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4 माह से चल रहा था निकृष्ठ दर्जे का सीमेंट बेचने का गोरखधंधा

खराब सीमेंट क सैम्पल जांच के लिए भिजवाया जायेगा

* 4 लाख रुपए कीमत के 600 बैग सीमेंट पकडा
* एमआईडीसी के गोदाम पर सीपी स्क्वाड ने मारा था छापा
* इशाक कालीवाले के पास अंबुजा सिमेंट बेचने की नहीं थी अनुमति
अमरावती/ दि.18 – राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र के एमआईडीसी में नए बायपास रोड पर स्थित एक गोदाम में पुलिस आयुक्त के स्पेशल स्क्वाड ने छापा मारा. गोदाम में इशाक कासम कालीवाले के पास अंबुजा सीमेंट बेचने की अधिकृत अनुमति नहीं थी. वे पिछले चार माह से खराब हो चुके सीमेंट को चुरा कर छानने के बाद कम कीमत में बेचने का गोरखधंधा कर रहे थे. पुलिस ने गोदाम में टाटा एस वाहन में रखा 4 लाख रुपए कीमत के 600 बैग सीमेंट बरामद किये है. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गोदाम से बरामद निकृष्ठ दर्जे के सीमेंट का सैम्पल कंपनी के टेकनिकल इंजीनियर मयुर कोकाटे के समक्ष बरामद करने के बाद सीमेंट का सैम्पल जांच के लिए भिजवाया जा रहा है.
इशाक कासम कालीवाले (35, फे्रजरपुरा), राहुल सत्यनारायण रतावा (31, साईनगर) यह दोनों दफा 420, 120 (ब), 411, सहधारा 55, कॉपी राईट एक्ट की सहधारा 104, इंडियन ट्रेड मार्क एक्ट 1999 की सहधारा 32 द लिगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोटीन) रुल 211 के तहत गिरफ्तार किये गए आरोपियों के नाम है. रामप्रकाश सिंघोरिया (38, अलसे प्लॉट, अमरावती) की शिकायत के अनुसार वे अंबुजा सिमेंट के ब्रैंच मैनेजर है. कल गुरुवार की शाम 6 बजे उन्हें जानकारी मिली कि, जिसके आधार पर वे और उनके साथ काम करने वाले कंपनी के टेक्निकल इंजीनियर मयुर कोकाटे घटनास्थल पहुंचे. वहां तीन से चार मजदूर अंबुजा सीमेंट बैग में भरते हुए दिखाई दिये. जांच करने पर पता चला कि, वह सीमेेंट की एक्सपायरी डेट समाप्त हो चुकी थी. सीमेंट दर्जाहीन था. अंबुजा सीमेंट के बैग में वह दर्जाहीन सीमेंट भरते हुए दिखाई दिये. वहां उपस्थित आरोपी इशाक कालीवाले से पूछा गया. तब उन्होंने बताया कि, एक्सपायरी डेट हो चुका दर्जाहीन सीमेंट उन्होंने आरोपी राहुल रतावा से खरीदकर वह सीमेंट अंबुजा सीमेंट के बैग में भरकर कम भाव में बेचते है. अंबुजा सीमेंट की बैग का मुआयना करने पर वह बैग दोनों ओर से सिलाई की हुई दिखाई दी. गोदाम से 330 रुपए प्रति बैग के हिसाब से 500 बैग बरामद हुई. जिसकी कीमत 1 लाख 65 हजार रुपए तथा बरामद किये गए टाटा एस क्रमांक एमएच 28/बीबी- 4124 में रखे 23 हजार 100 रुपए कीमत के 70 नग सीमेंट के बैेग ऐसे कुल 1 लाख 88 हजार 100 रुपए कीमत की 570 बैग निकृष्ट दर्जे का सीमेंट बरामद हुआ. एक्सपायरी डेट हुआ दर्जाहीन सीमेंट अंबुजा सीमेंट के नए बैग में अनधिकृत तरीके से भरकर कंपनी का असली सीमेंट बताकर बेचते हुए कंपनी व ग्राहकों के साथ धोखाधडी की. पुलिस ने सीमेंट व वाहन ऐसे कुल 4 लाख रुपए का माल बरामद कर लिया. राजापेठ पुलिस थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ उपरोक्त धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

रोजाना बेचे जाते थे 100 बैग
इशाक कालीवाले पिछले करीब 4 माह से एक्सपायरी डेट वाला दर्जाहीन सीमेंट को अंबुजा सीमेंट के नए बैग में भरकर बेचा करता था. रोजाना वह उस जगह से 50 से 100 बैग सीमेंट बेच डालता था. जिसके कारण उसने अब तक इतने माह में कितना निकृष्ठ सीमेंट बेचा होगा, इसकी पुलिस कडी तहकीकात कर रही है.

किराये से ले रखा था वह प्लॉट
जिस जगह पर नकली अंबुजा सीमेंट बनाने का कारखाना चलाया जा रहा था, वह प्लॉट रवि सालवे नामक व्यक्ति का है. पिछले कुछ वर्षों से सालवे ने वह प्लॉट इशाक कासीम कालीवाले को किराये पर दे रखा था. वहीं पर नकली सीमेंट बनाने का गोरखधंधा शुरु था.

सीमेंट पर प्रक्रिया की जाती थी
कालीवाले जो सीमेंट खराब हो चुका है, जिसके डिगले (पत्थर) पड चुके है, ऐसा सीमेंट मरे दामों में खरीदता था और उसके इस कारखाने में स्टोन क्रेशर की तरह सीमेंट के पत्थर तोडकर उसका पावडर बनाया जाता था. उसपर प्रक्रिया कर 375 रुपए प्रति बैग कीमत के असली सीमेंट की जगह 250 रुपए प्रति बेैग के हिसाब से नकली सीमेंट बेचता था.

खाली बैग कहां से लाया जाता था?
खराब हुआ या पत्थर बना सीमेंट पर प्रक्रिया कर व बारिक पावडर बनाकर वापस वह सीमेंट वापस अंबुजा सीमेंट के बैग में भरा जाता था. सीमेंट की पैकिंग भी हुबहू कंपनी की तरह की जाती थी. परंतु अंबुजा सीमेंट के खाली बैग कालीवाले कहां से लाता था, इस बारे में संबंधित अधिकारियों ने उससे कडी पूछताछ की. परंतु कालीवाले ने इस बारे में कुछ भी नहीं बताया.

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