एमआईडीसी के मार्केटींग हेतु हो स्वतंत्र विभाग
अमरावती/दि.29– महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल यानि एमआईडीसी अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश हो, इस हेतु स्वतंत्र मार्केटींग विभाग होना चाहिए, ऐसी मांग औद्योगिक संगठनों द्वारा बार-बार उठाई जाती है, लेकिन सरकार द्वारा इस ओर हमेशा ही अनदेखी की जाती है.
राज्य सरकार द्वारा नई-नई कंपनियों के साथ सामंजस्य करार किये जा रहे है तथा अच्छे व बडे प्रकल्प अमरावती व नांदगांव पेठ की एमआईडीसी सहित विदर्भ क्षेत्र में आये, इस हेतु सरकार प्रयासशील है. लेकिन इसके बावजूद भी अमरावती एमआईडीसी व नांदगांव पेठ की पंचतारांकित एमआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति समाधानकारक नहीं है. क्योंकि भूखंड लेने के बाद ही वहां पर औद्योगिक ईकाईयां शुरु नहीं हो पाई है. साथ ही कई स्थानों पर यूनिट बंद पडे है. ऐसे बंद पडे यूनिट सहित निर्धारित कालावधि में यूनिट शुरु नहीं करने वालों से भूखंड वापिस लेकर वहां पर नये निवेशक लाये जाने हेतु प्रयास करने की जरुरत है. इस समय अमरावती सहित विदर्भ के अन्य जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में बडे पैमाने पर जगह उपलब्ध है. युनिट शुरु करने के लिए लगनेवाली अन्य सुविधा उपलब्ध है. इन सभी की अच्छी मार्केटिंग हुई तो इसका लाभ निवेश लाने के लिए होनेवाल है. इसके लिए स्वतंत्र विभाग निर्माण करने की आवश्यकता होने लगी है. साथ ही फार्मा, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेन्स, ऑटोमोबाईल्स सेक्टर की कंपनियों के क्लस्टर शुरु कर उन्हें सुविधा के भाव में जगह देने की मांग औद्योगिक संगठनों की तरफ से हो रही है.
* विविध संगठनों की लें सहायता
औद्योगिक वसाहत के मार्केटिंग और वहां के विकासात्मक बातों का महत्व बताने के लिए स्वतंत्र विभाग होना चाहिए. इसमें वेद कौन्सिल, वीआयए, सीआयआय नागपुर सहित विदर्भ क्षेत्र के विभिन्न जिलों के उद्योजकों के संगठनों का समावेश होना चाहिए. तेलंगना, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश जैसे पडोसी राज्यो से रही कनेक्टीवीटी को देखते हुए भारी मात्रा में उद्योग लाना संभव है. इसके लिए प्रयास होने चाहिए. इसके अलावा इन औद्योगिक क्षेत्रो में होटल, रेस्टारेंट, रिक्रिएशन सेंटर, हाऊसिंग सोसायटी लाई गई तो विकास होगा, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की जा रही है.