अमरावती में होगा विशाल शक्ति प्रदर्शन
2004 की यादें ताजा होगी, जिले के प्रहारी रैली में आने बेताब
* बच्चू ने स्वयं कमान ली हाथ में
* कॉर्नर मीटिंग्स व मेल मुलाकात चालू
* आज शाम बच्चू के नेतृत्व में तैयारी बैठक
अमरावती/दि.1 –रूग्ण सेवक और विदर्भ के राजा के अनन्य भक्त के रूप में विख्यात कार्यकर्ता की इमेज रखनेवाले दिनेश बूब के चुनाव लडने की घोषणा पश्चात 2004 का बच्चू कडू वाला माहौल और अंदाज अधिकांश को याद आ रहा है. कडू के अंदाज में ही दिनेश बूब परसों 3 अप्रैल को लावलश्कर के साथ जिलाधिकारी कार्यालय जाकर लोकसभा के लिए परचा दाखिल करेंगे. प्रहार के दोनों विधायकों बच्चू कडू और राजकुमार पटेल के साथ ही बूब के अनेक प्रसिध्द सहयोगी, कार्यकर्ता इस समय उनके साथ होंगे. अंदाजा व्यक्त किया जा रहा है कि 30 हजार से अधिक कार्यकर्ता, प्रहारी बूब की नामांकन रैली में सहभागी होंगे. उल्लेखनीय है कि 4 विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक पार कर चुके बच्चू कडू ने बूब के चुनाव की बागडोर अपने हाथ ले ली है. बता दें कि बच्चू कडू 20 वर्ष पहले अमरावती से चुनाव लड चुके हैं. उस चुनाव का भी कडू का अनुभव दिनेश बूब के लिए फायदेमंद रहेगा.
* आदिवासी नृत्य और ढोल ताशे
शहर से लेकर जिले के सुदूर धारणी तक अपार जोश का दावा बूब के समर्थक कर रहे हैं. मेलघाट के कई आदिवासी अपनी पारंपरिक वेशभूषा मेंं आयेंगे. उसी प्रकार नामांकन रैली में आदिवासी नृत्य, ढोल ताशे, पटाखों की लडियां लावलश्कर रहेगा. इसकी जोरदार तैयारी शुरू है. आज शाम आयोजित बैठक में तैयारी को अंतिम रूप दिया जायेगा. आज प्रहार पक्ष प्रमुख बच्चू कडू सम्मेलन में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन करनेवाले हैं. जिससे कडू को सुनने के लिए भी स्वयंभू कार्यकर्ता आतुर हैं, उत्सुक हैं. इस बीच दिनेश बूब ने अमरावती मंडल से बातचीत में कहा कि यह उनके लिए चुनाव नहीं बल्कि एक जन आंदोलन है. जन-जन खुद होकर उनकी उम्मीदवारी को अपनी उम्मीदवारी मानकर काम से लग गया है. उल्लेखनीय है कि विदर्भ के राजा जिस स्थान पर, पंडाल में विराजते हैं वहीं प्रहार का आज का सम्मेलन आयोजित हैं. जिसे कार्यकर्ता व पदाधिकारी सम्मेलन का नाम दिया गया है. खापर्डे बगीचा स्थित न्यू आजाद गणेश मंडल के प्रांगण में सम्मेलन शाम 7 बजे शुरू होगा. उल्लेखनीय है कि विधायक बच्चू कडू ने रविवार को मंडल न्यूज से बातचीत में साफ कहा कि उनका सपना दिनेश बूब पूर्ण करने जा रहे हैं. कडू 20 वर्ष पहले अमरावती से लोकसभा पहुंचते-पहुंचते थोडे अंतर से रह गये थे.
* खुद होकर आगे आ रहे लोग
दिनेश बूब की उम्मीदवारी की घोषणा विधायक राजकुमार पटेल ने दो रोज पहले की थी. उसके बाद मुख्य मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक बूब की उम्मीदवारी छाई हुई है. लोग स्वयं होकर आगे आ रहे हैं. बूब के लिए प्रचार में जुट गये हैं. स्वयं पोस्टर बैनर का मैटर, स्वरूप बनाकर अपलोड कर रहे हैं.
* जन आंदोलन का रूप
मंडल न्यूज से बातचीत में दिनेश बूब ने स्पष्ट किया कि चुनाव की घोषणा से ही लोगों का रिस्पॉन्स मिल रहा है. यह जन आंदोलन का स्वरूप ले रहा हैं. धारणी मेलघाट से लोग आ रहे हैं. वे अमरावती के लोगों से अपनी शक्ति अनुरूप योगदान करने की अपील कर रहे हैं. इस अपील को भी जोरदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. आज शाम के सम्मेलन में अमरावती मनपा क्षेत्र के समर्थक और कार्यकर्ता एवं प्रहार संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उत्साह से सहभागी हो रहे हैं. अन्य को भी सम्मेलन में आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
* परसों नामांकन रैली, तय होगी रूपरेखा
उल्लेखनीय है कि शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख रह चुके दिनेश बूब ने प्रहार जनशक्ति पार्टी की टिकट पर अमरावती संसदीय क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव लडने का खुला ऐलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि, वे पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू तथा मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल की प्रमुख उपस्थिति के बीच परसों 3 अप्रैल को अपनी दावेदारी का नामांकन पेश करने वाले हैं. नामांकन रैली की रूपरेखा पर आज चर्चा और निर्णय होगा. खबर है कि अचलपुर और मेलघाट विधानसभा क्षेत्र से हजारों प्रहार कार्यकर्ता परसों बुधवार को अमरावती दिनेश बूब की नामांकन रैली में सहभागी होंगे. बूब के खासमखास कार्यकर्ताओं का जोश देखते ही बन रहा है.
* निराशा व संभ्रम का माहौल
दिनेश बूब ने कहा कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र में इस समय बडे-बडे राजनीतिक दलों एवं प्रस्थापित राजनेताओं द्वारा जिस तरह के हालात बना दिये गये हैं, उसे देखते हुए आम जनता में अपने जनप्रतिनिधियों को लेकर काफी हद तक निराशा व संभ्रम वाला माहौल है तथा उनके परिचय में रहने वाले कई लोगों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों में उनके मित्र रहने वाले पदाधिकारियों ने उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव लडने हेतु कहा. ऐसे में जनभावना का सम्मान करते हुए वे आगामी संसदीय चुनाव में हिस्सा लेने जा रहे हैं.* 20 वर्ष बाद इतिहास अपने को दोहरा रहा
दिनेश बूब ने कहा कि, उन्होंने अपनी भूमिका पहले दिन से पार्टी नेतृत्व के सामने स्पष्ट कर दी थी और उस समय वे खुद चुनाव लडने के इच्छुक नहीं थे, बल्कि उनकी यह इच्छा थी कि, शिवसेना द्वारा यह सीट अपने कब्जे में रखते हुए किसी योग्य शिवसैनिक को अपना प्रत्याशी बनाया जाए, लेकिन अब हालात कुछ ऐसे हो गये हैं कि, खुद उन्हें चुनावी मैदान में उतरना पड रहा है. दिनेश बूब के मुताबिक उन्होंने इस चुनाव के लिए विकास के विजन को लेकर विजय प्राप्त करने का स्पष्ट एजेंडा तैयार किया है और वे जाति और धर्म की राजनीति से दूर रहते हुए जिले के समग्र विकास के लिए काम करेंगे. उल्लेखनीय है कि बूब के लिए माहौल बनाने में हजारों कार्यकर्ता जुटे हैं. जिसमें कांग्रेस, शिवसेना, भाजपा, राकांपा सभी दलों के लोग हैं. ऐसा अमरावती में 20 वर्ष बाद देखने मिल रहा हैं. 20 साल पहले बच्चू कडू के इलेक्शन के समय भी ऐसे ही विविध दलों के लोग एकजुट हो गये थे. जेब से खर्च कर चुनाव प्रचार और नुक्कड बैठकें आयोजित कर रहे थे. काफी कुछ वैसा ही वातावरण बनता दिखाई पड रहा.