नवंबर में अंतरिक्ष में होगी आतिशबाजी
सुपर मून, शनि रिंग सहित उल्का वर्षा देखने मिलेगा अवसर
* विज्ञान केंद्र संचालक डॉ. पंकज नागपुरे व्दारा जानकारी
अमरावती/दि.5– दीपोत्सव के दौरान आकाश में पटाखों की आतिशबाजी देखने को मिल रही है. इसी तरह नवंबर महीने में अंतरिक्ष में भी शनि की सुंदर कडा (रिंग) सुपर मून व उल्का वर्षा होने की खगोलीय घटना के कारण आकाश में ग्रह व उनकी आतिशबाजी देखने को मिलने वाली है. ऐसी जानकारी श्री शिवाजी विज्ञान केंद्र के संचालक प्रा. डॉ. पंकज गुल्हाने ने दी.
डॉ. गुल्हाने व्दारा बताया गया कि नवंबर महीने में यह आकाश निरीक्षण के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है. तीन व पांच तारीख के दौरान सूर्यास्त के बाद चंद्र तेजस्वी शुक्र व दुर्मिल बुध के नजदीक दिखाई देता है. पहले कार्तिक चंद्र 9 नवंबर को दिखाई देगा. 10 नवंबर को बढते कलाएं चंद्र के भ्रमण शनि के पास होगा. विशेष यह कि यह पूरे महीने में शनि भी अपने सुंदर रिंग सहित देखा जा सकता है. इसी समय फोमलहॉट नाम का तेजस्वी तारा भी नजदीक रहता है.
14 नवंबर को चंद्र पृथ्वी के सबसे नजदीक ( लगभग 360100 किमी) रहेगा. वर्ष का अंतिम सुपर मून, सुपर बीव्हर मून 15 नवंबर को नजर आएगा. प्लिआर्ड्स तारों का गुच्छा सुपर मून के नजदीक रहेगा. तेजस्वी गुरु और नारंगी तारा आर्ल्डेबार भी उन्हीं के आसपास नजर आएगा. आर्ल्डेबार और प्लिआर्ड्स एक गुच्छे के रुप में दिखाई पडेंगे. 20 नवंबर की सबेरे चंद्र और मंगल मिथुन राशि के जुडवा तारों के पास दिखाई देंगे. 22-23 नवंबर को अंतिम कार्तिक चंद्र रहेंगा. 26 नवंबर को चंद्र यह पृथ्वी से सर्वाधिक दूर (लगभग 405310 किमी) होंगा.
नवंबर माह मेें तीन प्रमुख उल्का वर्षा होगी. प्रथम दक्षिण और उत्तर टॉरिड्स (वृषभ राशि) उल्का वर्षा अक्तूबर के अंत में शुरू होती है. नवंबर के प्रारंभ तक चलती है. दक्षिण टॉरिड्स का शिखर बिंदू 5 नवंबर को रहेंगा. आधि रात के बाद इसे देखने का सबसे सही समय है. उत्तर टॉरिड्स का शिखर बिंदू 12 नवंबर को रहेंगा. किंतु उस दिन चंद्र तेजस्वी होने से एवं काफी उल्काएं रहने से भी वे दिखाई देने की संभावना कम है. गहरे आकाश की स्थिती में दक्षिण और उत्तर टॉरिड्स का उल्का वर्षा एक समय में प्रति घंटा 10 उल्कांए पैदा करती है.
18 को उल्का वर्षा
नवंबर की सबसे बडी उल्का वर्षा 17-18 तारीख को होंगी. जो प्रसिध्द लियोनिड्स (सिंह राशि) उल्का वर्षा का शिखर बिंदू हैं. इस बार तेजस्वी चंद्र के कारण उल्का वर्षा धूमिल होने की संभावना हैं. लियोनिड्स उल्का सिंह राशि से प्रक्षिप्त होती है. उनका प्रक्षिप्त बिंदू आकाश में सर्वाधिक उंचाई पर सवेरे रहेंगा. 18 नवंबर को आधिरात के बाद तडके अंधियारे आकाश में हम प्रति घंटा लियोनिड्स उल्कांए देख सकेगे. ऐसी जानकारी भी प्रा. पंकज नागपुरे ने दी.