तलवेल के पशु दवाखाने में मचा हंगामा
नागरिकों ने गैरहाजरी को लेकर डॉक्टर को सुनाये खडे बोल
* सरकारी दवाईयों की निजी पशु दवाखानों में बिक्री का आरोप
* स्टॉक बुक व औषध भंडार की चाबी लेकर खुद डॉक्टर हुआ अस्पताल में भरती
* सांसद नवनीत राणा ने पशु वैद्यकीय अधिकारियों को लिया आडे हाथ
चांदूर बाजार/दि.17- इस समय जिले में हर ओर जानवरों में फैलनेवाली लंपी स्कीन डीसीज नामक संक्रामक बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. जिससे पशुपालकों में अच्छी-खासी चिंता की लहर है और वे अपने पशुधन को इस बीमारी से बचाये रखने हेतु हर संभव जतन कर रहे है और इसके लिए अपने गांव व तहसील क्षेत्र में स्थित पशु चिकित्सालयों व दवाखानों में पहुंच रहे है. इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा भी लंपी स्कीन डीसीज को नियंत्रित करने हेतु युध्दस्तर पर प्रयास किये जाने के दावे किये जा रहे है. परंतु जमीनी हकीकत यह है कि, संक्रमण के प्रभाव क्षेत्र में रहनेवाले गांवों में स्थित पशु दवाखानों में डॉक्टरों सहित पशुओं की चिकित्सा सुविधाओं का नितांत अभाव है. साथ ही जहां पर पशुचिकित्सों की नियुक्ति है, वहां पर भी पशुओं के इलाज व टीकाकरण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही. जहां इससे पहले चांदूर बाजार तहसील के टाकरखेडा पूर्णा में जानवरों को लंपी प्रतिबंधक वैक्सीन की बजाय गर्भ निरोधक टीके लगाये जाने की खबरें सामने आयी थी. वहीं अब चांदूर बाजार तहसील के ही तलवेल के पशु वैद्यकीय केंद्र में कार्यरत पशु चिकित्सक के मनमाने कामकाज की खबर सामने आयी है. जिसे लेकर क्षेत्र के पशुपालकों ने इस पशु वैद्यकीय केंद्र में कार्यरत पशु चिकित्सक को लेकर काफी संगीन आरोप लगाये.
संतप्त पशुपालकों का कहना रहा कि, इस पशु वैद्यकीय केंद्र में अक्सर ही पशु चिकित्सक अनुपस्थित रहते है और यहां पर कोई कर्मचारी भी उपस्थित नहीं रहता. ऐसे में उन्हें अपने जानवरों के लिए सरकारी कोटे से दवाईया मिलने में काफी परेशानी व दिक्कतों का सामना करना पडता है. साथ ही कुछ पशुपालकों ने यह आरोप भी लगाया कि, इस सरकारी दवाखाने की दवाईयों को यहां के डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा आपसी मिलीभगत करते हुए निजी डॉक्टरोें के यहां ले जाकर बेच दिया जाता है. विशेष उल्लेखनीय है कि, जिस समय तलवेल के इस पशु चिकित्सा केंद्र में पशुपालकों द्वारा हंगामा मचाया जा रहा था, तब यहां पदस्थ पशु चिकित्सक अपनी ड्युटी पर उपस्थित नहीं था, जो कई बार फोन करने के बाद यहां हाजीर हुआ और उसके यहां पहुंचते ही संतप्त नागरिकों ने उस पर सवालों की बौछार लगा दी. जिस पर उस पशु चिकित्सक द्वारा टालमटोलवाले जवाब दिये जाने लगे. जिससे गांववासी और भी अधिक भडक गये. इस समय तक पूरे मामले की सूचना पशु संवर्धन विभाग के वरिष्ठाधिकारियोंं को दी गई और उन्हेें मौके पर भी बुलाया गया. किंतु वरिष्ठाधिकारियों ने वहां तुरंत आने में असमर्थता जतायी. इसी बीच पशु चिकित्सक ने इस केंद्र के औषधी भंडार को बाहर से ताला लगाया और चाबी सहित दवाखाने के स्टॉक बुक को अपने साथ लेकर चला गया. साथ ही जब कुछ देर बाद यहां पर वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और उन्होंने इस पशु चिकित्सक से फोन पर संपर्क साधा, तो उसने खुद की तबियत खराब रहने और खुद के अस्पताल में भरती रहने की जानकारी दी. ऐसे में संतप्त नागरिकों ने सवाल उठाया कि, अगर उस पशु चिकित्सक की तबियत खराब थी, तो वह अपने साथ स्टॉक बुक और भंडार रूम की चाबी क्यों लेकर गया. साथ ही कुछ ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिले की सांसद नवनीत राणा से की. जिसके उपरांत सांसद नवनीत राणा ने पशु संवर्धन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जमकर आडे हाथ लेते हुए उन्हें खडे बोल सुनाये और तुरंत ही तलवेल स्थित पशु वैद्यकीय चिकित्सा केंद्र में लंपी संक्रमित जानवरों के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही अन्य सभी जानवरों के लिए टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही.