अमरावती/दि.9 – जिला परिषद द्वारा किये गये नियोजन में प्राधान्यक्रम के अनुसार काम नहीं होने के मामले में अब संभागीय आयुक्त के समक्ष आगामी 14 दिसंबर को सुनवाई होगी. इस संदर्भ में जिला परिषद सदस्य श्याम मसराम ने विभागीय आयुक्त के पास शिकायत की थी. जिसके चलते करीब सवा सौ करोड रूपयों के कामों पर अब ब्रेक लग गया है.
जिला परिषद में पर्यटन विकास तथा 30-54 व 50-54 ऐसे विविध लेखाशीर्ष अंतर्गत 135 करोड रूपयों के कामों का नियोजन किया गया था. किंतु राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा आरोप लगाया गया कि, इन कामों का नियोजन नियमानुसार नहीं हुआ है. साथ ही उन्होंने इस संदर्भ में जिप सीईओ को एक पत्र भी जारी किया था. वहीं प्रहार के जिप सदस्य श्याम मसराम ने इसे लेकर विभागीय आयुक्त के पास शिकायत दर्ज करायी थी. जिस पर विभागीय आयुक्त ने इन कामों के संदर्भ में ‘जैसे थे’ का आदेश जारी किया था. ऐसे में जब तक इस मामले को लेकर अगली सुनवाई नहीं होती, तब तक इन कामों की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती. कल बुधवार 8 दिसंबर को इस मामले में हुई सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख तय की गई है. ऐसे में 14 दिसंबर को इस मामले में क्या होता है, इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.
… अन्यथा उच्च न्यायालय में जायेंगे
जिन कामों को लेकर आपत्ति दर्ज करायी गई है, उन में से कई कामों की निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कई कामों की शुरूआत भी की जा चुकी है. ऐसी स्थिति में यदि कामों को रोका जाता है, तो इससे संबंधित ठेकेदार को काफी नुकसान का सामना करना पड सकता है. चूंकि आगे चलकर जिला परिषद के चुनाव होनेवाले है. ऐसे में चुनाव से पहले सभी कामों को पूर्ण किया जाना बेहद जरूरी है. अत: संभागीय आयुक्त ने इस विषय को लेकर अपनी ओर से जारी ‘जैसे थे’ के आदेश को रद्द करना चाहिए. अन्यथा हम इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जायेंगे.
– राजेश मूंधडा,
ठेकेदार