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राज्य में इस बार नहीं रहा कोई भी ‘शतकवीर’

कक्षा 12 वीं की परीक्षा में किसी को नहीं मिले 100 फीसद अंक

* राज्य का नतीजा रहा 91.88 फीसद, गत वर्ष की तुलना में रिझल्ट कम
* 37 विषयों व 1929 कॉलेजों का रिझल्ट रहा शत-प्रतिशत
* लातूर पैटर्न हुआ फेल, कोंकण ने मारी बाजी, छात्राएं रही आगे
पुणे/दि.5 – शालेय एवं महाविद्यालयीन जीवन के बीच विद्यार्थियों के लिहाज से महत्वपूर्ण पडाव रहनेवाली कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षा का ऑनलाइन नतीजा आज सोमवार 5 मई को राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित किया गया. जिसके मुताबिक कक्षा 12 वीं में राज्य का परीक्षा परिणाम 91.88 फीसद रहा. जो गत वर्ष की तुलना में थोडा कम कहा जा सकता है. गत वर्ष कक्षा 12 वीं का परीक्षा परिणाम 93.37 फीसद था. वहीं विगत कुछ वर्षों से ग्रेस अंकों को मिलाकर कई विद्यार्थियों द्वारा 100 फीसद अंको के साथ परीक्षा में उत्तीर्ण होने की मानों होड लगी हुई थी. परंतु इस वर्ष कक्षा 12 वीं की परीक्षा में कोई भी परीक्षार्थी शत-प्रतिशत अंक हासिल नहीं कर पाया है. हालांकि 154 विषयों में से 37 विषयों का परिणाम शत-प्रतिशत रहा. वहीं राज्य के 1929 महाविद्यालयों का परीक्षा परिणाम भी 100 फीसद रहा. इसके अलावा 4562 महाविद्यालयों का परिणाम 90 से 99.99 फीसद के बीच रहा. वहीं शून्य प्रतिशत परिणाम देनेवाले कॉलेजों की संख्या 38 रही. साथ ही प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी कक्षा 12 वीं की परीक्षा परिणाम में छात्राओं ने बाजी मारी. इस बार कक्षा 12 वीं की परीक्षा में शामिल हुए 7 लाख 56 हजार 226 छात्रों में से 6 लाख 76 हजार 972 यानि 89.51 छात्र उत्तीर्ण हुए. वहीं परीक्षा में शामिल 6 लाख 61 हजार 743 छात्राओं में से 94.58 फीसद छात्राएं उत्तीर्ण हुए. उत्तीर्ण होनेवाले छात्र-छात्राओं में करीब 5 फीसद का फर्क दिखाई दिया. जिसका असर औसत परिणाम पर भी पडा. वहीं इस बार कक्षा 12 वीं की परीक्षा में लातूर पैटर्न फेल होता दिखाई दिया और कोंकण विभागीय शिक्षा बोर्ड ने सर्वाधिक 96.74 फीसद परिणाम के साथ अव्वल स्थान हासिल किया.
बॉक्स/फोटो
* सरपंच देशमुख की बेटी वैभवी ने हासिल किए 85.33 फीसद अंक
बीड जिला अंतर्गत मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की बेटी वैभवी देशमुख भी इस बार कक्षा 12 वीं की परीक्षा में शामिल हुई थी. जिसने 85.33 फीसद अंक हासिल करते हुए परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके बाद वैभवी देशमुख ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि, आज कक्षा 12 वीं परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद उसे शाबासकी देने हेतु उसके पिता नहीं है. लेकिन वह अपने पिता का सपना साकार करने के लिए नीट की तैयारी कर रही है. बता दें कि, वैभवी के पिता सरपंच संतोष देशमुख की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी. ऐसे में वैभवी देशमुख ने अपने पिता के हत्यारों के लिए फांसी की सजा मांगी है.

* नकल को रोकने किए गए कडे उपाय
इस बार कक्षा 12 वीं की परीक्षा में नकल सहित किसी भी तरह के गडबडियों को रोकने हेतु शिक्षा बोर्ड द्वारा बेहद कडे इंतजाम किए गए थे. जिसके चलते इस बार की परीक्षा पारदर्शक तरीके से भयमुक्त वातावरण में होने का दावा शिक्षा बोर्ड द्वारा किया गया है. साथ ही बताया गया कि, नकल जैसे मामलो के चलते कक्षा 12 वीं परीक्षा में 124 केंद्रों की अनुमति को रद्द कर दिया गया.

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