शिक्षक तबादलों में होनेवाली गडबडियों पर लगेगा ब्रेक
जिप में प्राथमिक शिक्षकों के तबादले की नीति हुई तय
अमरावती/दि.9 – जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों हेतु नया आदेश बुधवार को जारी किया गया. जिसके अनुसार पहले दुर्गम क्षेत्र तय करते समय आसान पहुंचवाले गांवों को ही दुर्गम क्षेत्र दर्शाने के प्रकार पर ब्रेक लगाये जाने की अपेक्षा व्यक्त की गई है और दुर्गम क्षेत्र तय करने का अधिकार जिलास्तरीय समिती को दिया गया है.
बता दें कि, दो वर्ष पुर्व सुगम व दुर्गम क्षेत्र का विभाजन करते हुए सुगम क्षेत्र के शिक्षकों को दुर्गम क्षेत्र में स्थलांतरित करने का निर्णय लिया गया था. किंतु कई शिक्षकों ने अधिकारियों पर दबाव डालकर कुछ हद तक पहाडी क्षेत्र में रहनेवाले गांवों को दुर्गम क्षेत्र में दर्शाकर अपनी व अपने संबंधितों की बदली करने का प्रयास किया था. ऐसे में इस नीति की त्रृटियों को दूर करने के लिए शिक्षक संगठन द्वारा राज्य सरकार के समक्ष लगातार प्रयास जारी रखे. किंतु इसमें से कोई मार्ग नहीं निकला. पश्चात अब ग्राम विकास मंत्री ने सभी शिक्षक संगठनों से चर्चा करते हुए शिक्षकों के तबादले को लेकर आदेश जारी किया है. विगत कुछ दिनों से जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षकों की तबादला नीति का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था और अब शिक्षकों की यह प्रतीक्षा समाप्त हो गयी है. ऐसे में प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों का रास्ता खुल गया है.
ऐसा है दुर्गम क्षेत्र के लिए मानक
वार्षिक औसत वर्षा 3 हजार मिमि से अधिक रहनेवाली तथा प्राकृतिक आपदा के चलते शेष दुनिया से संपर्क टूट जानेवाले गांव, हिंसक वन्यप्राणियों एवं जंगल से व्याप्त प्रदेश, यातायात के साधनों सहित रास्तों का अभाव एवं राष्ट्रीय राज्यमार्ग से 10 किलोमीटर से अधिक दूरीवाले गांवों को दुर्गम क्षेत्र का गांव माना जाता है. इन गांवों तक पहुंचने के लिए बस व रेल सहित परिवहन के अन्य कोई भी साधन उपलब्ध नहीं होते. अत: इन्हें दुर्गम गांवों की श्रेणी में रखा जाता है.
- ग्राम विकास विभाग द्वारा जारी की गई प्राथमिक शिक्षकों की तबादला नीति के मुताबिक प्रशासन ने अब शिक्षकों के तबादले की कार्रवाई करनी चाहिए.
– राजेश सावरकर
राज्य प्रतिनिधि, प्राथमिक शिक्षक समिती
दुर्गम क्षेत्र तय करनेवाली समिती
मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में गठित होनेवाली समिती में उपजिलाधिकारी (निर्वाचन), जिप निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, राज्य परिवहन महामंडल के विभाग नियंत्रक का बतौर सदस्य समावेश करने के साथ ही समिती में सदस्य सचिव के तौर पर प्राथमिक शिक्षाधिकारी को नियुक्त किया जायेगा.
जिलांतर्गत तबादले
जिलांतर्गत तबादले हेतु इससे पहले 20 शालाओं का पर्याय दिया जा सकता था. किंतु अब 30 शालाओं का पर्याय दिया जा सकता है. जिन शिक्षकों की सेवा दुर्गम क्षेत्र में तीन साल अथवा इससे अधिक हो गयी है, वे तबादले हेतु पात्र माने जायेंगे. वहीं सर्वसाधारण क्षेत्र में दस वर्ष की सेवा और एक ही शाला में पांच वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को तबादले हेतु पात्र माना जायेगा.
आंतरजिला तबादले हेतु चार जिलों का पर्याय
जिला परिषद शिक्षकों को आंतरजिला तबादले हेतु अब एक की बजाय चार जिलों का पर्याय देने की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके साथ ही यदि आंतरजिला तबादले के लिए अलग-अलग जिलों के दो लोगोें ने आवेदन किये है और किसे अन्य जिले का पर्याय दिया है, तो दोनों में जो कनिष्ठ रहेगा उसकी सेवाजेष्ठता ग्राह्य मानी जायेगी.