बहिरम यात्रा में पौष माह के दूसरे रविवार को भाविकों का लगा तांता
50 हजार से अधिक नारियल फूटे, मन्नत पूरी होने पर अर्पित किए चांदी के झुले
परतवाडा /दि. 14– पौष महिने के दूसरे रविवार को बहिरम यात्रा में लगा भाविकों का तांता मंदिर में लगभग 50 हजार से अधिक नारियल भक्तों ने फोडे. वहीं रविवार को जिन भक्तों को मन्नत पूरी हुई उन्होंने बहिरम बाबा के चरणों में चांदी के झुले, आंख, घोडे अर्पित किए और रोडगे का भोग लगाया. रविवार को सुबह से ही बहिरम यात्रा में भाविकों की भीड जमना शुरु हुई.
शनिवार, रविवार को यात्रा में बढती भीड को नियंत्रित करने परतवाडा से बैतुल जानेवाला मार्ग बंद कर दिया जाता है. खरपी पुराने चेकपोस्ट के पास से करजगांव मार्ग की ओर ट्रैफिक मोड दिया जाता है. दिनभर परतवाडा से बैतूल मार्ग वाहनों के लिए बंद कर दिया जाता है. भाविकों को करजगांव होते हुए बोराला से बहिरम पहुंचना पडता है. रास्तेपर बैरिकेटस् लगाए जाते है. पौष माह के दूसरे रविवार को हजारों भाविकों ने बहिरम बाबा के दर्शन किए और रोडगे का आस्वाद लिया.
* पार्किंग, राहुटी (टेंट) हाऊसफुल
पौष माह के दूसरे रविवार को मंदिर परिसर का पार्किंग सुबह 10.30 बजे ही हाऊसफुल हो गया. 10.30 के बाद पार्किंग बंद कर दी गई और किसी भी वाहन को यहां प्रवेश करने नहीं दिया. यात्रा में लगनेवाली सभी राहुटी (टेंट) हाऊसफुल रही. जिसके चलते जो भाविक यहां अपने हाथों से रोडगे, मटन पार्टी करते है, वे जगह के लिए भटकते नजर आए. कुछ लोगों ने जगह न मिलने पर पार्टी भी कैंसल कर दी.
* मिट्टी के बर्तनों की मांग
बहिरम यात्रा प्राचीन यात्रा है. इस यात्रा में पारंपरिक मिट्टी के बर्तन, गृहणीयों के लिए उनके इस्तेमाल में की जानेवाली वस्तुएं आदि यहां सहज मिल जाती है. पौष माह के दूसरे रविवार को बहिरम यात्रा में संक्रांत के अवसर पर वाण के लिए मिट्टी के बर्तनों की मांग बढी. यहां आनेवाले मिट्टी के बर्तन आकर्षण का केंद्र रहते है. संक्रांत के अवसर पर महिलाएं वाण के रुप में मिट्टी के बर्तन भेंट देती है.