मकर संक्रांति पर सर्वत्र उल्लास, खूब उडी पतंगे
तिल-गुुड देकर लोगों ने बढाई रिश्तों की मिठास
* पोंगल और उकाडी, बिहू पर्व भी
अमरावती /दि.14- मकर संक्रांति के त्यौहार पर अंबानगरी में भी सभी स्थानों पर उत्साह व उल्लास दिखाई दिया. लोगों ने एक-दूसरे को तिल-गुड देकर मीठे वचनों से संपूर्ण वर्ष बात व व्यवहार करने की परंपरा निभाई. उसी प्रकार पूर्वोत्तर के लोगों ने बिहू व उकाडी का पर्व मनाया. दक्षिण भारतीयों ने पोंगल की खुशी व्यक्त की. चावल से बना पोंगल का सेवन किया व वितरण किया.
* राजस्थानी समाज की दान-धर्म की परंपरा
राजस्थानी समाज संक्रांति पर पुण्यकाल का महत्व समझते हुए इन दिन पानी में तिल डालकर स्नान व उपरान्त दान-धर्म करता है. उस परंपरा का शहर में समस्त राजस्थानी समाज ने पालन किया. विशेषकर महिलाओं ने सुहाग कुंडे और खिचडी का दान किया. वस्त्र आदि का भी यथोचित दान-धर्म किया गया. सुहागिने और भी कई रस्म निभाती दिखाई दी. सर्वत्र उल्लासमय वातावरण रहा.
* आसमान में पतंगे
उतरण का पर्व गुजराती समाज खिचडी दान के साथ मनाता है. उसी प्रकार आज के भोजन में मिक्स सब्जियों को मिलाकर बनाई गई प्रीय डिश उंधियों का समावेश अवश्य किया गया. आसमान में पतंग उडाकर अपनी उत्तरायण की खुशी का इजहार किया. बेशक इसमें बाल गोपाल अग्रणी रहे. उन्होंने एक दूसरे को तिल-गुड देने के बाद जमकर पतंगबाजी की. बच्चों ने संक्रांति की छुट्टी सुहाती धूप में छत पर बिताई और जमकर एक-दूसरे की पतंग काटी. उसकी खुशी उनके माता-पिता ने भी महसूस की.
* जमकर हुई तिल के पकवानों की विक्री
तिल के पकवानों की विक्री जमकर हुई अगले कुछ दिनों तक यह क्रम कायम रहेगा. विशेष रुप से सजाये गये डिब्बों में प्रसिद्ध रघुवीर मिठाईयां के तिल पकवानों की डिमांड रही. सभी ने इसे चाव से लिया है. आपस में बांटकर स्वाद चखा. उपाध्याय घेवरफिनी वर्क के संचालक रामेश्वर उपाध्याय ने बताया कि, तिल लड्डू, बर्फी, पपडी और विशेष रुप से पिस्ता व बादाम मिलाकर, बनाई गई मिठाईयां काफी पसंद की गई है. तिलपापडी का राजस्थान के ब्यावर से लाया गया सारा माल हाथोंहाथ बिक गया. उसी प्रकार फल्लीदाना और गुड से बने लड्डू व चिक्की की भी भरपूर विक्री होती देखी गई.