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मोबाइल पर आए इमर्जेन्सी अलर्ट से मचा हडकंप

आज सुबह एक साथ घनघना उठे सभी मोबाइल

* किसी अनिष्ट की आशंका से घबराए लोगबाग
* दोपहर में दुरसंचार विभाग ने स्पष्ट की स्थिति
* इमर्जेन्सी अलर्ट को बताया एक तरह का ट्रायल
अमरावती /दि.20- आज सुबह शहर सहित जिले मेें लगभग सभी लोगों के मोबाइल फोन एक साथ घनघनाने लगे और मोबाइल स्क्रीन पर इमर्जेन्सी अलर्ट का एक मैसेज दिखाई देने लगा. इसके साथ ही सभी के मोबाइल उक्त मैसेज दिखाई देते रहने तक हैंग भी हो गए तथा जब तक लोगों ने इमर्जेन्सी अलर्ट मैसेज के नीचे लिखे हुए ‘ओके’ को नहीं दबाया, तब तक मोबाइल हैंडसेट का घनघनाना बंद नहीं हुआ. साथ ही ‘ओके’ का बटन दबाने के बाद मोबाइल शांत होकर अपने आप रिस्टार्ट मोड में चला गया और इसके बाद हिंदी व मराठी में लिखा हुआ एक संदेश मोबाइल स्क्रीन पर चमका. जिसमें लिखा हुआ था कि, यह एक तरह का इमर्जेन्सी अलर्ट ट्रायल था. इस तमाम धमाचौकडी के चलते आम मोबाइल उपभोक्ता काफी हद तक संभ्रम में देखे गए और हर कोई एक दूसरे से इस संदर्भ में पूछताछ करते हुए अपनी शंका का निराकरण करना चाह रहा था कि, आखिर यह माजरा क्या है. चूंकि मोबाइल की स्क्रीन पर दिखाई दिए दोनों संदेशों में इमर्जेन्सी अलर्ट शब्द का प्रयोग हुआ था. ऐसे में लोगबाग इस आशंका से में भी देखे गए कि, कहीं देश में किसी तरह की कोई आपात स्थिति तो नहीं बन गई है.
वहीं दूसरी ओर आज दोपहर के आसपास दूरसंचार विभाग द्बारा स्पष्ट किया गया कि, यह एक तरह का इमर्जेन्सी अलर्ट ट्रायल था. जिसकी आज एक तरह से रंगीत तालिम की गई. इसके तहत बाढ व भूकंप जैसी स्थितियों के दौरान तुरंत ही आपात संदेश यानि इमर्जेन्सी अलर्ट भेजे जाने को लेकर ट्रायल किया गया. केंद्रीय दूरसंचार विभाग द्बारा इस ट्रायल को लेकर आज राष्ट्रीयस्तर पर अमल किया गया. जिसके चलते देश में लगभग सभी मोबाइल हैंडसेट आज सुबह ठीक 10 बजकर 21 मिनट पर घनघनाने लगे. साथ ही सभी के मोबाइल स्क्रीन पर इमर्जेन्सी अलर्ट का मैसेज फ्लैश होने लगा. मैसेज के नीचे ओके का ऑप्शन दिया गया था. जिसे दबाने के बाद अलर्ट अपने आप बंद हो गया और इस अलर्ट के ट्रायल से संबंधित दूसरा मैसेज सभी की स्क्रीन पर फ्लैश हुआ. इसके साथ ही यह ट्रायल पूरा हो गया.
दूरसंचार विभाग के साथ ही संचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी सामूहिक अथवा व्यक्तिगत तौर पर पैदा होने वाली आपात स्थिति के समय उस व्यक्ति अथवा समूह से संबंधित लोगों को सहायता के लिए एक साथ आपात व सहायता संदेश भेजने हेतु यह ट्रायल लिया गया है. जो काफी हद तक सफल भी रहा.
* पूर्व सूचना देना था आवश्यक
विशेष उल्लेखनीय है कि, ऐसे किसी भी आपात संदेश अथवा आपातकालीन सायरन का ट्रायल लेने से पहले आम जनता को आगाह करने हेतु इसकी पूर्व सूचना दी जाती है. ताकि लोगों में किसी भी आपात स्थिति की आशंका को लेकर किसी भी तरह के भय व घबराहटवाला मामला न फैले. परंतु आज सुबह केंद्रीय दूरसंचार विभाग द्बारा इमर्जेन्सी अलर्ट का ट्रायल लेने से पहले ऐसी कोई भी पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और ट्रायल हो जाने के बाद इस संदर्भ में जानकारी देते हुए इसकी वजह से बिल्कूल भी नहीं डरने अथवा नहीं घबराने का आवाहन भी किया गया. लेकिन तब तक इसे लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की खबरे फैल चुकी थी. जिसकी वजह से काफी समय तक किसी अनिष्ट की आशंका, डर व घबराहट वाला माहौल फैल चुका था.

* सीबीटी ट्रायल का हिस्सा था ‘वह’ अलर्ट
दैनिक अमरावती मंडल ने आज इस संदर्भ में बीएसएनएल के उपविभागीय अभियंता नितिन मोलके से जानकारी हेतु संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि, उक्त ट्रायल सेल ब्रॉडकास्ट टेस्ट का एक हिस्सा था. जिसके तहत इस बात का परीक्षण किया गया कि, किसी भी आपात स्थिति के बारे में सभी लोगों के मोबाइल पर एकसाथ संदेश भेजकर उनके मोबाइल की घंटी बजाई जा सकती है अथवा नहीं. केंद्रीय दूरसंचार विभाग का यह प्रयोग आज काफी हद तक सफल रहा. यदि देश में कभी भी किसी भी तरह की कोई आपात स्थिति बनती है, तो सेल ब्रॉडकास्टींग का प्रयोग करते हुए पूरे देश के अथवा किसी विशिष्ट प्रभाविक इलाकों के मोबाइल धारकों तक समय रहते आपात संदेश भेजने संभव हो जाएगा.

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