मामलों को भी उजागर किया जा सके. वहीं इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जानी चाहिए. जहां पर विशेष सरकारी अभियोक्ता के तौर पर एड. उज्वल निकम को नियुक्त किया जाना चाहिए.
इस ज्ञापन में यह चेतावनी भी दी गई है कि, यदि उपरोक्त मांगों की पूर्ति नहीं होती है, तो प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा सरकार के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जायेगा.

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