अमरावती

पश्चिम विदर्भ के 25 प्रकल्प हुए लबालब

बडे प्रकल्पों में 94 तथा मध्यम प्रकल्पों में 88 फीसदी जलसंग्रह

अमरावती/दि.24 – पश्चिम विदर्भ में इस साल जोरदार बारिश होने की वजह से यहां से बडे और मध्यम 34 बांध प्रकल्पों में से 25 प्रकल्पों से पानी छोडा गया. अनेक प्रकल्पों के दरवाजें पिछले दो सप्ताह से अधिक जलसंग्रह के चलते खुल हुए है. 94 मध्यम प्रकल्पों में 88 फीसदी जलसंग्रह है. इस बार जुलाई महीने के अंत तक सभी बांध प्रकल्प लबालब हुए थे विदर्भ के अनेक बांध प्रकल्प क्षेत्रों में जोरदार बारिश की वजह से यह सभी बांध पानी से लबालब हुए.
मेलघाट स्थित कोलकास, सेमाडोह, राहू, गिरगुटी, डोलार परिसर में मुसलाधार बारिश दर्ज की गई. बारिश की संभावना को देखते हुए सभी प्रकल्पों के गेट खोल दिए गए. कुछ प्रकल्पों के डूब क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले गांवों का पुर्नवसन का प्रश्न हल नहीं हुआ. जिसकी वजह से इन प्रकल्पों में पूर्ण क्षमता के साथ जलसंग्रह नहीं हुआ. परिणामस्वरुप बांध से अतिरिक्त पानी छोडा गया.
पश्चिम विदर्भ में स्थित विदर्भ का सबसे बडा अप्पर वर्धा प्रकल्प के भी गेट कुछ दिनों से खोल गए है फिलहाल इस प्रकल्प में 99 फीसदी जलसंग्रह है और 9 गेट 50 सेंटीमीटर तक खोल दिए गए है. 729 घनमीटर प्रति सेेंकड पानी छोडा जा रहा है. अमरावती संभाग में 7 बडे व 18 मध्यम प्रकल्प है. इन प्रकल्पों से भी पानी छोडने की नौबत आ चुकी है. इनमें से अनेक प्रकल्पों में से पिछले 20 दिनों से लगातार पानी छोडा जा रहा है यह पहला अवसर है.
अप्परवर्धा, पुस, अरुणावती, बेंबला, वान, काटेपूर्णा व खडकपूर्णा इन प्रकल्पो में से फिलहाल पानी छोडा जा रहा है. मध्यम प्रकल्पों में से पूर्णा, चंद्रभागा, सपन, अधरपूस, सायखेडा, बोकी, वाघाडी, बोरगांव, नवलगांव, निर्गुणा, मोर्णा, अढाण, सोनल, एकबुर्जी, कोराडी, उतावली इन प्रकल्पों में से भी पानी छोडा जा रहा है सभी नदी के किनारे स्थित गांवों को सर्तकता के आदेश दिए गए है. विदर्भ के 9 बडे प्रकल्पों में फिलहाल 94.16 फीसदी जलसंग्रह है तथा 25 मध्यम प्रकल्पों में 88.09 फीसदी जलसंग्रह हुआ है. लघु प्रकल्पों में 80 फीसदी से अधिक जलसंग्रह हुआ है. अमरावती संभाग के 477 लघु प्रकल्पों में से अधिकांश प्रकल्पो में शत प्रतिशत जलसंग्रह होने का चित्र दिखाई दे रहा है.

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