अमरावती/दि.29 – सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर तक महाराष्ट्र में सभी आस्थापनाओं पर देवनागरी मराठी में लिखे नामफलक रहने का आदेश जारी किया था. चूंकि मराठी महाराष्ट्र की मातृभाषा है और महाराष्ट्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिक ने मराठी भाषा का अभिमान अपना कर्तव्य समझकर करना चाहिए. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गंभीरतापूर्वक पालन होना चाहिए. जिसकी ओर मनपा क्षेत्र में अमरावती मनपा प्रशासन द्वारा कडाई के साथ ध्यान दिया जाए. इस आशय की मांग का ज्ञापन मनसे की शहर इकाइ द्वारा आज मनपा आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में की गई.
इसके साथ ही इस ज्ञापन में कहा गया है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कई स्थानों पर दुकान व प्रतिष्ठानों के नाम फलक देवनागरी मराठी में नहीं लिखे गए है. यह सीधे-सीधे मराठी भाषा की अवमानना का मामला है. जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि आगामी 7 दिनों के भीतर मनपा क्षेत्र में स्थित सभी दुकानों के नामफलक मराठी भाषा में नहीं दिखाई दिये, तो ऐसे दुकान व प्रतिष्ठानों के खिलाफ मनसे द्वारा आंदोलन किया जाएगा. ज्ञापन सौंपते समय मनसे के शहराध्यक्ष धीरज तायडे व बडनेरा शहर अध्यक्ष गौरव बांते सहित प्रवीण डांगे, बबलू आठवले, संगीता मडावी, तृप्ती पानसरे, मनीष ओलंबे, मयंक लांबुसकर, अमोल राउत, निखिल चौधरी आदि उपस्थित थे.