अमरावतीमहाराष्ट्र

गर्भ में था एक जिंदा और एक मृत बालक

5 माह की देखभाल, 9 महीने बाद सकुशल प्रसूति

अचलपुर /दि.8– मेलघाट के मोथा गांव की एक गर्भवती महिला की पांचवें महीने में सोनोग्राफी करने पर उसके गर्भाशय में एक जिंदा और एक मृत गर्भ रहने का पता चला. डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने हार न मानते हुए 9 माह तक संबंधित महिला पर ध्यान रखा और चिखलदरा के ग्रामीण अस्पताल में उसकी सकुशल प्रसूति की.
चिखलदरा तहसील के सलोना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाले मोथा गांव की भाग्यश्री संजू बेलसरे नामक गर्भवती महिला की पांचवें महिने में सोनोग्राफी करने पर उसके पेट में एक गर्भ जिंदा और एक गर्भ मृत दिखाई दिया. दूसरा सुरक्षित पर्याय उपलब्ध न रहने से मृत गर्भ प्रसूतिकाल पूर्ण होने तक महिला के पेट में रखना आवश्यक था. संबंधित महिला को मंगलवार 4 मार्च को वेदना होना शुरु हुआ, यह जानकारी मिलते ही मोथा उपकेंद्र की वैद्यकीय अधिकारी डॉ. नीता नागले ने तत्काल जांच कर संबंधित महिला को चिखलदरा के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया. अस्पताल में मौजूद डॉ. सतीश प्रधान के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य सेविका सिंधु खानंदे व मनीषा रंगारी ने दोपहर 3.25 बजे महिला की सकुशल प्रसूति कर जिंदा व मृत दोनों बालक निकाले. जिंदे बालक का वजन 3 किलो 200 ग्राम था. फिलहाल महिला और बालक सकुशल रहने की जानकारी उपकेंद्र की वैद्यकीय अधिकारी डॉ. नीता नागले ने दी है.

* खतरे की और पेचिदा प्रसूति
माता के पेट में मृत गर्भ के साथ जिंदा गर्भ 9 माह रखना यह माता और जिंदा बालक के लिए भी खतरनाक था. कोई खतरा निर्माण न हो, यह स्वास्थ्य कर्मियों के सामने चुनौती थी. तज्ञ डॉ. साजन वर्मा के मार्गदर्शन के मुताबिक मोथा उपकेंद्र में इस महिला की प्रसूति अवधि में हर सप्ताह जांच की जाती थी. प्रसूति का यह पेंचिदा मामला ध्यान में रख मोथा उपकेंद्र की डॉ. नीता नागले, स्वास्थ्य सेविका हिना सौदागर प्रविना धाकडे, आशा सेविका शेवंता शेलके ने ध्यानपूर्वक संबंधित महिला की तरफ ध्यान रखा था.

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