अमरावती

सियासी भूचाल से मचा कोहराम

सत्तारुढ नेताओं का कहना देश को महाशक्ति बनाने सभी हो रहे एकजुट

* विपक्ष ने इसे हुकुमशाही करार किया, संविधान का बताया अपमान

अमरावती/ दि. 3 – रविवार का दिन महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल की तरह रहा. विप7 के नेता रहे अजीत पवार राकांपा के 35 विधायक साथ लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होते ही संपूर्ण राज्य में कोहराम मच गया. अब राज्य में ट्रीपल इंजन की सरकार होने के बाद स्थानीय ने अपनी प्रतिक्रिया काफी सोच समझकर दी. सत्तारूढ दल के नेताओं का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को महाशक्ति बनाने सभी एकजुट हो रहे है. वहीं विपक्ष ने तिखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे संविधान का अपमान व एक तरह से हुकुमशाही बताया.

जनता के साथ दगाबाजी नहीं करेंगे
हम विप7 के रुप में काम करेंगे. संविधान का इस तरह किया जा रहा अपमान उचित नहीं है. हम जनता द्वारा दिए गए मतदान पर चलनेवाले लोग है. इस कारण जनता से कभी धोखेबाजी नहीं करेंगे और प्रामाणिकता के साथ उनके साथ रहेंगे. आगामी चुनाव में जनता निश्चित रप से हमारे साथ रहेंगी, इसमें कोई संदेह नहीं है.
एड. यशोमति ठाकुर, विधायक व पूर्व मंत्री.

शरद पवार की राजनीति खत्म करने की साजिश
समान नागरी कानून लाने का ढिंढोरा पिटनेवाली भाजपा ने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना रहते अजीत पवार की राकांपा से हाथ मिलाकर एक तरह से लोकतंत्र को शर्मसार किया है. पहले उद्धव ठाकरे पर घात किया और अब राजनीति के पितामह शरद पवार की ही राजनीति खत्म करने का प्रयास किया है. लेकिन इस संधीसाधू व अनुप्तादर गठबंधन को वर्ष 2024 में जनता अच्छा सबक सिखाएंगी.
एड. दिलीप एडतकर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता

यह राकांपा का अंतर्गत विषय
रविवार को राज्य में आया राजनीतिक भूचाल यह राकांपा का अंतर्गत विषय रहा तो भी इसका परिणाम महाराष्ट्र में नहीं हुा है. राज्य में इस तरह की अस्थीरता निर्माण होती है तो विकास काम पर इसका असर होता है. जिन मतदाताओं ने मतदान कर प्रतिनिधित्व दिया, उन मतदाताओं का विचार कर निर्णय लेना चाहिए. मैं कांग्रेस पार्टी की विधायक हूं और रहूंगी.
सुलभा खोडके, विधायक अमरावती.

 

यह तो ईडी का डर
भाजपा ने राकांपा के जितने विधायको को मंत्रीमंडल में स्थान दिया है उन पर ईडी की जांच शुरू है. इस कारण यह राजनीतिक उठापटक ईडी का ही डर है. जनता भी इस बात को अच्छी तरह समझती है. जो भाजपा के साथ जाएंगे वह ईडीमुक्त हो जाएगा. यह देखकर अब जनता भाजपा के कार्यकाल में देखकर अब थक चुकी है. आनेवाले समय में जनता ही उन्हें सबक सिखाएगी.
डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व पालकमंत्री, कांग्रेस.

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महाविकास आघाडी पर असर नहीं
महाराष्ट्र की राजनीति में यह दुर्भाग्यशाली घटना है. एक तरफ समृद्धि महामार्ग पर 26 लोगों की झुलसकर मौत हो गई. वहीं दूसरी तरफ सत्ता की लालसा में जनता के वोट का लाभ लेते हुए शपथविधि की गई. ऐसी राजनीति का महाविकास आघाडी पर कोई असर नहीं होगा. जो गद्दार थे वह वापस गए. यह भाजपा की साजिश है.
प्रा. वीरेंद्र जगताप, पूर्व विधायक कांग्रेस.


ईडी की जांच का परिणाम
ईडी, सीबीआई जांच यंत्रणा का दबाव डालकर इस तरह ओंछी राजनीति की जा रही है. क्योंकि जिस मंत्री ने रविवार को दोपहर में शपथ ली, उनमें से आधे से ज्यादा मंत्रियों पर ईडी की जांच जारी है. यह राकांपा का अंतर्गत मामला रहा तो भी इसका परिणाम महाराष्ट्र पर हुआ है. इस कारण जब समय मिलेगा तब शपथ लेनेवाले इन मंत्रियो को जनता सबक सिखाएंगी.
बबलू देशमुख, जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी.

अस्थीर राज्य कभी आगे नहीं जा सकता
महाराष्ट्र की राजनीति में यह दुर्भाग्यशाली घटना है. जिस महाराष्ट्र ने पुरोगामी विचार का नेतृत्व किया. उसी राज्य में ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल कर राज्य की राजनीति अस्थीर करने के प्रयास जारी है. जिस राज्य में अस्थीरता रहती है वह राज्य कभी आगे नहीं जा सकता. लोकतंत्र में यह घातक कृत्य है. महाविकास आघाडी को इसका लाभ होगा और संधीसाधुओं को जनता ही सबक सिखाएंगी.
मिलिंद चिमोटे, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता.

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26 नागरिकों की मृत्यु ज्यादा शपथ विधि महत्वपूर्ण
महाराष्ट्र सरकार को जनता से कोई लेन-देन नहीं है, यह बात इस शपथविधि से दिखाई देती है. समृद्धि महामार्ग पर 26 नागरिकों की झुलसकर दर्दनाक मौत हो गी. उनकी चिता की अग्नि शांत होने के पूव4 ही शपथविधि की गई. सि कारण शपथ लेनेवाले और देनेवालो को महाराष्ट्र की जनता से कोई लेनादेना दिखाई नहीं देता. सत्ता के लिए राजनीति करने में यह मग्न दिखाई देते है.
बबलू शेखावत, शहराध्यक्ष कांग्रेस.

मतदाताओं के अधिकार पर गदा
समृद्धि महामार्ग की दर्दनाक घटना ताजा रहते भाजपा ने राजनीतिक भूचाल ला दिया. इसका मतलब उन्हें जनता के सुख-दुख से कोई लेन-देन नहीं है. इस राजनीति से अनेक प्रश्न निर्माण हुए है. सरकार बहुमत में रहते राकांपा विधायक सरकार में शामिल करना यह शिंदे और उनके मंत्रियों की मगरूरी कम करने या फिर राज्य में चरमराई परिस्थिति सुधारने के लिए है. वर्ष 2024 में महाराष्ट्र में भाजपा के काफी कम सांसद निर्वाचित होने का अनुमान है. यह देखते हुए इस तरह की राजनीति कर शिंदे गुट को बाजू में रख आगामी मुख्यमंत्री भाजपा का करना है क्या? ऐसा प्रश्न निर्माण हो रहा है.वहीं भाजपा की तरफ से यह बी चर्चा की जा रही है कि अजीत पवार की राकांपा में अनदेखी की जा रही थी. जबकि अजीत पवार विपक्ष के नेता थे. एक तरह से लोकतंत्र खत्म करने का यह प्रयास है. जनता के मतदान को भी अब महत्व नहीं दिया जाता. जनता जिस पार्टी को अपना वोट देकर निर्वाचित करने का प्रयास करती है, भाजपा उन्हें ही चुराने का काम करती है. दूसरो के घर फोडने का काम जनता कर रही है. इसे रोकने सभी दलो को एकजुट होना आवश्यक है.
ज्ञानेश्वर धाने पाटील, पूर्व विधायक

भाजपा को भविष्य की चिंता
वर्तमान में महाराष्ट्र में विश्वासघात की खींचतान जारी है. इसमें भाजपा अपना विश्वास खो बैठेगी, ऐसा दिखाई देता है. भाजपा के पास बहुमत रहते हुए बी दूसरे दल को दो फाड करने की आवश्यकता क्यों पडी, ऐसा सवाल निर्माण होता है. निश्चित रुप से भाजपा को भविष्य की चिंता सता रही है. अन्यथा जो भाजपा कभी राकांपा के साथ बैठने तैयार नहीं थी, वहीं भाजपा अब राकांपा के साथ हो गई है. इस कारण भाजपा को भविष्य की चिंता है, यह स्पष्ट होता है.
अनंतराव गुढे, पूर्व सांसद, अमरावती.

रोष निर्माण करनेवाली घटना
अजीत पवार की भूमिका महाराष्ट्र की राजनीति में पहले से ही संदेहास्पद थी. यह लोकतंत्र का गला घोंटनेवाली घटना है. राजनीति में हमेशा होनेवाली इस तरह की शपथविधि लोगों के दील में रोष निर्माण करनेवाली है. नागरिकों का यह रोष आगामी चुनाव में निश्चित ही नई दिशा देनेवाला रहेंगा.
प्रीती बंड, उबाठा शिवसेना पदाधिकारी.

ऐसी राजनीति से युवापीढी क्या प्रेरणा ले?
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने अंतिम नागरिक को न्याय मिले और अधिकार मिल सके, इसके लिए संविधान बनाया. लेकिन कुछ राजनीतिक लोग सत्ता के लिए इस महाराष्ट्र की उज्वल परंपरा को मिट्टी में मिला रहे है. ानेवाली युवापीढी को इस नई राजनीतिक उलटफेर से कौनसी प्रेरणा मिलेंगी, यह प्रश्न निर्माण होता है.
किशोर बोरकर, कांग्रेस प्रदेश सचिव.

यह अपेक्षित था
इस बार कुछ ज्यादा नया नहीं हुआ. ेेसी बाते जुडने में समय महत्व का रहता है. जिस तरह से जीत पवार के साथ राकांपा के अनेक वरिष्ठ नेता सरकार में शामिल हुए है. यह देखते हुए मोदी है तो मुमकीन है, यह बात सच साबित होती दिखाी दी है. अजीत पवार के अनुबव का लाब निश्चित रुप से महाराष्ट्र को होगा, ऐसा विश्वास है. अजीत पवार यह राकांपा के अनुभवी व दिग्गज नेता रहते हुए भी उन्हें जिस तरीके से कम आंकने का प्रयास हुआ, उसी का यह परिमाम है.
नवनीत राणा, सांसद, मरावती.

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देश को महाशक्ति बनाने एकजुट
देश के प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को महाशक्ति बनाने के विचारो से ओतप्रोत होकर नेतागण एकजुट हो रहे है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बाउंसर रुपी इस नियोजन के कारण यह परिवर्तन ासानी से संभव हुआ है. नरेंद्र मोदी की छत्रछाया में एकजुटता भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेंगी यह निश्चित है.
प्रवीण पोटे पाटील, विधायक व पूर्व पालकमंत्री भाजपा.

ठाकरे को छोडकर सभी भाजपा में आएंगे
अजीत पवार का बहुत-बहुत अभिनंदन और उनका स्वागत है. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे – देवेंद्र फडणवीस – अजीत पवार ऐसे तीनों मिलाकर बहुमत वाली सरकार बैठी है. इस कारण अब महाविकास आघाडी पूरी तरह टूट गई है. जल्द ही कांग्रेस और शेष उद्धव ठाकरे के सांसद-विधायक भी उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को छोडकर भाजपा में जाएगे.
रवि रामा, विधायक, वायएसपी.

अब विकास काम को अधिक गति
मैं अजीतदादा पवार के साथ हूं. दादा का विचार यह विकास का विचार है. इस कारण विकास के विचार के कारण अजीतदादा पवार के साथ हूं. अजीत पवार के साथ नेक दिग्गजो ने शपथ ली. राकांपा के सत्ता में प्रवेश के कारम अब विकास काम को और गति प्राप्त होगी. इसका फायदा महाराष्ट्र की जनता को अच्छी तरह होनेवाला है.
संजय खोडके, राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष.

सरकार अधिक मजबूत होगी
अजीत पवार और उनके सहयोगी विधायको द्वारा मंत्री पद की शपथ लिए जाने से यह राज्य सरकार और मजबूत होगी. अजीत पवार के प्रशासकीय काम का अनुभव निश्चित रुप से महाराष्ट्र के विकास कार्य में सहायक साबित होगा. भाजपा-शिवसेना सरकार में नए सहयोगी मंत्रियों का स्वागत है.
जयंत डेहनकर, प्रदेश सचिव भाजपा.

अब सरकार अधिक स्थीर
भाजपा-शिवसेना-राकांपा एकत्रीकरण से राज्य सरकार अधिक स्थीर हुी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विकास काम की तरफ देखकर अजीत पवार ने भाजपा व शिवसेना की सरकार में आने का निर्णय लिया. महाराष्ट्र की जनता को यह अपेक्षित था. अब राज्य का विकास और गतिशील होगा.
तुषार भारतीय, पूर्व स्थायी समिति सभापति मनपा.

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देश आर्थिक उन्नति की ओर
देश के सफल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडे पर विश्वास रख राकांपा दल ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया. महाराष्ट्र और देश को सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक वैभव की उन्नति की तरफ लेकर जानेवाली भाजपा-शिवसेना महागठबंधन का प्रयासो में अजीत पवार शामिल हुए है यह काफी खुशी की बात है.
चेतन गावंडे, पूर्व महापौर अमरावती.

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तीन शक्तिशाली नेता एकजुट
रविवार की शपथविधि से उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की राकांपा समाप्त हो गई है. इस कारण महाराष्ट्र में अब बाजपा, शिंदे की सेना और अजीत पवार की राकांपा पूरी शक्ति से वापस लौटेगी और लोकाभिमुख सरकार बनाएगी. महाराष्ट्र के तीनों शक्तिशाली नेता एकजुट होने से यह एकतरफा गठबंधन है. इस कारण भविष्य का यह एक संकेत है.
किरण पातुरकर, भाजपा शहराध्यक्ष.

निराशा के कारण तोडफोड की राजनीति
भाजपा को देश में और महाराष्ट्र में अपनी हार दिखाई दे रही है. इस कारण निराशा में देशभर में तोडफोड की राजनीति की जा रही है. स्ता की लालसा में नरेंद्र मोदी देश में और देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में लोकतंत्र को और कितनी बार कलंकीत करेंगे? उद्धव ठाकरे यह राकांपा के साथ गए इसलिए भाजपा के साथ जानेवाले बालासाहब व अनंत दिघे की शपथ लेकर गरजने वाले एकनाथ शिंदे अब भाजपा को छोडेंगे क्या?
भैया पवार, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष.

यह एक तरह से सुनियोजित
रविवार को जो कुछ हुआ वह सबकुछ नरेंद्र मोदी ौर एकनाथ शिंदे की मिलीभगत से हुआ है. राज्य के विकास को ध्यान में रख वरिष्ठो ने यह निर्णय लिया है. यह सरकार और गतिशीलता से काम करनेवाली है. जीत पवार ने ली भूमिका उचित ही है.
अरूण पडोले, शिंदे शिवसेना अध्यक्ष.

शिंदे-फडणवीस के प्रेम में दादा
राज्य में विकास की गंगा बहती रहते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रेम में जीतदादा पवार आ गए. उनके निर्मय का हम दील से स्वागत करते है. डीसीएम देवेंद्र फडणवीस के यह अच्छा नियोजन है. अब डबल इंजन महाराष्ट्र में ट्रीपल इंजन हो गया है और अधिक गतिशील होगा, यह सभी देखेंगे. दूसरी गाडी में अब इंजन ही नहीं रहेंगा. विपक्ष के नेता की तलाश के लिए अब दुर्बिन का ही सहारा लेने की नौबत आ गई है.
बच्चू कडू, विधायक.

अजीत पवार के नेतृत्व की जरूरत
अजीत पवार के नेतृत्व और विचारों की पूरे महाराष्ट्र को जरूरत है. मैं पहले से ही राजनीति जीवन से अजीत पवार के नेतृत्व को मानता हूं. मैं उनके साथ हूं. अजीत पवार द्वारा उपमुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करने के बाद अब राज्य में तेजी से प्रगति होगी. इसमें कोई दो राय नहीं है.
– संतोष महात्मे, राष्ट्रवादी कांग्रेस


विधायक पति ने धोखा दिया
सबसे पहले में यहीं कहूंगा कि, हमारे साथ धोखा हुआ है. विधायक पति ने उनके साथ हाथ मिलाकर अल्पसंख्यक के साथ धोखा किया है. ऐसे लोगों को अल्पसंख्यक ही सबक सिखाएगा. पहले सांसद नवनीत राणा ने मुस्लिम बंधुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड कर धोखा दिया. अल्पसंख्यक के पास केवल कांग्रेस ही विकल्प रह गया है. कांग्रेस पार्टी कभी भारतीय जनता पार्टी के सथ नहीं जाएगी.
– रफ्फू उर्फ रफीक पत्रकार, पूर्व पार्षद

अब इनका भी तीन पहियों का ऑटो
हिंदुत्व का डंका पिटने वाली भाजपा कई बार राष्ट्रवादी कांग्रेस को हिंदू विरोधी और देश की सबसे बडी भ्रष्टचारी पार्टी करार दे चुकी है. महाविकास आघाडी सरकार में तत्कालीन मंत्री हसन मुश्रीफ पर ईडी का छापा पडा था. आज उसी हसन मुश्रीफ को भाजपा ने मंत्री बनाया है. खुद एकनाथ शिंदे ने अपनी बगावत के लिए यह स्पष्ट कहा था, कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे ने गठजोड किया था, जो हमें मंजूर नही था. आज उसी राष्ट्रवादी के साथ एकनाथ शिंदे ने हाथ मिलाया है.सोशल मीडिया पर युवा वर्ग अपनी तीव्र प्रतिक्रिया दे रहा है. अगले चुनाव में अवसरवादी नेताओं को जनता घर बिठाकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना को सत्ता सौंपेंगी.
-सुनील खराटे, शिवसेना जिला प्रमुख

 


राजनीति से दूर रखने का षडयंत्र
एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक व मुस्लिम बंधुओं को राजनीति से दूर किया जा रहा है. पिछले 15-20 वर्षों से घोटाले कर गरीबों के पसीने की कमाई से अमीर बने राजनीतिक लोगों का यह राजनीतिक खेल है. लोकसभा, विधानसभा चुनाव मेें समाज ने ऐसे नेताओं को खदेड देना चाहिए. और सही, ईमानदार व शिक्षित युवाओं को राजनीति में अवसर देने के लिए पहल होनी चाहिए.
– किरण गुडधे, आजाद समाज पार्टी

अजीत पवार ने राजनीतिक समीकरण बदल डाला
महाराष्ट्र की राजनीति में अजीत पवार ने समीकरण बदल डाला. देश की राजनीति को बचाने वाले शरद पवार ही अपना घर नहीं बचा पाये. देश में भाजपा सरकार के खिलाफ एक मजबूत विकल्प खडा होने वाला था, मगर कगार पर ही तोडफोड की राजनीति खेलकर विपक्ष को कमजोर करने का प्रयास किया गया है.जनता को भलीभांति यह समझ लेना चाहिए कि, जो भी पार्टी जनता के हित में काम करती है, तो ऐसे विकल्प को ही जनता चुनें.
– इमरान अशरफी, पूर्व पार्षद


ईडी सरकार मुकम्मल
अजीत दादा पवार, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ मंत्रीपद की शपथ लेते ही दुध के धुले हो गए है. और इनके साथ आने वाले 29 विधायक भी अब दूध के धुले हो गए है क्या? यह मेरा सवाल है. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब ने राष्ट्रवादी पार्टी के ताल्लुक से कहा था, 70 हजार करोड घोटाले का आरोप है. राष्ट्रवादी पार्टी पर महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव घोटाला, महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला, अवैध उत्खनन घोटाले लिस्ट बहुत लंबी है, यह मोदी के अल्फाज है. और देवेंद्र फडणवीस साहब ने कहा था कि, लोग कहते है आप एनसीपी के साथ शादी करने वाले है क्या? उन्होंने कहा था, मैं जीवन भर अविवाहित रहुंगा, एनसीपी के साथ नहीं जाउंगा? अब इसे क्या कहेंगे? भाजपा की वाशिंग मशीन में अब साफ और ईडी सरकार मुकम्मल.
– अब्दुल नाजिम, गुटनेता, एमआईएम


मोदी-शिंदे-फडणवीस पर विश्वास
राज्य की सर्वांगिण प्रगति को लेकर अजीत पवार ने देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र पडणवीस के नेतृत्व पर विश्वास जताकर सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया, यह स्वागत योग्य है. राज्य में डबल इंजन की सरकार ब ट्रीपल जिन की होने से और गतिमान होगी यह निश्चित है. राज्य की राजनीति में शिंदे-फडणवीस और अजीत पवार की एकजुटता नया इतिहास स्थापित करेंगी, ऐसा पूर्ण विश्वास है.
नितिन धांडे, प्रदेश कार्यकारिमी सदस्य, भाजपा.

हुकूमशाही ज्यादा दिन नहीं चलती
अजीत पवार ने रविवार को लिया निर्णय सभी को मंजूर है. क्योंकि उद्धव ठाकरे और शरद पवार के कामकाज से वें त्रस्त हो गे थे. इस कारण उन्हें यह अचंभित करनेवाला निर्णय लेना पडा. क्योंकि हुकूमशाही ज्यादा दिन नहीं चलती, यह सभी को पता है. आगामी चुनाव में शिवसेना-भाजपा के जीत के यह संकेत है.
प्रवीम विधाते, युवासेना जिला प्रमुख.

 

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