अमरावती

व्यापारी व शिक्षकों के माध्यम से होगा शिक्षा पध्दति में बदलाव

संगाबा विवि कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे का प्रतिपादन

* चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं अमरावती विश्वविद्यालय की ‘उद्योग और शिक्षा के बीच की खाई को पाटना’ विषय पर बैठक
अमरावती/दि.20– उद्योग व प्रशासन का समन्वय बनाना आवश्यक है. कुशल मनुष्य निर्माण में उद्योगोें का योेगदान ही रोजगार के साधन उपलब्ध करवा सकते है. केवल सर्विस व प्रोडक्ट से देश का विकास नहीं हो सकता. उसके लिए पर्याप्त मनुष्य बल और उसे ग्राहकों तक पहुंचाने की चेन होनी चाहिए तभी उत्पादन की मांग बढती है. अन्यथा उत्पादन केवल वेस्ट ऑफ टाईम, मनी तथा एनर्जी बनकर रह जाता है. हमें सर्वप्रथम अपने लक्ष्य को निर्धारित करना होगा. जिसमें व्यापारी व शिक्षक अहम भूमिका निभा सकते है. व्यापार व शिक्षा में समन्वय बनाकर शिक्षा पध्दति को रोजगारक्षम बनाना आसान होगा, ऐसा प्रतिपादन संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने किया. स्थानीय बडनेरा मार्ग स्थित होटल प्राइम पार्क में शनिवार को अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘विद्यार्थियों के कौशल विकास को गति देने के लिए उद्योग और शिक्षा के बीच की खाई को पाटना’ इस विषय पर मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मार्गदर्शक के रूप में बोल रहे थे.
कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएआईटी बी. सी. भरतिया, अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एड इंडस्ट्री अध्यक्ष विनोद कलंत्री, गणेशदास राठी छात्रालय समिति के अध्यक्ष वसंतबाबू मालपानी,
सीनेट सदस्य दिनेश सूर्यवंशी, पंजाबराव देशमुख विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वर्षा देशमुख, प्र-कुलगुरू विजयकुमार चौबे, कुलसचिव तुषार देशमुख आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. कुलगुरू डॉ. मालेखेडे ने कहा कि समय के साथ युवाओें में स्टार्ट अप का क्रेज बढ रहा है. उनके पास नये-नए आयडियाज है, लेकिन उसे उद्योग से परिवर्तित करने के लिए सही राह नहीं है. अब इंडस्ट्रीज का परफेक्शन अकादमी में लाना होगा. विवि से उत्तीर्ण होने वाले 35 फीसदी विद्यार्थी ही रोजगारक्षम बन रहे है. शेष विद्यार्थियों की आजीविका के लिए अथक परिश्रम करने पड रहे है. उन्हें इस माध्यम से स्वयंरोजगार के लिए प्रेरित करना संभव होगा. इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा विविध कोर्सेस शुरू किए जा रहे है. जिसकी शुरूआत इस शिक्षा सत्र से होगी. आनेवाले समय में विवि का छात्र केवल शिक्षा प्राप्त नहीं करेगा, बल्कि इंटरशिप के माध्यम से रोजगार का ज्ञान भी अर्जित करेगा. साथ ही स्किल कम्पोनेंट भी विकसित होगी. भविष्य में अमरावती विवि का शिक्षा को रोजगारक्षम बनाने का यह मॉडल देश का रोल मॉडल साबित होगी, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. बी. सी. भरतिया ने कहा कि शिक्षा पध्दति अब केवल प्रशासकीय सेवा तक सीमित हो चुकी है. यह उद्योगों को बढावा देने, युवाओं को उद्योगों के प्रति आकर्षित करने कार्य नहीं करती, हमें इसे उद्योग, व्यवसायशील बनाने पर बल देना होगा. समाज में अब लडकों के साथ लडकियां भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है, लेकिन उनकी शिक्षा का समाज की उन्नति में योगदान नाममात्र है. अब युवतियों को भी उद्योग जगत से जोडने तक उन्हें अपने पैरों पर खडा करने के लिए हमेें प्रयास करने की बात उन्होंने कही. बसंतकुमार मालपाणी ने कहा कि, शिक्षा, उद्योग व्यापार एक साथ नहीं चलते, हमें बच्चों को प्रॅक्टीकल नॉलेज देना होगा, तभी हम बच्चों को नौकरी से अधिक स्वयंरोजगार के लिए प्रेरित कर सकेंगे.
प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने कहा कि विवि में पढनेवाले 85 से 90 फीसदी विद्यार्थी आर्थिक रूप से असक्षम परिवार से होते है. केवल 10 प्रतिशत विद्यार्थी सक्षम परिवार से आते है. उन 90 फीसदी विद्यार्थियों को रोजगार के लिए नए साधन उपलब्ध करवाने के साथ ही उन्हें दूसरों को रोजगार उपलब्ध करवाने में सहायक बनाने की यह पहल सराहनीय है. आनेवाले समय में यह शिक्षा व उद्योगों की दूरी को कम करने में सहायक साबित होगी, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. अन्य अतिथियों ने समयोचित विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की प्रस्तावना, विनोद कलंत्री ने रखी. संचालन निलेश परतानी ने किया. आभार पल्लवी मांडवगडे ने माना.
कार्यक्रम में सातुर्णा एमआईडीसी के अध्यक्ष वीरेन्द्र लढ्ढा, सीए मयूर झंवर, सीए समीर संघई, नरेश वर्मा, मीनाक्षी सिकची, देवांश कलंत्री आदि का विशेष रूप से शाल, श्रीफल व पुष्पुच्छ देकर सत्कार किया गया. कार्यक्रम में प्रा. दिनेश निचित, प्रा. स्वाती शेरेकर, प्रा श्रीकांत पाटिल, राजू बोरकर, डॉ. विलास नांदुरकर, प्रकल्प राठी, जगदीश शर्मा, सीए आर. आर. खंडेलवाल, राजेश मित्तल, मनीष करवा, कृष्णराव इंगले, ओम नावंदर, प्रा. दीपक धोटे, विजय भुतडा, किशन मोटवानी , मुकेश हरवानी, संदीप अग्रवाल, सीए पवन जाजू, सीए विष्णुकांत सोनी, सीए मध्ाुर झंवर, श्याम शर्मा, पुरूषोत्तम बजाज, आत्माराम पुरसवानी, हिमांशु वेद, संजय आंचलिया, राजेन्द्र सारडा, अमित मंत्री, साहिल खंडेलवाल, अजिंक्य समेत बडी संख्या में शहर के व्यापारी गण, चार्टर्ड एकाउंटेंट उपस्थित थे.

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